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रतिया। गांव बीराबंदी में वीरवार दोपहर बाद गांव से गुजरने वाली सुखचैन नहर में डूबने से ममेरे बहन भाई की मौत हो गई। लड़की अशक 8 साल की जबकि उसका ममेरा भाई अभिजोत 9 साल का था। नहर में डूबे दोनों बच्चों के शव कुछ दूरी पर मिले हैैं। परिजनों ने लड़की अशक का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि मृतक अभिजोत का शव उसके परिजन गांव बप्पा ले गए। एक ही घर के दो बच्चों की मौत से गांव में मातम का माहौल है।
जानकारी के अनुसार बालक अभिजोत गांव बप्पा से अपने ननिहाल गांव बीराबदी में आया हुआ था। बताया गया है कि दोनों बहन भाई आपस में खेलते हुए वीरवार दोपहर को गांव के बीचोबीच से गुजरने वाली सुखचैन नहर चले गए। बताया गया है कि गांव के पुल पर दोनों तरफ भैंसों को नहलाने के लिए जगह बनाई गई है, जिसमें दोनों बच्चे नहा रहे थे। बताया गया है कि इसी दौरान वह नहर में पानी के साथ बह गए। जब काफी देर तक वह दिखाई नहीं दिए तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू दी। इसके लिए नहर में जाल लगाने के साथ-साथ गोताखोर भी उतारे गए। देर शाम दोनों बच्चों के शव नहर से मिल गए। नागपुर चौकी के इंचार्ज जितेंद्र ने बताया कि उन्हें बच्चों के डूबने की जानकारी मिली थी जिसके लिए पुलिस कर्मचारी को भेजा था, लेकिन ग्रामीणों ने बिना पुलिस कार्रवाई किए बच्ची का संस्कार कर दिया जिसके बाद पुलिस वापस आ गई।
रतिया। गांव बीराबंदी में वीरवार दोपहर बाद गांव से गुजरने वाली सुखचैन नहर में डूबने से ममेरे बहन भाई की मौत हो गई। लड़की अशक 8 साल की जबकि उसका ममेरा भाई अभिजोत 9 साल का था। नहर में डूबे दोनों बच्चों के शव कुछ दूरी पर मिले हैैं। परिजनों ने लड़की अशक का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया। जबकि मृतक अभिजोत का शव उसके परिजन गांव बप्पा ले गए। एक ही घर के दो बच्चों की मौत से गांव में मातम का माहौल है।
जानकारी के अनुसार बालक अभिजोत गांव बप्पा से अपने ननिहाल गांव बीराबदी में आया हुआ था। बताया गया है कि दोनों बहन भाई आपस में खेलते हुए वीरवार दोपहर को गांव के बीचोबीच से गुजरने वाली सुखचैन नहर चले गए। बताया गया है कि गांव के पुल पर दोनों तरफ भैंसों को नहलाने के लिए जगह बनाई गई है, जिसमें दोनों बच्चे नहा रहे थे। बताया गया है कि इसी दौरान वह नहर में पानी के साथ बह गए। जब काफी देर तक वह दिखाई नहीं दिए तो परिजनों ने उनकी तलाश शुरू दी। इसके लिए नहर में जाल लगाने के साथ-साथ गोताखोर भी उतारे गए। देर शाम दोनों बच्चों के शव नहर से मिल गए। नागपुर चौकी के इंचार्ज जितेंद्र ने बताया कि उन्हें बच्चों के डूबने की जानकारी मिली थी जिसके लिए पुलिस कर्मचारी को भेजा था, लेकिन ग्रामीणों ने बिना पुलिस कार्रवाई किए बच्ची का संस्कार कर दिया जिसके बाद पुलिस वापस आ गई।
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