नए सत्र में 60 सीटों पर प्रवेश देगा बागवानी विश्वविद्यालय


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संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। नए शैक्षणिक सत्र में बागवानी की शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक ज्यादा विद्यार्थियों को अवसर मिलेंगे। सत्र 2022-23 में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल बीएससी ऑनर्स हार्टीकल्चर के लिए 60 सीटों पर प्रवेश देगा। अब से पहले प्रत्येक वर्ष 30 सीटों पर ही प्रवेश दिया जाता था। इस बार प्रवेश की प्रक्रिया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगी। एनटीए ही आवेदकों का टेस्ट लेगी। उसके बाद विश्वविद्यालय में काउंसलिंग कर दाखिला दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय सिंह ने बताया कि बीएससी ऑनर्स हार्टीकल्चर चार वर्षीय कोर्स है। दाखिले के लिए एनटीए की ओर से जुलाई में आवेदन लिए जा सकते हैं और अगस्त में प्रवेश परीक्षा हो सकती है। फिलहाल तिथि तय नहीं है। इस बाबत विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना 2016 में हुई थी। प्रथम सत्र 2020-21 में 30 सीट व द्वितीय सत्र 2021-22 में भी 30 सीटों पर ही प्रवेश दिया गया था। कुलपति प्रो. समर सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक) इस विश्वविद्यालय के कैंपस को विश्व स्तरीय बनाने पर जोर दे रहे हैं। अंजनथली गांव में विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं।

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करनाल। नए शैक्षणिक सत्र में बागवानी की शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक ज्यादा विद्यार्थियों को अवसर मिलेंगे। सत्र 2022-23 में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल बीएससी ऑनर्स हार्टीकल्चर के लिए 60 सीटों पर प्रवेश देगा। अब से पहले प्रत्येक वर्ष 30 सीटों पर ही प्रवेश दिया जाता था। इस बार प्रवेश की प्रक्रिया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगी। एनटीए ही आवेदकों का टेस्ट लेगी। उसके बाद विश्वविद्यालय में काउंसलिंग कर दाखिला दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय सिंह ने बताया कि बीएससी ऑनर्स हार्टीकल्चर चार वर्षीय कोर्स है। दाखिले के लिए एनटीए की ओर से जुलाई में आवेदन लिए जा सकते हैं और अगस्त में प्रवेश परीक्षा हो सकती है। फिलहाल तिथि तय नहीं है। इस बाबत विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना 2016 में हुई थी। प्रथम सत्र 2020-21 में 30 सीट व द्वितीय सत्र 2021-22 में भी 30 सीटों पर ही प्रवेश दिया गया था। कुलपति प्रो. समर सिंह (वरिष्ठ वैज्ञानिक) इस विश्वविद्यालय के कैंपस को विश्व स्तरीय बनाने पर जोर दे रहे हैं। अंजनथली गांव में विश्वविद्यालय परिसर में निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं।

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