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नारनौल। पंचायत एवं विकास विभाग के कनिष्ठ अभियंता भगत सिंह ने एक ठेकेदार पर धोखाधड़ी कर 52.5 लाख रुपये एेंठने का आरोप लगाया है। कनिष्ठ अभियंता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। इसके बाद शहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पुलिस को दी शिकायत में मदाना कलां निवासी भगत सिंह ने बताया कि वह पंचायत एवं विकास विभाग नारनौल में बतौर कनिष्ठ अभियंता कार्यरत हैं। काठमंडी निवासी अरविंद कुमार बतौर ठेकेदार लोहे के चौखट व दरवाजे आदि सप्लाई कार्य उनके विभाग में करता था। अरविंद कुमार दो फर्मों से विभाग को मैटेरियल सप्लाई किया करता था। इस दौरान अरविंद कुमार ने उससे आग्रह किया की उसे अपना व्यवसाय सुचारु रूप से चलाने हेतु रुपये की सख्त जरूरत है। उसके बार-बार अनुरोध करने पर उसने 7 अक्तूबर 2014 में चार लाख रुपये की राशि का चेक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया। इसके बाद फिर 9 अक्तूबर 2014 को दोबारा चार लाख रुपये दिए। इसके बाद अरविंद कुमार द्वारा दोबारा आग्रह करने पर उसने अपने खाते से 14 दिसंबर 2018 को सात लाख रुपये की राशि उसके खाते में स्थानांतरित कर दी। उसने संजय निवासी साल्हावास द्वारा अपनी गारंटी पर तीन लाख रुपये 21 मार्च 2016 को अरविंद कुमार को नकद दिलवाए। इसके अतिरिक्त 28 अक्तूबर 2016 को साल्हावास निवासी देवेंद्र द्वारा बारह लाख रुपये उधार दिलवाए।
बार-बार आग्रह करने पर अरविंद कुमार ने दो लाख पचास हजार रुपये देवेंद्र कुमार को वापिस दे दिए गए। फिर 30 दिसंबर 2016 को अरविंद कुमार के बार- बार विनती करने पर अपनी गारंटी पर 25 लाख रुपये नकद को दिलवाए थे। परंतु अब बार-बार आग्रह व कहने के बाद भी अरविंद उसके व उसके द्वारा दिलवाए गए रुपये अपनी पारिवारिक स्थिति व माली हालत का बहाना बनाकर टाल रहा है। 24 अप्रैल 2022 को उसके घर नारनौल काठमंडी गया वहां उसके पिता व उसका भाई मिले। उन्होंने बताया कि अरविंद कुमार अपनी पत्नी व बच्चों सहित 23 मार्च 2022 को घर छोड़कर चला गया है। जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार अरविंद कुमार व उसके भाईयों ने मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी कर पैसे ठग लिए है। इसलिए उक्त के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगा। पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
नारनौल। पंचायत एवं विकास विभाग के कनिष्ठ अभियंता भगत सिंह ने एक ठेकेदार पर धोखाधड़ी कर 52.5 लाख रुपये एेंठने का आरोप लगाया है। कनिष्ठ अभियंता ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। इसके बाद शहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया।
पुलिस को दी शिकायत में मदाना कलां निवासी भगत सिंह ने बताया कि वह पंचायत एवं विकास विभाग नारनौल में बतौर कनिष्ठ अभियंता कार्यरत हैं। काठमंडी निवासी अरविंद कुमार बतौर ठेकेदार लोहे के चौखट व दरवाजे आदि सप्लाई कार्य उनके विभाग में करता था। अरविंद कुमार दो फर्मों से विभाग को मैटेरियल सप्लाई किया करता था। इस दौरान अरविंद कुमार ने उससे आग्रह किया की उसे अपना व्यवसाय सुचारु रूप से चलाने हेतु रुपये की सख्त जरूरत है। उसके बार-बार अनुरोध करने पर उसने 7 अक्तूबर 2014 में चार लाख रुपये की राशि का चेक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर दिया। इसके बाद फिर 9 अक्तूबर 2014 को दोबारा चार लाख रुपये दिए। इसके बाद अरविंद कुमार द्वारा दोबारा आग्रह करने पर उसने अपने खाते से 14 दिसंबर 2018 को सात लाख रुपये की राशि उसके खाते में स्थानांतरित कर दी। उसने संजय निवासी साल्हावास द्वारा अपनी गारंटी पर तीन लाख रुपये 21 मार्च 2016 को अरविंद कुमार को नकद दिलवाए। इसके अतिरिक्त 28 अक्तूबर 2016 को साल्हावास निवासी देवेंद्र द्वारा बारह लाख रुपये उधार दिलवाए।
बार-बार आग्रह करने पर अरविंद कुमार ने दो लाख पचास हजार रुपये देवेंद्र कुमार को वापिस दे दिए गए। फिर 30 दिसंबर 2016 को अरविंद कुमार के बार- बार विनती करने पर अपनी गारंटी पर 25 लाख रुपये नकद को दिलवाए थे। परंतु अब बार-बार आग्रह व कहने के बाद भी अरविंद उसके व उसके द्वारा दिलवाए गए रुपये अपनी पारिवारिक स्थिति व माली हालत का बहाना बनाकर टाल रहा है। 24 अप्रैल 2022 को उसके घर नारनौल काठमंडी गया वहां उसके पिता व उसका भाई मिले। उन्होंने बताया कि अरविंद कुमार अपनी पत्नी व बच्चों सहित 23 मार्च 2022 को घर छोड़कर चला गया है। जिसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकार अरविंद कुमार व उसके भाईयों ने मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी कर पैसे ठग लिए है। इसलिए उक्त के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगा। पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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