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पानीपत। धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान को मेरा पानी-मेरी विरासत और मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही लाभकारी योजना का किसान लाभ उठा सकते हैं।
योजना के अनुसार जिन खेतों में गत वर्ष धान की फसल उगाई गई थी, इस खरीफ सीजन में उनमें धान को छोड़कर अन्य फसल उगाने वाले किसान प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे। इन फसलों में कपास, मक्का, अरहर, मूंग, बागवानी, सब्जी, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, प्याज और चारा की फसलें शामिल हैं। वर्ष 2021 में खरीफ सीजन के दौरान एमपीएमवी के तहत फसल विविधीकरण को अपनाने वाले किसान भी इस वर्ष प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र हैं, यदि वे उसी खेत में धान के बजाय वैकल्पिक फसलों की बिजाई जारी रखते हैं। इस खरीफ के दौरान अपने पिछले वर्षों के खरीफ धान के खेतों को खाली रखने वाले किसान भी प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे।
धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान को मेरा पानी-मेरी विरासत व मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। किसान को पंजीकरण के सभी दस्तावेज कृषि विभाग में पटवारी के हस्ताक्षर सहित जमा करवाने होंगे। बाजरे की फसल की बिजाई करने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
– डॉ. वजीर सिंह, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पानीपत।
पानीपत। धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान को मेरा पानी-मेरी विरासत और मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही लाभकारी योजना का किसान लाभ उठा सकते हैं।
योजना के अनुसार जिन खेतों में गत वर्ष धान की फसल उगाई गई थी, इस खरीफ सीजन में उनमें धान को छोड़कर अन्य फसल उगाने वाले किसान प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे। इन फसलों में कपास, मक्का, अरहर, मूंग, बागवानी, सब्जी, मोठ, उड़द, सोयाबीन, ग्वार, तिल, मूंगफली, प्याज और चारा की फसलें शामिल हैं। वर्ष 2021 में खरीफ सीजन के दौरान एमपीएमवी के तहत फसल विविधीकरण को अपनाने वाले किसान भी इस वर्ष प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र हैं, यदि वे उसी खेत में धान के बजाय वैकल्पिक फसलों की बिजाई जारी रखते हैं। इस खरीफ के दौरान अपने पिछले वर्षों के खरीफ धान के खेतों को खाली रखने वाले किसान भी प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे।
धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ सात हजार रुपये के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान को मेरा पानी-मेरी विरासत व मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। किसान को पंजीकरण के सभी दस्तावेज कृषि विभाग में पटवारी के हस्ताक्षर सहित जमा करवाने होंगे। बाजरे की फसल की बिजाई करने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
– डॉ. वजीर सिंह, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, पानीपत।
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