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हिसार। नागरिक अस्पताल में पिछले दिनों बने दिव्यांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े के मामले में सोमवार को गठित की गई टीम ने एक बार फिर से संबंधित चिकित्सकों से पूछताछ की। उनके साइन और फार्म पर मिले साइनों का मिलान किया गया। टीम ने दोबारा से फार्मों की जांच की है। टीम की जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सीएमओ ने सभी चिकित्सकों को दिशा निर्देश दिए हैं कि जो भी चिकित्सक मीडिया को कुछ बताएगा तो वह खुद जिम्मेवार होगा। जांच में अभी तक सात फार्म ऐसे मिल चुके हैं जिन पर नकली हस्ताक्षर और नकली मुहर लगी हुई है।
एक फार्म पर चिकित्सक हस्ताक्षरों से की है छेड़छाड़
जानकारी के अनुसार पिछले वीरवार को नागरिक अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। सीएमओ ने चार चिकित्सकों की टीम का गठन किया था। टीम ने 1000 से अधिक दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच की तो सात ऐसे फार्म सामने आए जिन पर चिकित्सकों के नकली हस्ताक्षर और नकली मुहर मिली है। जांच में ये भी सामने आया कि एक फार्म पर तो चिकित्सक के हस्ताक्षर से छेड़छाड़ की गई है जो साफ दिखाई दे रही है। सोमवार को दोबारा से गठित की गई टीम के सदस्यों ने कई चिकित्सकों से सीएमओ कार्यालय में पूछताछ की। उनके हस्ताक्षरों और मुहर का मिलान किया गया।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद यह अस्पताल परिसर में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्टाफ से लेकर चिकित्सकों के बीच इसी की चर्चा चल रही है। फिलहाल अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी का नाम उजागर नहीं किया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग नाम उजागर करेगा है।
अभी तक दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हुई है। गठित की गई टीम जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। – डॉ. रत्ना भारती, सीएमओ, नागरिक अस्पताल
हिसार। नागरिक अस्पताल में पिछले दिनों बने दिव्यांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़े के मामले में सोमवार को गठित की गई टीम ने एक बार फिर से संबंधित चिकित्सकों से पूछताछ की। उनके साइन और फार्म पर मिले साइनों का मिलान किया गया। टीम ने दोबारा से फार्मों की जांच की है। टीम की जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सीएमओ ने सभी चिकित्सकों को दिशा निर्देश दिए हैं कि जो भी चिकित्सक मीडिया को कुछ बताएगा तो वह खुद जिम्मेवार होगा। जांच में अभी तक सात फार्म ऐसे मिल चुके हैं जिन पर नकली हस्ताक्षर और नकली मुहर लगी हुई है।
एक फार्म पर चिकित्सक हस्ताक्षरों से की है छेड़छाड़
जानकारी के अनुसार पिछले वीरवार को नागरिक अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था। सीएमओ ने चार चिकित्सकों की टीम का गठन किया था। टीम ने 1000 से अधिक दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच की तो सात ऐसे फार्म सामने आए जिन पर चिकित्सकों के नकली हस्ताक्षर और नकली मुहर मिली है। जांच में ये भी सामने आया कि एक फार्म पर तो चिकित्सक के हस्ताक्षर से छेड़छाड़ की गई है जो साफ दिखाई दे रही है। सोमवार को दोबारा से गठित की गई टीम के सदस्यों ने कई चिकित्सकों से सीएमओ कार्यालय में पूछताछ की। उनके हस्ताक्षरों और मुहर का मिलान किया गया।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद यह अस्पताल परिसर में चर्चा का विषय बना हुआ है। स्टाफ से लेकर चिकित्सकों के बीच इसी की चर्चा चल रही है। फिलहाल अभी तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी का नाम उजागर नहीं किया गया है। जांच पूरी होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग नाम उजागर करेगा है।
अभी तक दिव्यांगता प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हुई है। गठित की गई टीम जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। – डॉ. रत्ना भारती, सीएमओ, नागरिक अस्पताल
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