[ad_1]
7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
प्रिंस सलमान इजराइल से दोस्ती के खतरों को जानते हैं, फिर भी अमेरिका और इजराइल के साथ मेगा डील करना चाहते हैं।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को जान का खतरा महसूस हो रहा है। अमेरिकी वेबसाइट पोलिटिको के मुताबिक उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि वे इजराइल और अमेरिका के साथ सौदेबाजी कर खुद को खतरे में डाल रहे हैं।
उन्होंने मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात का भी जिक्र दिया। इजराइल के साथ 1978 में शांति समझौता करने की वजह से 1981 में उनकी हत्या कर दी गई थी। प्रिंस सलमान ने पूछा कि आखिर अमेरिका ने सादात की हिफाजत करने के लिए क्या इंतजाम किए थे?
प्रिंस सलमान ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि इजराइल के साथ अगर कोई भी शांति समझौता करना है तो इसके लिए अलग फिलिस्तीन देश का निर्माण जरूरी है। खासकर ऐसे वक्त में जब गाजा में हो रही लड़ाई की वजह से इजराइल के खिलाफ अरबों का गुस्सा और बढ़ गया है।
खतरे के बाद भी डील करना चाहते हैं सलमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंस सलमान को इजराइल से दोस्ती करने के बाद होने वाले नुकसान का अंदाजा है। वे फिर भी अमेरिका और इजराइल के साथ मेगा डील करना चाहते हैं। वे इसे सऊदी अरब के लिए जरूरी मानते हैं।
इजराइल से दोस्ती कायम करने के बाद अमेरिका, इजराइल की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी संभालेगा। इसके अलावा उसे अमेरिका से सिविलियन न्यूक्लियर प्रोग्राम और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी मदद मिल सकती है।
इस मेगा डील के बाद सऊदी अरब, चीन के साथ अपने लेन-देन को सीमित कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम देशों के बीच सऊदी के महत्व को देखते हुए यह डील इजराइल के लिए एक वरदान साबित हो सकती है।
प्रिंस सलमान इजराइल संग डील करना चाहते हैं लेकिन नेतन्याहू अलग फिलिस्तीनी देश के लिए तैयार नहीं हैं।
अलग फिलिस्तीनी देश के लिए राजी नहीं नेतन्याहू
इजराइल किसी भी हाल में एक अलग फिलिस्तीनी देश बनाने पर सहमत नहीं है जिससे प्रिंस सलमान को दिक्कत है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वे अलग फिलिस्तीनी देश के लिए कभी तैयार नहीं होंगे।
नेतन्याहू की इस जिद की वजह से इजराइल और सऊदी अरब के बीच सामान्य रिश्ता कायम होना अभी संभव नहीं लग रहा है। क्राउन प्रिंस सलमान ने अमेरिकी अधिकारियों से कब बातचीत की, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक इजराइल और सऊदी अरब के बीच इसी साल डील होने वाली थी, लेकिन गाजा युद्ध के कारण ये टल गया। अमेरिका में नवबंर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, ऐसे में इस साल डील के होने की उम्मीद नहीं है।
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास (बाएं) ने 18 अप्रैल 2023 को सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की थी। दोनों ने आजाद फिलिस्तीन को लेकर बातचीत की थी।
सऊदी ने इजराइल को मान्यता नहीं दी है
क्राउन प्रिंस सलमान ने सितंबर 2023 में कहा था कि वो इजराइल के साथ रिश्ते सामान्य करने के बेहद करीब हैं लेकिन 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद स्थिति बदल गई। इस साल फरवरी में सऊदी अरब ने कहा था कि वो इजराइल के साथ कोई राजनीतिक रिश्ते नहीं बनाएगा।
सऊदी अरब ने अब तक इजराइल को एक देश के तौर पर मान्यता नहीं दी है। इसलिए दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन्स नहीं है। सऊदी का कहना है कि वो इजराइल के साथ संबंध सामान्य कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उसे 2002 के अरब शांति प्रस्ताव की शर्तें माननी होंगी।
2002 में तय हुआ था कि इजराइल को उन सभी क्षेत्रों से अपना कब्जा हटाना होगा जो उसने 1967 की जंग के दौरान किया। फिलिस्तीन को एक आजाद मुल्क मानना होगा। पूर्वी यरूशलम को उसकी राजधानी माननी होगी। इन शर्तों में सभी अरब देशों की सहमति थी।
सऊदी बोला- इजराइल के साथ डिप्लोमैटिक रिश्ते नहीं बनाएंगे: अमेरिका से कहा- इजराइल गाजा में हमले रोके, आजाद फिलिस्तीन को मान्यता दे
सऊदी अरब का कहना है कि जब तक फिलिस्तीन स्वतंत्र राज्य नहीं बन जाता, तब तक सऊदी और इजराइल के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं होंगे।
सऊदी अरब ने यह बात अमेरिका से कही है। दरअसल, अमेरिका इजराइल-सऊदी रिलेशन शुरू कराने को लेकर तमाम कोशिशें कर रहा है। हालांकि, बुधवार को सऊदी ने साफ कर दिया कि जब तक फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार नहीं मिल जाते वो इजराइल के साथ संबंध नहीं रखेगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…
[ad_2]
दावा- इजराइल से दोस्ती करने में डर रहे सऊदी प्रिंस: उन्हें जान का खतरा, फिर भी क्यों डील करना चाहते हैं