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नारनौल। जिला महेंद्रगढ़ में इस बार भी बारिश के सीजन में अधिक से अधिक पानी को जमीन में सहेजने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। यह भी सुनिश्चित करें कि बारिश के सीजन के पहले तथा बाद में जलस्तर के आंकड़े एकत्रित किए जाएं। तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। यह बातें उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने शुक्रवार को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा के साथ जल शक्ति अभियान अटल भूजल योजना के संबंध में हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों से कही।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार भी जिला की दोनों प्रमुख नदियों दोहान व कृष्णावती में अधिक से अधिक पानी डाला जाएगा। ताकि जलस्तर सही रहे। उन्होंने कहा कि जिले में खेती में कम से कम पानी का प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए फसल विविधीकरण के अलावा टपका सिंचाई प्रणाली व मिनी फव्वारा को प्रोत्साहित किया जाए। डीसी ने कहा कि ट्रीटेड वेस्ट वाटर की एक भी बूंद नदियों में नहीं डालनी है इस पानी को खेती के लिए प्रयोग किया जाना है। उन्होंने कहा कि जिले में तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा तथा तालाबों में रिचार्ज बोरवेल भी किए जाएंगे ताकि जमीन में पानी भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए अधिकारी मनरेगा योजना का भी अधिक से अधिक प्रयोग करें।
इससे पहले उपायुक्त ने मीटिंग हॉल में जल शक्ति अभियान के संबंध में ही विभिन्न विभागों को दिए गए लक्ष्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्धारित लक्ष्यों को सभी अधिकारी समय रहते पूरा कराएं। बैठक में सिंचाई विभाग के एक्सईएन नितिन भार्गव के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
नारनौल। जिला महेंद्रगढ़ में इस बार भी बारिश के सीजन में अधिक से अधिक पानी को जमीन में सहेजने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। यह भी सुनिश्चित करें कि बारिश के सीजन के पहले तथा बाद में जलस्तर के आंकड़े एकत्रित किए जाएं। तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। यह बातें उपायुक्त डॉ. जयकृष्ण आभीर ने शुक्रवार को हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा के साथ जल शक्ति अभियान अटल भूजल योजना के संबंध में हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों से कही।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार भी जिला की दोनों प्रमुख नदियों दोहान व कृष्णावती में अधिक से अधिक पानी डाला जाएगा। ताकि जलस्तर सही रहे। उन्होंने कहा कि जिले में खेती में कम से कम पानी का प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए फसल विविधीकरण के अलावा टपका सिंचाई प्रणाली व मिनी फव्वारा को प्रोत्साहित किया जाए। डीसी ने कहा कि ट्रीटेड वेस्ट वाटर की एक भी बूंद नदियों में नहीं डालनी है इस पानी को खेती के लिए प्रयोग किया जाना है। उन्होंने कहा कि जिले में तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा तथा तालाबों में रिचार्ज बोरवेल भी किए जाएंगे ताकि जमीन में पानी भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए अधिकारी मनरेगा योजना का भी अधिक से अधिक प्रयोग करें।
इससे पहले उपायुक्त ने मीटिंग हॉल में जल शक्ति अभियान के संबंध में ही विभिन्न विभागों को दिए गए लक्ष्यों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्धारित लक्ष्यों को सभी अधिकारी समय रहते पूरा कराएं। बैठक में सिंचाई विभाग के एक्सईएन नितिन भार्गव के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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