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Dengue vs Malaria vs Typhoid Weakness : गर्मी और बरसात का मौसम आते ही डेंगू, मलेरिया और टायफाइड का प्रकोप बढ़ जाता है. अस्पतालों में इनके केस ज्यादा आने लगते हैं. ये तीनों बीमारियाँ दिखने में भले ही एक जैसी लगती हों, लेकिन हर बीमारी का असर शरीर पर अलग होता है. खासतौर पर जब बात हो कमजोरी की, तो यह समझना जरूरी हो जाता है कि किस बीमारी में शरीर सबसे ज्यादा कमजोर हो जाता है और रिकवरी में कितना समय लगता है. आइए जानते हैं इन तीनों बुखारों में सबसे ज्यादा शरीर को कौन तोड़ता और कमजोर बनाता है.

डेंगू एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है. इसका सबसे बड़ा असर प्लेटलेट्स में गिरावट है. जब प्लेटलेट्स गिरते हैं, तो शरीर की ताकत भी छिन जाती है. इसमें शरीर में अचानक बहुत तेज बुखार आता है, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और शरीर पूरी तरह थक जाता है. डेंगू में प्लेटलेट्स गिरने की वजह से खून पतला हो जाता है और शरीर को बहुत थकावट महसूस होती है. रिकवरी भी 2 से 4 हफ्ते तक चल सकती है.
डेंगू के लक्षण क्या हैं
तेज बुखार
प्लेटलेट्स कम होना
शरीर टूटना, पसीना आना
स्किन पर रैशेस
आंखों के पीछे दर्द
मलेरिया (Malaria)
क्या हैं लक्षण
ठंडी लगना और कंपकंपी
उल्टी या मिचली
टायफाइड (Typhoid)
टायफाइड दूषित पानी या खाना खाने से होता है. इसका असर धीरे-धीरे होता है, लेकिन कमजोरी अंदर से आती है. इस बीमारी में भूख नहीं लगती, शरीर भारी लगता है और नींद भी पूरी नहीं होती है. टायफाइड शरीर की पाचन शक्ति और इम्यून सिस्टम दोनों को कमजोर करता है. इसके इलाज के बाद भी कमजोरी कई हफ्तों तक बनी रहती है. इससे रिकवरी का टाइम 10–30 दिन तक होता है.
क्या हैं लक्षण
लगातार बुखार
भूख में कमी
थकान और सुस्ती
डाइजेशन की समस्या
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डेंगू, मलेरिया या टायफाइड…किस बीमारी में आती है सबसे ज्यादा कमजोरी?