डिलीवरी रह गई आधी, क्या कारण है, लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्यकर्मियों पर होगी कार्रवाई


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भिवानी। स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम निदेशक डॉ. रणदीप पूनिया ने मंगलवार को नागरिक अस्पताल परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी की संख्या पहले से आधी मिली। उन्होंने अधिकारियों को निरीक्षण के बाद निर्देश दिए है पहले की तुलना ने डिलीवरी सेवाएं आधी रह गई है, इसका क्या कारण है। जो भी स्वास्थ्य कर्मी इस संबंध में लापरवाही बरत रहा है उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लगाई जाए। निदेशक के निर्देशों के बाद सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने सीएचसी और पीएचसी इंचार्ज को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
अप्रैल और मई में जिलेभर में 2552 डिलीवरी हुई है, जिनमें से सरकारी अस्पतालों में 958 और निजी अस्पतालों में 1591 और घर पर तीन डिलीवरी हुई है। इनमें से 62 फीसदी डिलीवरी निजी और 38 फीसदी डिलीवरी सरकारी अस्पतालों में हुई है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले नागरिक अस्पताल में प्रति माह 300 से अधिक डिलीवरी होती थी, जबकि अब प्रति माह महज 140 से 150 डिलीवरी हो रही है, जोकि पहले से आधी है। ऐसे में एनएचएम निदेशक डॉ. रणदीप पूनिया ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार घट रही डिलीवरी चिंता का विषय है। अगर ऐसा होता रहा तो सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी रेट काफी कम हो जाएगा, जोकि विचारणीय है। उन्होंने चिकित्सकों सहित अन्य कर्मचारियों पर भी विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए है कि कोई भी स्वास्थ्य कर्मी सरकारी अस्पताल के मरीज को निजी अस्पताल या फिर बिना वजह ही पीजीआई में रेफर तो नहीं कर रहा है। अगर कोई स्वास्थ्य कर्मी ऐसा करते मिलता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। सिविल सर्जन ने तुरंत प्रभाव से सभी सीएचसी और पीएचसी इंचार्ज को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ ही डॉ. रणदीप पूनिया ने अस्पताल में स्वच्छता और मरीजों के लिए रोजाना धुली हुई बेड सीट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ. शिवकुमार कौशिक, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष श्योराण भी उपस्थित रहे।

नागरिक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते एनएचएम के निदेशक डॉ. रणद?

नागरिक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते एनएचएम के निदेशक डॉ. रणद?– फोटो : Bhiwani

भिवानी। स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम निदेशक डॉ. रणदीप पूनिया ने मंगलवार को नागरिक अस्पताल परिसर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी की संख्या पहले से आधी मिली। उन्होंने अधिकारियों को निरीक्षण के बाद निर्देश दिए है पहले की तुलना ने डिलीवरी सेवाएं आधी रह गई है, इसका क्या कारण है। जो भी स्वास्थ्य कर्मी इस संबंध में लापरवाही बरत रहा है उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लगाई जाए। निदेशक के निर्देशों के बाद सिविल सर्जन डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने सीएचसी और पीएचसी इंचार्ज को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।

अप्रैल और मई में जिलेभर में 2552 डिलीवरी हुई है, जिनमें से सरकारी अस्पतालों में 958 और निजी अस्पतालों में 1591 और घर पर तीन डिलीवरी हुई है। इनमें से 62 फीसदी डिलीवरी निजी और 38 फीसदी डिलीवरी सरकारी अस्पतालों में हुई है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पहले नागरिक अस्पताल में प्रति माह 300 से अधिक डिलीवरी होती थी, जबकि अब प्रति माह महज 140 से 150 डिलीवरी हो रही है, जोकि पहले से आधी है। ऐसे में एनएचएम निदेशक डॉ. रणदीप पूनिया ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में लगातार घट रही डिलीवरी चिंता का विषय है। अगर ऐसा होता रहा तो सरकारी अस्पतालों में डिलीवरी रेट काफी कम हो जाएगा, जोकि विचारणीय है। उन्होंने चिकित्सकों सहित अन्य कर्मचारियों पर भी विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए है कि कोई भी स्वास्थ्य कर्मी सरकारी अस्पताल के मरीज को निजी अस्पताल या फिर बिना वजह ही पीजीआई में रेफर तो नहीं कर रहा है। अगर कोई स्वास्थ्य कर्मी ऐसा करते मिलता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाए। सिविल सर्जन ने तुरंत प्रभाव से सभी सीएचसी और पीएचसी इंचार्ज को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। साथ ही डॉ. रणदीप पूनिया ने अस्पताल में स्वच्छता और मरीजों के लिए रोजाना धुली हुई बेड सीट उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप सिविल सर्जन डॉ. शिवकुमार कौशिक, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष श्योराण भी उपस्थित रहे।

नागरिक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते एनएचएम के निदेशक डॉ. रणद?

नागरिक अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते एनएचएम के निदेशक डॉ. रणद?– फोटो : Bhiwani

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