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करनाल। ट्राले का फर्जी मालिक बनकर बेचने के नाम पर 13.50 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तेजपाल नरवाल निवासी नरुखेड़ी, बेटा अमन, नाथी राम, जिला सिंह व तीन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को दी शिकायत में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी सीमा देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि फरवरी 2021 में सोनू निवासी बीबीपुर जलालाबाद यूपी उनके पास ड्राइवर था। उसने कहा कि 22 टायरा एक ट्राला करनाल में है।
उसके कहने पर उसके पति उस ट्राले को देखने करनाल आए थे। आरोपी तेजपाल और जिला सिंह वहां मौजूद थे। तेजपाल ने खुद को ट्राले का मालिक तो जिला सिंह ने बैंक मैनेजर बताया। उन्होंने कहा कि ट्रॉले पर लोन है, जो रिकवरी के लिए बैंक में खड़ा है। उनका 13.50 लाख रुपये में ट्रॉले का सौदा हो गया और उसने वह रकम आरोपी के खाते में डाल दी।
आरोपी तेजपाल ने कहा कि वह इन रुपये से लोन भरकर ट्रॉला दे देगा। वह बार-बार उससे ट्राला मांगने लगे तो उसने ट्रॉला नहीं दिया। उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि तेजपाल ट्रॉले का मालिक ही नहीं है, न ही जिला सिंह बैंक मैनेजर है। इसके बाद तेजपाल ने उन्हें दो चेक दिए तो वह भी बाउंस हो गए। इसके बाद वह तेजपाल के घर गांव नरूखेड़ी गए। वहां उसके घर वालों ने उनके साथ गाली गलौज की और उनके खिलाफ झूठी शिकायत दे दी।
करनाल। ट्राले का फर्जी मालिक बनकर बेचने के नाम पर 13.50 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तेजपाल नरवाल निवासी नरुखेड़ी, बेटा अमन, नाथी राम, जिला सिंह व तीन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को दी शिकायत में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी सीमा देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि फरवरी 2021 में सोनू निवासी बीबीपुर जलालाबाद यूपी उनके पास ड्राइवर था। उसने कहा कि 22 टायरा एक ट्राला करनाल में है।
उसके कहने पर उसके पति उस ट्राले को देखने करनाल आए थे। आरोपी तेजपाल और जिला सिंह वहां मौजूद थे। तेजपाल ने खुद को ट्राले का मालिक तो जिला सिंह ने बैंक मैनेजर बताया। उन्होंने कहा कि ट्रॉले पर लोन है, जो रिकवरी के लिए बैंक में खड़ा है। उनका 13.50 लाख रुपये में ट्रॉले का सौदा हो गया और उसने वह रकम आरोपी के खाते में डाल दी।
आरोपी तेजपाल ने कहा कि वह इन रुपये से लोन भरकर ट्रॉला दे देगा। वह बार-बार उससे ट्राला मांगने लगे तो उसने ट्रॉला नहीं दिया। उन्होंने पड़ताल की तो पता चला कि तेजपाल ट्रॉले का मालिक ही नहीं है, न ही जिला सिंह बैंक मैनेजर है। इसके बाद तेजपाल ने उन्हें दो चेक दिए तो वह भी बाउंस हो गए। इसके बाद वह तेजपाल के घर गांव नरूखेड़ी गए। वहां उसके घर वालों ने उनके साथ गाली गलौज की और उनके खिलाफ झूठी शिकायत दे दी।
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