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सिरसा। टॉपर्स बनना आसान नहीं है। विशेषकर राजकीय विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए। लेकिन कहते है कि असंभव कुछ भी नहीं हैं। यह कर दिखाया है, राजकीय विद्यालयों की छात्रा शर्मिला, नूरदीप व अमनदीप ने। 12वीं के परीक्षा परिणाम में छात्रा शर्मिला ने जहां जिले में टॉप किया है, वहीं नूरदीप द्वितीय व अमनदीप तृतीय रहीं।
इन टॉपर्स के संघर्ष की कहानी भी दिलचस्प है। जहां एक ओर जिला टॉपर ने खेत में पिता के साथ मजदूरी के बाद सिर्फ तीन घंटे ही पढ़ाई से लक्ष्य हासिल कर लिया है, तो वहीं नूरदीप ने भी कम संघर्ष नहीं किया। अमनदीप के परिवार की स्थिति भी आर्थिक रूप से कमजोर है, लेकिन इसके बावजूद हौसला नहीं डिगा और मेहनत से पीछे नहीं हटी। परिणाम सबके सामने है। शर्मिला ने 12वीं परीक्षा में 490 अंक, नूरदीप कौर ने 487 अंक, अमनदीप ने 486 अंक हासिल किए हैं। खास बात ये है कि तीनों छात्राएं राजकीय विद्यालयों से पढ़ाई करके इस मुकाम पर पहुंची है। शर्मिला व नूरदीप का लक्ष्य सिविल सर्विस में जाना है, जबकि अमनदीप नर्सिंग के क्षेत्र में सेवा करना चाहती हैं।
शर्मिला : परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं ठीक, बिना ट्यूशन की पढ़ाई
जिला में प्रथम स्थान पर रही गांव जोधपुरिया स्थित राजकीय विद्यालय की छात्रा शर्मिला की कहानी खास है। उसके परिवार कि आर्थिक स्थिति खराब है। पिता जयवीर सिंह खेत मजदूर हैं, जबकि मां कैलाश देवी घर संभालती है। शर्मिला बताती है कि उसने पिता के साथ खेत में काम भी किया और उसके बाद घर आकर पढ़ाई भी। ऐसे में केवल तीन घंटे की पढ़ाई का समय मिल पाता था। लेकिन उसने इस समय का शिद्दत से इस्तेमाल किया। स्कूल में अध्यापकों की मदद से पढ़ाई के बाद बिना ट्यूशन घर पर पढ़ाई कर उसने जिला में पहला स्थान हासिल कर लिया है। आर्टस संकाय से 12वीं पास करने वाली शर्मिला सिविल सर्विस की ओर जाना चाहती है।
नूरदीप कौर : ट्यूशन के बजाय सेल्फ स्टडी पर रहा फोकस, पिता के मोबाइल से सोशल मीडिया बना सहारा
गांव मांगेआना स्थित राजकीय स्कूल की छात्रा नूरदीप कौर ने आर्टस संकाय से परीक्षा पास कर जिले में द्वितीय रहीं। नूरदीप के पिता बलजीत सिंह किसान हैं और मां राजवीर कौर घर संभालती है। नूरदीप बताती है कि ट्यूशन के लिए फीस नहीं थी, इसलिए सेल्फ स्टडी पर जोर दिया है। अलग मोबाइल की व्यवस्था नहीं हो पाई तो पिता के मोबाइल से सहायता ली। नूरदीप ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से पढ़ाई के टॉपिक खंगाले और तैयारी की। इसके अलावा स्कूल अध्यापकों ने समय-समय पर भरपूर सहयोग किया। नूरदीप कौर अब आगे सिविल सर्विस के क्षेत्र में जाने की तैयारी करेगी।
अमनदीप : सोशल मीडिया से रही दूर, ऑफलाइन की पढ़ाई
गांव जीवन नगर स्थित श्री गुरु हरि सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अमनदीप कौर ने जिला में तृतीय स्थान हासिल किया। अमनदीप बताती है कि कोरोना काल में स्कूल बंद हो गए तो पढ़ाई करने के लिए मोबाइल नहीं मिला। तो घर पर रहकर ऑफलाइन पढ़ाई पर जोर दिया। सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाई रखी। पढ़ाई में भाई ने सहायता की। पिता बलविंद्र सिंह कारपेंटर हैं, जबकि माता सिमरनजीत कौर सिलाई का काम घर पर रहकर करती हैं। अमनदीप ने पढ़ाई के साथ-साथ सिलाई का प्रशिक्षण लिया है। अमनदीप कहती है कि वह नर्सिंग के क्षेत्र में जाकर सेवा करना चाहती हैं।
परीक्षा परिणाम के बाद अपने परिवार के साथ नूरदीप कौर। संवाद– फोटो : Sirsa
परीक्षा परिणाम के बाद परिवार से आर्शीवाद लेते शर्मिला। संवाद– फोटो : Sirsa
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