जींद: ब्लड रिलेशन डिड रिलीज के एवज में दो हजार रुपये लेता रजिस्टरी क्लर्क काबू


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जींद के उचाना में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने ब्लड रिलेशन डिड रिलीज करने के एवज में दो हजार रुपये रिश्वत लेते उचाना तहसील के रजिस्टरी क्लर्क को रंगे हाथों काबू किया है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने रजिस्टरी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी।

गांव दुर्जनपुर निवासी सोनू ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया था कि उनकी जमीन बुआ के हिस्से में गई हुई थी। उस जमीन को उनकी बुआ द्वारा उसके पिता बलबीर और ताऊ मंगत को ट्रांसफर की जानी है। डिड रिलीज करने के एवज में रजिस्टरी क्लर्क राजीव दो हजार रुपये डिमांड कर रहा है और पिछले काफी समय से डिड रिलीज को अटकाए हुए है।

शिकायत के आधार पर डीएसपी कमलजीत के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। टीम में एसआई बलजीत, एएसआई कमल जीत, हवलदार कृष्ण, सिपाही संजय व कुलदीप को शामिल किया गया, जबकि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नरवाना जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विनोद कुमार को नियुक्त किया गया।

टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर करवा व पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को 500-500 के चार नोट थमा दिए। संपर्क साधने पर रजिस्टरी क्लर्क राजीव ने शिकायतकर्ता को कार्यालय में बुला लिया। रिश्वत राशि थमाए जाने के बाद इशारा मिलते ही  टीम ने रजिस्टरी क्लर्क को काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसकी जेब से रिश्वत राशि बरामद हो गई। हाथ धुलवाने पर लाल हो गए। 

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सोनू की शिकायत पर रजिस्टरी क्लर्क राजीव के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी कमल जीत ने बताया कि डिड रिलीज करने के एवज में रिश्वत की डिमांड की गई थी। टीम ने रजिस्टरी क्लर्क को रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।

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जींद के उचाना में स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने ब्लड रिलेशन डिड रिलीज करने के एवज में दो हजार रुपये रिश्वत लेते उचाना तहसील के रजिस्टरी क्लर्क को रंगे हाथों काबू किया है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने रजिस्टरी क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी।

गांव दुर्जनपुर निवासी सोनू ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया था कि उनकी जमीन बुआ के हिस्से में गई हुई थी। उस जमीन को उनकी बुआ द्वारा उसके पिता बलबीर और ताऊ मंगत को ट्रांसफर की जानी है। डिड रिलीज करने के एवज में रजिस्टरी क्लर्क राजीव दो हजार रुपये डिमांड कर रहा है और पिछले काफी समय से डिड रिलीज को अटकाए हुए है।

शिकायत के आधार पर डीएसपी कमलजीत के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। टीम में एसआई बलजीत, एएसआई कमल जीत, हवलदार कृष्ण, सिपाही संजय व कुलदीप को शामिल किया गया, जबकि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नरवाना जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विनोद कुमार को नियुक्त किया गया।

टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर करवा व पाउडर लगाकर शिकायतकर्ता को 500-500 के चार नोट थमा दिए। संपर्क साधने पर रजिस्टरी क्लर्क राजीव ने शिकायतकर्ता को कार्यालय में बुला लिया। रिश्वत राशि थमाए जाने के बाद इशारा मिलते ही  टीम ने रजिस्टरी क्लर्क को काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसकी जेब से रिश्वत राशि बरामद हो गई। हाथ धुलवाने पर लाल हो गए। 

स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने सोनू की शिकायत पर रजिस्टरी क्लर्क राजीव के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी कमल जीत ने बताया कि डिड रिलीज करने के एवज में रिश्वत की डिमांड की गई थी। टीम ने रजिस्टरी क्लर्क को रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।

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