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ग्रामीणों के अनुसार, तारीफ पांच भाइयों में दूसरे नंबर का है। दिल्ली के चांदनहोला में उसकी ससुराल है। उसकी शादी को करीब 10 साल हो चुके हैं और उसके दो बच्चे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तारीफ को एक साधारण और शरीफ व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। उसके अन्य भाई ट्रक ड्राइवरी कर परिवार का गुजारा करते हैं।

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नूंह से गिरफ्तार आरोपी तारीफ
– फोटो : संवाद
हुक्का पीते समय से पुलिस ने दबोचा
आरोपी के परिजनों और ग्रामीणों ने बताया कि अरमान की जिस दिन गिरफ्तारी हुई थी, उसी दिन पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने तारीफ को दबोच लिया था। गिरफ्तारी दो दिन बाद दिखाई है। हालांकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि तारीफ पड़ोस के मकान में अपने साथी के साथ हुक्का पी रहा था तभी पुलिस वालों ने उसे दबोच लिया। तारीफ ने स्वीकारा कि आसिफ ने उससे दो भारतीय सिम मांगे थे, जो उसने नूंह से खरीदकर दिए थे। इसके बाद दोनों के बीच सांठगांठ बढ़ी। आसिफ ने पाकिस्तान का वीजा दिलाने के नाम पर लोगों को उसके पास भेजने का प्रस्ताव दिया। बदले में मोटे कमीशन की बात हुई थी। तारीफ ने खुद भी वीजा लिया और पाकिस्तान गया। उसने 8-10 लोगों को वीजा दिलवाकर पाकिस्तान भेजा और कमीशन के नाम पर खूब पैसे कमाए। 2024 में आसिफ ने तारीफ को एक अन्य अधिकारी जाफर से मिलवाया। जाफर ने भी भारतीय सिम की मांग रखी। तारीफ ने उसे भी सिम उपलब्ध कराए। अधिकारी आसिफ बलोच से हुई।

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नूंह से गिरफ्तार आरोपी तारीफ
– फोटो : संवाद
तारीफ के पिता बोले- आरोप गलत
तारीफ के पिता हनीफ का कहना है कि पाकिस्तान में उनके परिवार के सदस्य रहते हैं। करीब डेढ़ साल पहले बेटा तारीफ पत्नी व बच्चों के साथ पाकिस्तान गया था। पहले भी तारीफ पाकिस्तान जा चुका है। बेटे पर पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप निराधार हैं। उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है।

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नूंह से गिरफ्तार आरोपी तारीफ
– फोटो : संवाद
12वीं के बाद दोस्तों के संपर्क में नहीं रहा अरमान
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार नूंह का अरमान पढ़ाई में न बहुत तेज था और न ज्यादा शौक रखता था। अधिकांश समय चुपचाप रहता था। ये बातें उसके स्कूल के एक साथी ने नाम न छापने की शर्त पर बताई है। अरमान ने अपने गांव से 27 किलोमीटर दूर छछेड़ा गांव स्थित प्रभात पब्लिक स्कूल से 11वीं व 12वीं की पढ़ाई थी। 2020 में 12वीं की पढ़ाई के बाद उसने स्कूल के दोस्तों से कोई वास्ता नहीं रखा। स्कूल में दोस्त उसे अरमान सरपंच के नाम से बुलाते थे।
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जासूस तारीफ का नया खुलासा: चौथी बार थी पाकिस्तान जाने की तैयार, 12वीं के बाद नहीं रहा दोस्तों से संपर्क