ख़बर सुनें
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। ग्रीष्मावकाश पूर्ण होने के बाद राजकीय स्कूलों में मिड-डे मील के तहत विद्यार्थियों को पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। मौलिक शिक्षा निदेेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को मिड-डे मील के अंतर्गत पका हुआ खाना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय का मानना है कि एसएनए द्वारा पैसा दिए जाने के कारण अप्रैल व मई माह में अनेक परेशानियां आ रही थी। इस विषय को अत्यधिक महत्व देते हुए जुुलाई से सभी राजकीय विद्यालयों में मिड डे मील शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
बीते दो साल के कोरोना काल में अधिकतर समय शिक्षण संस्थान बंद रहने से राजकीय स्कूलों में पका हुुआ राशन उपलब्ध करवाना नामुमकिन हो गया था। उस समय विद्यार्थियों को कच्चा राशन उनके घर पर ही उपलब्ध करवाया जाने लगा था। साथ ही राशन पकाने पर होने वाला खर्च भी विद्यार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा था, लेकिन कोरोना का प्रभाव काफी कम होने और नियमित रूप से स्कूल खुलने के बाद मौलिक शिक्षा निदेशालय ने राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को पका हुुआ राशन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे पर राशि के अभाव में कई स्कूलों में मिड डे मील नहीं बन पाया।
वितरित किया जाएगा अप्रैल-मई का बचा राशन
मौलिक शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ स्कूलों में मिड-डे मील का राशन अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण शेष बचा हुआ है। यह राशन ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान खराब होने की संभावना है। निदेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूलों में अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण राशन शेष बचा हुआ है, वह राशन योग्य बच्चों में नियमानुसार वितरण कर दिया जाए।
सभी राजकीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश के बाद बच्चों को पका हुआ राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसको लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं। वहीं, जिन स्कूलों में अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण राशन शेष बचा है, वह राशन बच्चों में नियमानुसार वितरित किया जाएगा।
– रोहताश वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। ग्रीष्मावकाश पूर्ण होने के बाद राजकीय स्कूलों में मिड-डे मील के तहत विद्यार्थियों को पका हुआ भोजन उपलब्ध करवाया जाएगा। मौलिक शिक्षा निदेेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश के सभी राजकीय विद्यालयों में कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों को मिड-डे मील के अंतर्गत पका हुआ खाना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। मौलिक शिक्षा निदेशालय का मानना है कि एसएनए द्वारा पैसा दिए जाने के कारण अप्रैल व मई माह में अनेक परेशानियां आ रही थी। इस विषय को अत्यधिक महत्व देते हुए जुुलाई से सभी राजकीय विद्यालयों में मिड डे मील शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।
बीते दो साल के कोरोना काल में अधिकतर समय शिक्षण संस्थान बंद रहने से राजकीय स्कूलों में पका हुुआ राशन उपलब्ध करवाना नामुमकिन हो गया था। उस समय विद्यार्थियों को कच्चा राशन उनके घर पर ही उपलब्ध करवाया जाने लगा था। साथ ही राशन पकाने पर होने वाला खर्च भी विद्यार्थियों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा था, लेकिन कोरोना का प्रभाव काफी कम होने और नियमित रूप से स्कूल खुलने के बाद मौलिक शिक्षा निदेशालय ने राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को पका हुुआ राशन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे पर राशि के अभाव में कई स्कूलों में मिड डे मील नहीं बन पाया।
वितरित किया जाएगा अप्रैल-मई का बचा राशन
मौलिक शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में आया है कि कुछ स्कूलों में मिड-डे मील का राशन अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण शेष बचा हुआ है। यह राशन ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान खराब होने की संभावना है। निदेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूलों में अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण राशन शेष बचा हुआ है, वह राशन योग्य बच्चों में नियमानुसार वितरण कर दिया जाए।
सभी राजकीय स्कूलों में ग्रीष्मावकाश के बाद बच्चों को पका हुआ राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसको लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किए हैं। वहीं, जिन स्कूलों में अप्रैल व मई में खाना न बनने के कारण राशन शेष बचा है, वह राशन बच्चों में नियमानुसार वितरित किया जाएगा।
– रोहताश वर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, पानीपत
.