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भिवानी। कोंट रोड पर फैक्टरी में मृत मिले चौकीदार सुरेंद्र की हत्या का खुलासा हो गया है। फैक्टरी के पुराने कारिंदे पर आरोप है कि चोरी में बाधा बनने पर उसने चौकीदार सुरेंद्र की हत्या की थी। सीआईए प्रथम ने 13 दिन की मशक्कत के बाद 125 सीसीटीवी खंगालते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।
हत्याकांड में आरोपी का साथ उसके एक दोस्त ने दिया। पुलिस ने उसके साथी को भी गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी को दो दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान उससे चोरी किया गया मोबाइल व हत्याकांड में प्रयोग लोहे की छड़ी बरामद की जाएगी।
17 मई को कोंट रोड निवासी सुरेंद्र संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। मृतक के बेटे ने औद्योगिक थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज करवाया। अगले दिन सुरेंद्र का शव कट्टों में दबा मिला। वहां काम करने वाली कुछ महिलाओं ने शव को देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मृतक के बेटे ने मालिक के बेटे पर शक जताया। इसके बाद पुलिस हत्या का केस दर्ज कर जांच में जुटी थी।
13 दिन की मशक्कत के बाद सीआईए प्रथम टीम ने इंस्पेक्टर योगेश हुड्डा के नेतृत्व में पूरे केस का खुलासा किया और हत्या के आरोपी, उसके एक साथी को आसाम से काबू किया। हत्याकांड का खुलासा करते हुए डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम उक्त फैक्टरी के ही पूर्व कारिंदे आसाम के कहर पाथ निवासी समीर ने दिया। इसमें उसके साथी विपुल ने उसका सहयोग किया। उन्होंने बताया कि समीर को फैक्टरी की पूरी जानकारी थी। उसे पता था कि फैक्टरी में कहां रुपये रखे रहते हैं। 17 मई को वह चोरी की नीयत से दीवार फांदकर फैक्टरी में घुसा और अलमारी खोलने का प्रयास करने लगा। तभी वहां चौकीदारा करने वाले सुरेंद्र आ गया। उसने समीर को रोकने का प्रयास किया तो उसने लोहे की छड़ी से सुरेंद्र पर हमला किया। जिससे सुरेंद्र वहीं कट्टों के पास गिर गया। इसके बाद समीर ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। वह सुरेंद्र से मोबाइल, उसकी जेब से करीब 1100 रुपये चोरी कर ले गया। बाइक में तेल कम था, ऐसे में बस स्टैंड के नजदीक ही झाड़ियों में छोड़ बस से वापस भाग गया। उसका सहयोग विपुल ने किया।
खंगाले 125 सीसीटीवी कैमरे
हत्याकांड में परिजनों ने मालिक के बेटे पर शक जताया था, मगर पुलिस की जांच में वह नहीं निकला। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। इनसे साफ हुआ कि उस रात समीर फैक्टरी में आया था। जो हत्या और चोरी के बाद सुरेंद्र की ही बाइक से भागा। बस स्टैंड के पास झाड़ियों में बाइक छोड़ रोडवेज बस से दिल्ली पहुंचा। पुरानी दिल्ली से ट्रेन पकड़ी और असम चला गया। पुलिस ने भिवानी से कलानौर, रोहतक, सांपला, बहादुरगढ़ दिल्ली तक के करीब 125 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। आरोपी ने दिल्ली में चोरी किया सुरेंद्र का मोबाइल भी बेचा।
पहले लड़की को भगाकर लाया तो खत्म हुए रुपये
समीर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले आया। असम में उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। जिसमें वह साढ़े तीन-चार माह जेल में रहा। जेल से बाहर आने के बाद उसके पास रुपये नहीं थे। ऐसे में उसने विपुल के साथ चोरी की साजिश रची। चूंकि उसके पास रुपये नहीं थे तो विपुल ने उसे किराये व अन्य सामान के लिए रुपये दिये।
असम से पकड़े आरोपी
कबाड़ी की फैक्टरी में चौकीदारी करने वाले सुरेंद्र की हत्या यहीं के पूर्व कारिंदे समीर ने की थी। वह चोरी के लिए फैक्टरी में आया और सुरेंद्र ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसकी हत्या कर दी। पहले लोहे की छड़ी मारी और फिर गला दबा दिया। हमारी सीआईए टीम ने इंस्पेक्टर योगेश हुड्डा के नेेतृत्व में आरोपियों को असम से पकड़ लिया। आरोपी समीर को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि उसके साथी विपुल को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
-वीरेंद्र सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर
भिवानी। कोंट रोड पर फैक्टरी में मृत मिले चौकीदार सुरेंद्र की हत्या का खुलासा हो गया है। फैक्टरी के पुराने कारिंदे पर आरोप है कि चोरी में बाधा बनने पर उसने चौकीदार सुरेंद्र की हत्या की थी। सीआईए प्रथम ने 13 दिन की मशक्कत के बाद 125 सीसीटीवी खंगालते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया।
हत्याकांड में आरोपी का साथ उसके एक दोस्त ने दिया। पुलिस ने उसके साथी को भी गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी को दो दिन के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान उससे चोरी किया गया मोबाइल व हत्याकांड में प्रयोग लोहे की छड़ी बरामद की जाएगी।
17 मई को कोंट रोड निवासी सुरेंद्र संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। मृतक के बेटे ने औद्योगिक थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज करवाया। अगले दिन सुरेंद्र का शव कट्टों में दबा मिला। वहां काम करने वाली कुछ महिलाओं ने शव को देखा। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मृतक के बेटे ने मालिक के बेटे पर शक जताया। इसके बाद पुलिस हत्या का केस दर्ज कर जांच में जुटी थी।
13 दिन की मशक्कत के बाद सीआईए प्रथम टीम ने इंस्पेक्टर योगेश हुड्डा के नेतृत्व में पूरे केस का खुलासा किया और हत्या के आरोपी, उसके एक साथी को आसाम से काबू किया। हत्याकांड का खुलासा करते हुए डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम उक्त फैक्टरी के ही पूर्व कारिंदे आसाम के कहर पाथ निवासी समीर ने दिया। इसमें उसके साथी विपुल ने उसका सहयोग किया। उन्होंने बताया कि समीर को फैक्टरी की पूरी जानकारी थी। उसे पता था कि फैक्टरी में कहां रुपये रखे रहते हैं। 17 मई को वह चोरी की नीयत से दीवार फांदकर फैक्टरी में घुसा और अलमारी खोलने का प्रयास करने लगा। तभी वहां चौकीदारा करने वाले सुरेंद्र आ गया। उसने समीर को रोकने का प्रयास किया तो उसने लोहे की छड़ी से सुरेंद्र पर हमला किया। जिससे सुरेंद्र वहीं कट्टों के पास गिर गया। इसके बाद समीर ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। वह सुरेंद्र से मोबाइल, उसकी जेब से करीब 1100 रुपये चोरी कर ले गया। बाइक में तेल कम था, ऐसे में बस स्टैंड के नजदीक ही झाड़ियों में छोड़ बस से वापस भाग गया। उसका सहयोग विपुल ने किया।
खंगाले 125 सीसीटीवी कैमरे
हत्याकांड में परिजनों ने मालिक के बेटे पर शक जताया था, मगर पुलिस की जांच में वह नहीं निकला। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी के फुटेज खंगाले। इनसे साफ हुआ कि उस रात समीर फैक्टरी में आया था। जो हत्या और चोरी के बाद सुरेंद्र की ही बाइक से भागा। बस स्टैंड के पास झाड़ियों में बाइक छोड़ रोडवेज बस से दिल्ली पहुंचा। पुरानी दिल्ली से ट्रेन पकड़ी और असम चला गया। पुलिस ने भिवानी से कलानौर, रोहतक, सांपला, बहादुरगढ़ दिल्ली तक के करीब 125 सीसीटीवी कैमरे खंगाले। आरोपी ने दिल्ली में चोरी किया सुरेंद्र का मोबाइल भी बेचा।
पहले लड़की को भगाकर लाया तो खत्म हुए रुपये
समीर एक नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर ले आया। असम में उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। जिसमें वह साढ़े तीन-चार माह जेल में रहा। जेल से बाहर आने के बाद उसके पास रुपये नहीं थे। ऐसे में उसने विपुल के साथ चोरी की साजिश रची। चूंकि उसके पास रुपये नहीं थे तो विपुल ने उसे किराये व अन्य सामान के लिए रुपये दिये।
असम से पकड़े आरोपी
कबाड़ी की फैक्टरी में चौकीदारी करने वाले सुरेंद्र की हत्या यहीं के पूर्व कारिंदे समीर ने की थी। वह चोरी के लिए फैक्टरी में आया और सुरेंद्र ने उसे रोकने का प्रयास किया तो उसकी हत्या कर दी। पहले लोहे की छड़ी मारी और फिर गला दबा दिया। हमारी सीआईए टीम ने इंस्पेक्टर योगेश हुड्डा के नेेतृत्व में आरोपियों को असम से पकड़ लिया। आरोपी समीर को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है, जबकि उसके साथी विपुल को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
-वीरेंद्र सिंह, डीएसपी हेडक्वार्टर
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