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पंजाब सरकार की कोठी नंबर 50 की सेटेलाइट तस्वीर।
शीश महल 2 के तौर पर चर्चा में आई पंजाब सरकार की कोठी नंबर 50 दस वर्ष से चर्चा में है। इस कोठी से बादल परिवार, फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह और अब भगवंत सिंह मान सरकार चर्चा में है। यह कोठी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद भगवंत सिंह मान द्वारा कैंप कार्यालय के त
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नियमानुसार यह किसी मंत्री को अलॉट होनी चाहिए थी। ऐसा होता तो सवाल ही नहीं उठने थे। लेकिन यहां दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री आकर ठहरते हैं। इसको लेकर बीजेपी और दूसरे दल आरोप लगाते हैं। हालांकि इसको लेकर सफाई दी जाती है कि केजरीवाल गेस्ट के रूप में ठहरते हैं।
सीनियर जर्नालिस्ट और पूर्व आप नेता कंवर संधु कहते हैं कि जब गेस्ट को ठहराने के लिए सरकार के पास अपने दो गेस्ट हाउस हैं और अच्छी हालत में हैं तो इसकी जरूरत ही क्या है। भाजपा को सवाल उठाने का मौका खुद पंजाब सरकार की तरफ से ही दिया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया पर डाली गई पोंसटें।
जानिए— इस कोठी को लेकर इतना विवाद क्यों
- कोठी नंबर 50 मंत्री की रह रहे गेस्ट: बताया जा रहा है कि भाजपा-शिअद गठजोड़ की सरकार के दौरान यह कोठी बादल परिवार के पास थी। उस समय प्रकाश सिंह बादल के दामाद आदेश प्रताप कैरों मंत्री थे और यह कोठी उन्हें अलॉट की गई थी। मगर वह उस समय अपनी निजी रिहायश में ही रहते रहे और यहां पर वह अपने हलके के लोगों से मिलने के लिए ही आते थे।
- कैप्टन सरकार में एक करोड़ से हुआ था रेनोवेशन: इसके बाद जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने 45 नंबर में अपनी निजी रिहायश के साथ-साथ इस कोठी को भी अपने नाम पर अलॉट करवा ली थी। इसमें उनके एजी अतुल नंदा का कार्यालय बनवाया गया था।
- उनके समय में ही इस कोठी को करीबन 1 करोड़ रुपए खर्च कर रेनोवेट करवाया गया था। इस खर्च के अलावा उनके यहां गेस्ट रुकने को लेकर चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के अनुसार इसी कोठी में पाकिस्तान की महिला पत्रकार अरूसा आलम भी रहती रही हैं।
- पहले राघव चड्ढा फिर केजरीवाल के रहने पर विवाद: आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो इस कोठी को भगवंत सिंह मान ने अपने नाम पर करवा लिया। इसे कैंप कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। पहले राज्यसभा सांसद राघव चढ्ढा के इस कोठी में रहने पर विवाद हुआ और अब अरविंद केजरीवाल के यहां रहने को लेकर सरकार को घेरा जा रहा है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जानकारी देते हुए।
भाजपा द्वारा उठाए विवाद पर मुख्यमंत्री ने दी थी सफाई
- भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हाल ही में कंपेन चलाकर आरोप लगाए गए थे कि अरविंद केजरीवाल के लिए सरकारी कोठी को पैसा खर्च कर तैयार करवाया गया है। जबकि उनके पास यहां पर कोई संवैधानिक पद नहीं है।
- दिल्ली से लेकर पंजाब तक सोशल मीडिया पर इसका प्रचार किया गया था। इस पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को सफाई देनी पड़ी थी कि यहां पर केजरीवाल रहते नहीं हैं, बल्कि यह उनका कैंप कार्यालय है और यहां पर उनके गेस्ट आकर रुक जाते हैं।
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चंडीगढ़ में फिर चर्चा में सरकारी कोठी नंबर 50: बादल के दामाद से लेकर कैप्टन की विदेशी सहेली यहां रहीं, अब केजरीवाल की वजह से विवाद – Chandigarh News

