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लोगों को संबोधित करती पहलवान विनेश फोगाट।
बादली (बहादुरगढ़)। लोगों से मिले प्यार और सम्मान के आगे हजारों गोल्ड भी फीके हैं। यह कहना है पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पदक से चूकीं विनेश फोगाट का। विनेश फोगाट ने कहा कि प्रतियोगिता में पदक नहीं मिलने के बाद भी जो सम्मान देश की जनता की ओर से दिया जा रहा है, इससे वह स्वयं को खुशकिस्मत महसूस कर रही है। विनेश ने समर्थकों से मिले अपार स्नेह से अभिभूत होते हुए कहा कि उन्होंने गोल्ड नहीं दिया तो क्या हुआ, अपनों ने मुझे गोल्ड से ऊपर नवाजा है।
मैं कल तक अपनी किस्मत को कोस रही थी, लेकिन आज लोगों के सम्मान के सामने खुद पर गर्व कर रही हूं। गुलिया खाप की ओर से शनिवार को बादली में आयोजित कार्यक्रम में विनेश ने समर्थकों से कहा कि वह उनके मान-सम्मान को कभी झुकने नहीं देगी। हार से कभी निराश नहीं होना है और कड़ी मेहनत से हर हाल में जीत के लिए संघर्ष जारी रखना है।
लोगों की अपील पर भावुक हुईं विनेश
समर्थकों की भीड़ ने जब विनेश को आगे भी कुश्ती जारी रखने और खेलने की अपील की तो विनेश की आंखों में पानी भर आया। आंखों से टपके आंसू के बीच विनेश ने कहा कि हर लड़ाई लड़ेंगे और हक के लिए कभी पीछे नहीं हटेंगे। हर लड़ाई में साथ देने का वादा किया। वह उनके मान-सम्मान को ठेस नहीं लगने देगी। हालांकि विनेश ने भविष्य में कुश्ती खेलने पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
गोल्ड से भी नहीं मिलता ऐसा मान सम्मान : बजरंग
अंतरराष्ट्रीय पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि स्वर्ण पदक जीतने के बाद भी ऐसा मान-सम्मान और प्यार नहीं मिलता। विनेश को जो पदक लोगों ने दिया है, वह ओलंपिक गोल्ड मेडल भले ही नहीं है, मगर डायमंड से भी बढ़कर है। बजरंग पूनिया ने हाथ जोड़कर सबको नमस्कार किया और कहा कि ऐसी बेटी हर घर में होनी चाहिए, जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
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गोल्ड नहीं दिया तो क्या हुआ, अपनों ने मुझे गोल्ड से ऊपर नवाजा : विनेश