गुरुकुल का छात्र अखिलेश बना लेफ्टिनेंट


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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। गुरुकुल के छात्र अखिलेश ने मात्र 21 साल की उम्र में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर कीर्तिमान स्थापित किया है। इस उपलब्धि पर गुरुकुल के संरक्षक व गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सहित निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने उत्तर प्रदेश निवासी अखिलेश के परिवार को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
अखिलेश तोमर ने वर्ष 2014 में नौवीं कक्षा में गुरुकुल में प्रवेश लिया था। अखिलेश ने 11वीं कक्षा से ही गुरुकुल की एनडीए विंग को ज्वाइन किया और सेना में लेफ्टिनेंट बनने के लक्ष्य को साधते हुए कड़ी मेहनत और परिश्रम करते हुए यह सफलता हासिल की। इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में 11 जून को हुई पासिंग आउट परेड में अखिलेश ने भाग लिया, जल्द ही अखिलेश जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री में बतौर लेफ्टिनेंट इंडियन आर्मी को ज्वाइन करेंगे। अखिलेश ने अपनी सफलता का श्रेय राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्रेरणा और गुरुकुल परिवार को दिया है।
बकौल अखिलेश कक्षा आठ तक की पढ़ाई गांव में ही पूरी की। तब तक कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया था कि जीवन में क्या करना है, क्या बनना है? इसी बीच गुरुकुल कुरुक्षेत्र के बारे में पता चला और यहां दाखिला लिया। उन दिनों यहां अपने सीनियर छात्रों को एनडीए विंग में पढ़ाई करते देखा तो मन में एक संकल्प लिया कि वह भी आर्मी में जाएगा। 11वीं कक्षा में एनडीए विंग में दाखिला लिया और लेफ्टिनेंट बनने का लक्ष्य निर्धारित कर इसे हासिल किया।
प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने बताया कि गुरुकुल की एनडीए विंग में छात्रों को न केवल एनडीए की लिखित परीक्षा की पूरी तैयारी करवाई जाती है बल्कि एसएसबी इंटरव्यू के लिए भी विशेष सत्र लगाए जाते हैं, जिनमें छात्रों की एनडीए तथा एसएसबी संबंधित शंकाओं का निराकरण किया जाता है। अखिलेश को गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, मुख्य अधिष्ठाता राधाकृष्ण आर्य, सह प्राचार्य शमशेर सिंह, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य, एनडीए विंग से सूबेदार बलवान सिंह, सूबेदार एसके मोहंती ने भी बधाई दी है।

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कुरुक्षेत्र। गुरुकुल के छात्र अखिलेश ने मात्र 21 साल की उम्र में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर कीर्तिमान स्थापित किया है। इस उपलब्धि पर गुरुकुल के संरक्षक व गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सहित निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने उत्तर प्रदेश निवासी अखिलेश के परिवार को बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

अखिलेश तोमर ने वर्ष 2014 में नौवीं कक्षा में गुरुकुल में प्रवेश लिया था। अखिलेश ने 11वीं कक्षा से ही गुरुकुल की एनडीए विंग को ज्वाइन किया और सेना में लेफ्टिनेंट बनने के लक्ष्य को साधते हुए कड़ी मेहनत और परिश्रम करते हुए यह सफलता हासिल की। इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून में 11 जून को हुई पासिंग आउट परेड में अखिलेश ने भाग लिया, जल्द ही अखिलेश जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री में बतौर लेफ्टिनेंट इंडियन आर्मी को ज्वाइन करेंगे। अखिलेश ने अपनी सफलता का श्रेय राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्रेरणा और गुरुकुल परिवार को दिया है।

बकौल अखिलेश कक्षा आठ तक की पढ़ाई गांव में ही पूरी की। तब तक कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया था कि जीवन में क्या करना है, क्या बनना है? इसी बीच गुरुकुल कुरुक्षेत्र के बारे में पता चला और यहां दाखिला लिया। उन दिनों यहां अपने सीनियर छात्रों को एनडीए विंग में पढ़ाई करते देखा तो मन में एक संकल्प लिया कि वह भी आर्मी में जाएगा। 11वीं कक्षा में एनडीए विंग में दाखिला लिया और लेफ्टिनेंट बनने का लक्ष्य निर्धारित कर इसे हासिल किया।

प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने बताया कि गुरुकुल की एनडीए विंग में छात्रों को न केवल एनडीए की लिखित परीक्षा की पूरी तैयारी करवाई जाती है बल्कि एसएसबी इंटरव्यू के लिए भी विशेष सत्र लगाए जाते हैं, जिनमें छात्रों की एनडीए तथा एसएसबी संबंधित शंकाओं का निराकरण किया जाता है। अखिलेश को गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, मुख्य अधिष्ठाता राधाकृष्ण आर्य, सह प्राचार्य शमशेर सिंह, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य, एनडीए विंग से सूबेदार बलवान सिंह, सूबेदार एसके मोहंती ने भी बधाई दी है।

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