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कथा सुनाते कथा वाचन साक्षी गोपाल महाराज।
अंबाला सिटी। सेक्टर-9 के अग्रवाल भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास स्वामी साक्षी गोपाल दास महाराज ने कहा कि उपदेश ग्रहण करने से भक्तों के जीवन में एक नया विस्तार देखने को मिलता है। गीता ही एक ऐसा माध्यम है। इसके ज्ञान से हम परमात्मा की भक्ति के मार्ग पर चलकर परमात्मा की प्राप्ति कर सकते हैं।
गीता ज्ञान में मनुष्य जीवन का पूरा रहस्य छिपा है। गीता में कहा है कि परमात्मा की भक्ति के लिए किसी भी अनुयायी की जरूरत नहीं है। हम सभी सांसारिक कार्यों को एक दूसरे के लिए करते हैं या कोई दूसरा हमारे लिए करता है, मगर भक्ति का मार्ग ऐसा है जोकि स्वयं ही स्वयं के लिए करना पड़ता है। भक्ति हम किसी दूसरे के लिए नहीं कर सकते, इसलिए जो जीव परमात्मा की भक्ति विधिवत करेगा।
अर्थात परमात्मा की शरण में निस्वार्थ भाव से आराधना करेगा। उसी जीव का जीवन सफल होगा। भगवान ने सभी जीव बनाए जोकि धरती माता पर रहते हुए अपने कार्य कर रहे हैं, मगर सबसे श्रेष्ठ प्राणी भगवान ने मनुष्य को बनाया, जोकि इस सांसारिक सृष्टि में सबसे बुद्धिमान माना जाता है और भगवान ने मनुष्य को ही वह क्षमता प्रदान की है। जिसके माध्यम से वह पाप और पुण्य का फर्क समझ सके।
भगवान हमेशा पुण्य के साथ खड़ा रहता है। जो मनुष्य किसी भी प्रकार का पाप करते हैं। भगवान उसी दृष्टि से उनका संहार करते हैं, मगर जो मनुष्य परमात्मा की भक्ति करते हुए दीन दुखियों की सेवा करता है। उसको भी परमात्मा उसके कार्यों के लिए आशीर्वाद देते हैं और उसके जीवन को सुखमय व फलदायी बनाते हैं। इसलिए सभी को गीता का ज्ञान जरूर होना चाहिए।
कथा के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों पर सभी भक्तजन मंत्रमुग्ध होकर झूमें, वहीं कथा के समापन पर सभी भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण जी की आरती में भाग लिया। तत्पश्चात विशाल भंडारे का प्रसाद वितरित किया गया।
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