गरीब परिवारों को निजी क्षेत्र में मिलेगा रोजगार


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माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। जिले के करीब 29 हजार गरीब परिवारों के बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाने की तैयारी है। इसी कड़ी में एमएसएमई के संयोजन में हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीएल) के भवन में करनाल के उद्यमियों की बैठक आयोजित की गई। मंडलीय रोजगार अधिकारी राजेश कुमारने बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की प्रक्रिया समझाई। अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा ने उद्यमियों का आह्वान किया कि वो मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत चयनित गरीब परिवारों में खुशहाली लाने में अपना योगदान दें।
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन आरएल शर्मा, उप प्रधान मनोज अरोड़ा, वरिष्ठ उप प्रधान भूषण गोयल, राज्य कार्यकारिणी सदस्य हरमीत सिंह हैप्पी आदि ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंची एडीसी डा. वैशाली शर्मा का स्वागत किया। एमएसएमई की सहायक निदेशक सुनीता कत्याल ने बताया कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत मेलों का आयोजन 10 जून से शुरू कर दिया गया है, ये मेले नौ जुलाई तक चलेंगे।
मंडलीय रोजगार अधिकारी ने कहा कि योजना के तहत जिले में करीब 29 हजार परिवार ऐसे चयनित किए गए हैं, जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक से कम हैं, इनकी सहायता करके आय को 1.80 लाख रुपये सालाना से ऊपर करना है, इसलिए तय किया गया कि इन परिवारों में जो युवक युवतियां व अन्य लोग नौकरी कर सकते हैं, उन्हें काम दिलाया जाएगा। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं। यदि हर उद्यमी अपनी औद्योगिक इकाइयों ने दो से पांच या अधिक को नौकरी दे दे तो काफी भला हो सकता है।
एडीसी डा.वैशाली शर्मा ने इसके लिए उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मंडलीय रोजगार अधिकारी की ओर से एक प्रोफार्मा उपलब्ध करा दिया जाएगा। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। सभी उद्यमी अपनी वैकेंसी के अनुसार श्रमिकों की जरूरत बता दें। उसकी अनुसार श्रमिकों को उनके उद्योग में भेज दिया जाएगा।
उप प्रधान मनोज अरोड़ा ने सवाल उठाया कि इन श्रमिकों को प्रशिक्षण कैसे दिया जाएगा, उनकी गारंटी कौन लेगा। इस पर डा. वैशाली ने कहा कि इन परिवारों को गोद लेने जैसी प्रक्रिया अपनाएं और अपने उद्योग में ही उन्हें प्रशिक्षित करें। जिला प्रशासन हर संभव मदद करेगा। इस मौके पर कायमा के महासचिव भावुक मेहता, रवि बेरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा, रविंद्र तनेजा आदि मौजूद रहे।

माई सिटी रिपोर्टर

करनाल। जिले के करीब 29 हजार गरीब परिवारों के बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाने की तैयारी है। इसी कड़ी में एमएसएमई के संयोजन में हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एचसीसीएल) के भवन में करनाल के उद्यमियों की बैठक आयोजित की गई। मंडलीय रोजगार अधिकारी राजेश कुमारने बेरोजगार युवकों को रोजगार देने की प्रक्रिया समझाई। अतिरिक्त उपायुक्त डा. वैशाली शर्मा ने उद्यमियों का आह्वान किया कि वो मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत चयनित गरीब परिवारों में खुशहाली लाने में अपना योगदान दें।

हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन आरएल शर्मा, उप प्रधान मनोज अरोड़ा, वरिष्ठ उप प्रधान भूषण गोयल, राज्य कार्यकारिणी सदस्य हरमीत सिंह हैप्पी आदि ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंची एडीसी डा. वैशाली शर्मा का स्वागत किया। एमएसएमई की सहायक निदेशक सुनीता कत्याल ने बताया कि मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत मेलों का आयोजन 10 जून से शुरू कर दिया गया है, ये मेले नौ जुलाई तक चलेंगे।

मंडलीय रोजगार अधिकारी ने कहा कि योजना के तहत जिले में करीब 29 हजार परिवार ऐसे चयनित किए गए हैं, जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक से कम हैं, इनकी सहायता करके आय को 1.80 लाख रुपये सालाना से ऊपर करना है, इसलिए तय किया गया कि इन परिवारों में जो युवक युवतियां व अन्य लोग नौकरी कर सकते हैं, उन्हें काम दिलाया जाएगा। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं। यदि हर उद्यमी अपनी औद्योगिक इकाइयों ने दो से पांच या अधिक को नौकरी दे दे तो काफी भला हो सकता है।

एडीसी डा.वैशाली शर्मा ने इसके लिए उद्यमियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मंडलीय रोजगार अधिकारी की ओर से एक प्रोफार्मा उपलब्ध करा दिया जाएगा। ये पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। सभी उद्यमी अपनी वैकेंसी के अनुसार श्रमिकों की जरूरत बता दें। उसकी अनुसार श्रमिकों को उनके उद्योग में भेज दिया जाएगा।

उप प्रधान मनोज अरोड़ा ने सवाल उठाया कि इन श्रमिकों को प्रशिक्षण कैसे दिया जाएगा, उनकी गारंटी कौन लेगा। इस पर डा. वैशाली ने कहा कि इन परिवारों को गोद लेने जैसी प्रक्रिया अपनाएं और अपने उद्योग में ही उन्हें प्रशिक्षित करें। जिला प्रशासन हर संभव मदद करेगा। इस मौके पर कायमा के महासचिव भावुक मेहता, रवि बेरी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी शैलेंद्र अरोड़ा, रविंद्र तनेजा आदि मौजूद रहे।

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