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खेलो इंडिया में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे खिलाड़ी केवल खेलों में ही अव्वल नहीं है, बल्कि पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगाते हुए स्कूल में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि जितना समय वह अपने खेलों को देते है। जब टूर्नामेंट नहीं होते है तो उतना ही समय पढ़ाई को भी देते हैं। जिससे कि पढ़ाई किसी भी तरह से प्रभावित न हो। इनमें बहुत से खिलाड़ी तो ऐसे हैं जो खेलों में तो मेडल लाते ही है, वहीं कक्षा में पढ़ाई में भी प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करते हुए अभिभावकों व स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि उनके लिए जितना जरूरी खेल है उतना ही जरूरी पढ़ाई भी है। इसीलिए वह दोनों तरफ पर्याप्त समय देने का प्रयास करते हैं।
हमारा जितना ध्यान खेलों की तरफ होता है उतना ही ध्यान हम पढ़ाई की ओर भी लगाते हैं। हमारे लिए जितना जरूरी खेल है उतनी ही जरूरी पढ़ाई भी है। इसीलिए जिन दिनों में प्रतियोगिताएं नहीं होती है उन दिनों पर पढ़ाई पर ही ध्यान लगाते हैं।
समरिधा वरमानी, फरीदाबाद
खेल हमारे लिए जनून है, परंतु पढ़ाई हमारे लिए जरूरी है। इसीलिए हम पढ़ाई की ओर से भी उतना ही ध्यान देते हैं। जितना कि खेलों की ओर देते हैं। हमारा स्कूल परिणाम भी हमेशा से अच्छा ही रहा है।
-विकरांत, गुजरात
अभी तक का स्कूल परिणाम हमेशा से बेहतर रहा है। मेरा प्रयास रहता है कि जितना समय खेल को दूं। उतना ही समय पढ़ाई को भी दूं। इससे कि पढ़ाई में भी हमेशा अव्व्ल रह सकूं। 14 साल से स्वीमिंग कर रही हूं। नेशनल में गोल्ड मेडल झटक चुकी हूं।
भक्ति वाडकर, महाराष्ट्र
खेल के साथ-साथ पढ़ाई भी जरूरी है। बिना पढ़ाई के भी जीवन में आगे बढ़ना मुश्किल है, इसीलिए हम अपना खेल के साथ पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगाते हैं। इससे कि खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेडल हासिल कर सकें। पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स का हिस्सा बनकर बेहद खुशी हो रही है।
शक्ति बाला कृष्णनन
पढ़ाई पर पहले फोकस रहता है, बाद में खेल पर। जैसे ही गेम्स नजदीक आती है तो उसी हिसाब से टाइम टेबल तैयार कर गेम्स में ज्यादा फोकस शुरू कर दिया जाता है और गेम्स में दोबारा से वहीं प्रक्रिया शुरू हो जाती है। 2010 में पहली बार स्वीमिंग शुरू की थी। अब तक दो ब्राउंज पदक मिले है। खेलो इंडिया में अभी कोई नहीं मिला।
ऋषभ, महाराष्ट्र
खेलो इंडिया में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे खिलाड़ी केवल खेलों में ही अव्वल नहीं है, बल्कि पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगाते हुए स्कूल में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि जितना समय वह अपने खेलों को देते है। जब टूर्नामेंट नहीं होते है तो उतना ही समय पढ़ाई को भी देते हैं। जिससे कि पढ़ाई किसी भी तरह से प्रभावित न हो। इनमें बहुत से खिलाड़ी तो ऐसे हैं जो खेलों में तो मेडल लाते ही है, वहीं कक्षा में पढ़ाई में भी प्रथम व द्वितीय स्थान हासिल करते हुए अभिभावकों व स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि उनके लिए जितना जरूरी खेल है उतना ही जरूरी पढ़ाई भी है। इसीलिए वह दोनों तरफ पर्याप्त समय देने का प्रयास करते हैं।
हमारा जितना ध्यान खेलों की तरफ होता है उतना ही ध्यान हम पढ़ाई की ओर भी लगाते हैं। हमारे लिए जितना जरूरी खेल है उतनी ही जरूरी पढ़ाई भी है। इसीलिए जिन दिनों में प्रतियोगिताएं नहीं होती है उन दिनों पर पढ़ाई पर ही ध्यान लगाते हैं।
समरिधा वरमानी, फरीदाबाद
खेल हमारे लिए जनून है, परंतु पढ़ाई हमारे लिए जरूरी है। इसीलिए हम पढ़ाई की ओर से भी उतना ही ध्यान देते हैं। जितना कि खेलों की ओर देते हैं। हमारा स्कूल परिणाम भी हमेशा से अच्छा ही रहा है।
-विकरांत, गुजरात
अभी तक का स्कूल परिणाम हमेशा से बेहतर रहा है। मेरा प्रयास रहता है कि जितना समय खेल को दूं। उतना ही समय पढ़ाई को भी दूं। इससे कि पढ़ाई में भी हमेशा अव्व्ल रह सकूं। 14 साल से स्वीमिंग कर रही हूं। नेशनल में गोल्ड मेडल झटक चुकी हूं।
भक्ति वाडकर, महाराष्ट्र
खेल के साथ-साथ पढ़ाई भी जरूरी है। बिना पढ़ाई के भी जीवन में आगे बढ़ना मुश्किल है, इसीलिए हम अपना खेल के साथ पढ़ाई में भी पूरा ध्यान लगाते हैं। इससे कि खेलों के साथ-साथ पढ़ाई में भी मेडल हासिल कर सकें। पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स का हिस्सा बनकर बेहद खुशी हो रही है।
शक्ति बाला कृष्णनन
पढ़ाई पर पहले फोकस रहता है, बाद में खेल पर। जैसे ही गेम्स नजदीक आती है तो उसी हिसाब से टाइम टेबल तैयार कर गेम्स में ज्यादा फोकस शुरू कर दिया जाता है और गेम्स में दोबारा से वहीं प्रक्रिया शुरू हो जाती है। 2010 में पहली बार स्वीमिंग शुरू की थी। अब तक दो ब्राउंज पदक मिले है। खेलो इंडिया में अभी कोई नहीं मिला।
ऋषभ, महाराष्ट्र
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