क्लेम न देने पर उपभोक्ता फोरम ने इंश्योरेंस कंपनी को 20 हजार रुपए जुर्माना देने के दिए आदेश


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जगाधरी। मेडिक्लेम पॉलिसी धारक को इलाज में खर्च हुई राशि नहीं देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने द ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वो पालिसी धारक को 20 हजार रुपए हर्जाना और इलाज में खर्च हुए 83 हजार रुपए दें। फोरम ने ये भी आदेश दिया है कि अगर इंश्योेरेंस कंपनी इस फैसले के दो महीने के भीतर इलाज में खर्च हुई राशि और हर्जाना नहीं देती है तो उसे पॉलिसी धारक को आठ प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देना पड़ेगा।
ओबराय कॉलोनी निवासी गुलशन लाल और उनकी पत्नी नीलम आनंद ने जगाधरी के अग्रसेन चौक स्थित पंजाब नेशनल बैंक से पीएनबी ओरियंटल मेडिक्लेेम पॉलिसी ली थी। पॉलिसी की अवधि के दौरान वर्ष 2016 में नीलम आनंद को शरीर में दर्द और बुखार आया। उन्होंने विनायक अस्पताल में अपना चेकअप करवाया तो पता चला कि उन्हें डायबिटीज है। डॉक्टर की सलाह पर गुलशन लाल ने अपनी पत्नी को इलाज के लिए मैक्स अस्पताल मोहाली में भर्ती करा दिया। साथ ही उन्होंने इसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को भी दी, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी की ओर से न तो कोई जवाब आया और न ही किसी ने उनसे संपर्क किया। नीलम आनंद मैक्स अस्पताल मोहाली में 27 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक भर्ती रहीं। मैक्स अस्पताल में नीलम आनंद के इलाज में 83 हजार रुपए का खर्च आया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद गुलशन लाल ने अपनी पत्नी के इलाज के बिल इंश्योरेंस कंपनी में जमा करवा दिए, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने उन्हें क्लेम नहीं दिया। गुलशन लाल ने अपने वकील के माध्यम से इंश्योरेंस कंपनी को लीगल नोटिस दिया। इंश्योरेंस कंपनी ने इसका जवाब दिया कि मेडिक्लेम पॉलिसी लेते समय पॉलिसी धारक को डायबिटीज और हाइपरटेंशन था, लेकिन पॉलिसी लेते समय उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी, इसलिए वो क्लेम के हकदार नहीं हैं। उपभोक्ता फोरम में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने गुलशन लाल के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया।

जगाधरी। मेडिक्लेम पॉलिसी धारक को इलाज में खर्च हुई राशि नहीं देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने द ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वो पालिसी धारक को 20 हजार रुपए हर्जाना और इलाज में खर्च हुए 83 हजार रुपए दें। फोरम ने ये भी आदेश दिया है कि अगर इंश्योेरेंस कंपनी इस फैसले के दो महीने के भीतर इलाज में खर्च हुई राशि और हर्जाना नहीं देती है तो उसे पॉलिसी धारक को आठ प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देना पड़ेगा।

ओबराय कॉलोनी निवासी गुलशन लाल और उनकी पत्नी नीलम आनंद ने जगाधरी के अग्रसेन चौक स्थित पंजाब नेशनल बैंक से पीएनबी ओरियंटल मेडिक्लेेम पॉलिसी ली थी। पॉलिसी की अवधि के दौरान वर्ष 2016 में नीलम आनंद को शरीर में दर्द और बुखार आया। उन्होंने विनायक अस्पताल में अपना चेकअप करवाया तो पता चला कि उन्हें डायबिटीज है। डॉक्टर की सलाह पर गुलशन लाल ने अपनी पत्नी को इलाज के लिए मैक्स अस्पताल मोहाली में भर्ती करा दिया। साथ ही उन्होंने इसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को भी दी, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी की ओर से न तो कोई जवाब आया और न ही किसी ने उनसे संपर्क किया। नीलम आनंद मैक्स अस्पताल मोहाली में 27 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2016 तक भर्ती रहीं। मैक्स अस्पताल में नीलम आनंद के इलाज में 83 हजार रुपए का खर्च आया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद गुलशन लाल ने अपनी पत्नी के इलाज के बिल इंश्योरेंस कंपनी में जमा करवा दिए, लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने उन्हें क्लेम नहीं दिया। गुलशन लाल ने अपने वकील के माध्यम से इंश्योरेंस कंपनी को लीगल नोटिस दिया। इंश्योरेंस कंपनी ने इसका जवाब दिया कि मेडिक्लेम पॉलिसी लेते समय पॉलिसी धारक को डायबिटीज और हाइपरटेंशन था, लेकिन पॉलिसी लेते समय उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी, इसलिए वो क्लेम के हकदार नहीं हैं। उपभोक्ता फोरम में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम ने गुलशन लाल के पक्ष में अपना फैसला सुना दिया।

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