IAS एस्पिरेंट श्रेया यादव, नेविन डाल्विन और तान्या सोनी को हम बारिश के पानी में खो बैठे…इफ्को चौक पर मेट्रो स्टेशन की ओर जा रहे वसीम, जयपाल यादव, देवेंद्र वाजपेई करंट की चपेट में आ गए…बारिश के कहर में हो रही मौतों पर किसकी आखिरी और पहली जिम्मेदारी.. और यह कैसे तय होगी?
बारिश में पानी के चलते हुई मौतें; केस-1: गुरुग्राम के सेक्टर 29 में स्थित इफ्को चौक मेट्रो स्टेशन के पास बारिश के चलते एक पेड़ गिरा, बिजली की तारें टूटीं, तार पानी में गिरा, तारों में करंट था, मेट्रो स्टेशन की ओर जा रहे तीन लोग वहां से गुजरे, पानी में पड़े तारों से करंट ने उन्हें जकड़ा और दर्दनाक मौत के घाट उतार दिया. इनमें से एक थे दिल्ली के संगम विहार निवासी वसीम, दूसरे थे उत्तर प्रदेश के उन्नाव निवासी देवेंद्र वाजपेई और तीसरे थे महेंद्रगढ़ निवासी जयपाल यादव.
बारिश में पानी के चलते हुई मौतें; केस-2: दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में बेसमेंट में चल रहे राव IAS कोचिंग सेंटर में पानी भर जाने से तीन छात्रों की पानी में तड़प तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. मारे गए युवा छात्र थे-श्रेया यादव, नेविन डाल्विन और तान्या सोनी. पानी के अचानक तेजी से बेसमेंट में घुसते चले जाने के कारण इन बच्चों को वक्त ही नहीं मिला कि वे लबालब भरते जा रहे बेसमेंट से बाहर निकल पाते. पुलिस ने तुरत फुरत कार्रवाई की और इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं.
आप इन दोनों घटनाओं में कोई सिमिलेरिटी देखते हैं? ये दोनों ही हादसे तेज बारिश के दौरान हुए. दोनों ही हादसे सिस्टम के उस लूपहोल को दर्शाते हैं जिसके चलते आम बेकसूर इंसान अपनी और अपनों की जान गंवा देता है.. किसी का घर का चिराग बुझ जाता है… किसी की मासूम बेटी मर जाती है… किसी के घर का एकमात्र आर्थिक संबल खत्म हो जाता है… किसी का तो पूरा वंश ही समाप्त हो जाता है….
चलिए, भावनाओं की बात नहीं करते, लॉजिक की बात करते हैं. सिस्टम को दोष देने से क्या होगा… जब दुर्घटनाएं हों, तब जिम्मेदार जनों पर कार्रवाई करनी चाहिए. कम से कम इतना तो करना ही चाहिए.. इतना तो बनता ही है.. आखिर हम कब तक सिस्टम को दोष देंगे.. वह तो अपने तरीके से चलता है न… तो हम हादसों के जिम्मेदारों को सजा दिलवाएंगे. चलिए ठीक है…
…तो इस दिशा में पुलिस ने केस दो के तहत उस थार चालक को दोषी माना है जो उस वक्त उस कोचिंग सेंटर के करीब से गुजर रहा था जब यह हादसा हुआ. इस शख्स की ‘गलती’ यह है कि बारिश में वह इतनी तेज गाड़ी चलाकर रास्ता पार कर रहा था कि उसकी गाड़ी से कोचिंग सेंटर के सामने भरा हुआ पानी तेजी से उछलता गया…लहरों में कन्वर्ट होता हुआ बेसमेंट की ओर तेजी से घुसने लगा… यह कहना है पुलिस का.पुलिस यह भी कह रही है कि बिल्डिंग का गेट पानी की लहरों के दबाव को झेल नहीं पाया और टूट गया.. नतीजतन बेसमेंट में पानी भरता गया, बच्चे जान गंवा बैठे…
इफ्को चौक में हुई मौतों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब तक?
अब सवाल उठता है कि केस एक में पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई या गिरफ्तारी क्यों नहीं की है? इस वक्त इतनी खामोशी क्यों है… जिम्मेदारों को कोई क्यों उठाकर जेल में नहीं डाल रहा है…? इफ्को चौक मेट्रो स्टेशन गुरुग्राम के सेक्टर 29 में है और यह एरिया Dakshin Haryana Bijli Vitran Nigam (DHBVN) के तहत बिजली सप्लाई करता है. जब यह हादसा हुआ तब मेट्रो स्टेशन की ओर ही जा रहे थे तीनों जन.. काम खत्म करके घर की ओर जा रहे ये लोग, जिन तारों के करंट से मरे हैं, वे तार बिजली विभाग द्वारा लगाए गए थे और इस एरिया का बिजली मैनेजमेंट दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आता है. ये तार इतनी मजबूती से नहीं सेट किए गए थे क्या… ? फिर गिर कैसे गए… बिजली के तारों में उस वक्त करंट था.. हम्म.. या कोई ओर झोल है…? जो भी हो, इसकी जांच होनी चाहिए…इन तारों के करंट से हुई मौतों पर भी राजनीति न हो बल्कि तुरंत प्रभाव से पावर ग्रिड विभाग के संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए.. साथ ही मामले की जांच गहन रूप से होनी चाहिए.
क्या इफ्को चौक के तारों से लगने वाले करंट के लिए सीधे बिजली विभाग के संबंधित अधिकारी जिम्मेदारी नहीं हैं.. ठीक इसी तर्ज पर जैसे ओल्ड राजेंद्र नगर में बेसमेंट के सामने से कार से गुजर रहा वह शख्स जिम्मेदार है?
नजरिया और नियम सबके लिए समान नहीं होते क्या… होने तो चाहिए. कानून सबके लिए समान होना चाहिए. इंतजार रहेगा इफ्को चौक में हुए हादसे के दोषियों पर पुलिस व सरकार द्वारा एक्शन लिए जाने का. तब तक दुआ करिए कि बारिश का कहर इंसानी लापरवाहियों से हम सबको बचाए.. क्योंकि सिस्टम पर हमें भरोसा खास है नहीं…
Tags: Arvind kejriwal, Delhi news, Delhi Rain, Gurugram, Haryana CM, Haryana news, IMD forecast