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नरवाना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में नरवाना स्थित एसडी कन्या महाविद्यालय की छात्रा मुस्कान ने 496 अंक हासिल कर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। कामर्स वर्ग में उसने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस सफलता पर परिजन खुशी से झूम उठे।
एसडी कन्या महाविद्यालय की प्रबंध समिति के उपप्रधान राजकुमार गोयल और सचिव जियालाल गोयल ने इस उपलब्धि पर मुस्कान को लड्डू खिलाकर उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुस्कान के पिता रमेश सिंगला और माता ममता ने बताया कि मुस्कान स्कूल से घर आने के बाद सिर्फ पढ़ाई में ही लगी रहती थी। जब उसको आराम करने के लिए कहा जाता था तो वह कहती थी कि वह अव्वल आना चाहती है। मुस्कान ने बताया कि वह चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) बनना चाहती है। मुस्कान ने दसवीं कक्षा में 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, लेकिन कोई स्थान नहीं मिलने पर उसको निराशा हुई थी। मुस्कान ने ठान लिया था कि वह 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर दसवीं कक्षा की कमी जरूर पूरी करेगी। यही कारण है कि मुस्कान ने मोबाइल फोन से दूर रहकर निरंतर पढ़ाई की और नतीजा यह निकला कि उसने 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर कार्यवाहक प्राचार्य विशाल गुप्ता, सुनीता मोर, गुरप्रीत दुआ, सौरभ गर्ग मौजूद रहे।
दूसरी छात्राओं को पढ़ाई में आगे देखकर रो पड़ती थी मुस्कान
मुस्कान के ताऊ पवन सिंगला ने बताया कि मुस्कान अक्सर कहती थी कि उसकी कक्षा में कई छात्राएं पढ़ाई में बहुत तेज हैं, जो कि उसको आगे नहीं आने देती हैैं। इस बात को लेकर वह उसके माता-पिता के सामने रो पड़ती थी। वे उसको दिलासा देते थे कि वह भी अच्छी पढ़ाई कर उनसे आगे निकल सकती है। इसके बाद मुस्कान ने ठान लिया कि हरियाणा प्रदेश में उसे स्थान जरूर हासिल करना है। मुस्कान के छोटे भाई-बहन को वह पढ़ाई करने के लिए प्रेरणा देती रहती थी। उन्होंने बताया कि मुस्कान को वह अध्यापक बनाना चाहते थे, लेकिन वह केवल सीए बनना चाहती है।
कोरोना काल में नहीं छोड़ी पढ़ाई
कोरोना काल के दौरान जब स्कूलों की छुट्टियां थी, तब भी मुस्कान हमेशा घर पर ही पढ़ती रहती थी। वह कभी अपने अध्यापकों से तो कभी ऑनलाइन सीखती रहती थी। उसने अपने पिता रमेश सिंगला को अपनी मेहनत के लिए प्रेरणादायी बताया है। उसके पिता रेडीमेड की दुकान चलाते हैं। वह कहती है कि उसके पिता ने बहुत मेहनत करके उनको अच्छी शिक्षा दी है। वह भी अपने पिता की तरह मेहनत करती है। उसकी मां ममता गृहणी हैं। मुस्कान से छोटे दो भाई-बहन भी हैं। भाई तुषार 10वीं कक्षा में है तो बहन कनिष्का सातवीं कक्षा में है। वह अपने छोटे भाई, बहनों को भी मेहनत करने की प्रेरणा देती है।
नरवाना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में नरवाना स्थित एसडी कन्या महाविद्यालय की छात्रा मुस्कान ने 496 अंक हासिल कर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। कामर्स वर्ग में उसने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस सफलता पर परिजन खुशी से झूम उठे।
एसडी कन्या महाविद्यालय की प्रबंध समिति के उपप्रधान राजकुमार गोयल और सचिव जियालाल गोयल ने इस उपलब्धि पर मुस्कान को लड्डू खिलाकर उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुस्कान के पिता रमेश सिंगला और माता ममता ने बताया कि मुस्कान स्कूल से घर आने के बाद सिर्फ पढ़ाई में ही लगी रहती थी। जब उसको आराम करने के लिए कहा जाता था तो वह कहती थी कि वह अव्वल आना चाहती है। मुस्कान ने बताया कि वह चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) बनना चाहती है। मुस्कान ने दसवीं कक्षा में 95.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे, लेकिन कोई स्थान नहीं मिलने पर उसको निराशा हुई थी। मुस्कान ने ठान लिया था कि वह 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर दसवीं कक्षा की कमी जरूर पूरी करेगी। यही कारण है कि मुस्कान ने मोबाइल फोन से दूर रहकर निरंतर पढ़ाई की और नतीजा यह निकला कि उसने 12वीं की परीक्षा में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर कार्यवाहक प्राचार्य विशाल गुप्ता, सुनीता मोर, गुरप्रीत दुआ, सौरभ गर्ग मौजूद रहे।
दूसरी छात्राओं को पढ़ाई में आगे देखकर रो पड़ती थी मुस्कान
मुस्कान के ताऊ पवन सिंगला ने बताया कि मुस्कान अक्सर कहती थी कि उसकी कक्षा में कई छात्राएं पढ़ाई में बहुत तेज हैं, जो कि उसको आगे नहीं आने देती हैैं। इस बात को लेकर वह उसके माता-पिता के सामने रो पड़ती थी। वे उसको दिलासा देते थे कि वह भी अच्छी पढ़ाई कर उनसे आगे निकल सकती है। इसके बाद मुस्कान ने ठान लिया कि हरियाणा प्रदेश में उसे स्थान जरूर हासिल करना है। मुस्कान के छोटे भाई-बहन को वह पढ़ाई करने के लिए प्रेरणा देती रहती थी। उन्होंने बताया कि मुस्कान को वह अध्यापक बनाना चाहते थे, लेकिन वह केवल सीए बनना चाहती है।
कोरोना काल में नहीं छोड़ी पढ़ाई
कोरोना काल के दौरान जब स्कूलों की छुट्टियां थी, तब भी मुस्कान हमेशा घर पर ही पढ़ती रहती थी। वह कभी अपने अध्यापकों से तो कभी ऑनलाइन सीखती रहती थी। उसने अपने पिता रमेश सिंगला को अपनी मेहनत के लिए प्रेरणादायी बताया है। उसके पिता रेडीमेड की दुकान चलाते हैं। वह कहती है कि उसके पिता ने बहुत मेहनत करके उनको अच्छी शिक्षा दी है। वह भी अपने पिता की तरह मेहनत करती है। उसकी मां ममता गृहणी हैं। मुस्कान से छोटे दो भाई-बहन भी हैं। भाई तुषार 10वीं कक्षा में है तो बहन कनिष्का सातवीं कक्षा में है। वह अपने छोटे भाई, बहनों को भी मेहनत करने की प्रेरणा देती है।
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