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कुरुक्षेत्र। शहर की 60 हजार इकाइयों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के टेंडर को नगर परिषद के अधिकारी टेक्निकल बीड खुलने के एक माह बाद भी फाइनल नहीं कर पाए हैं, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था डगमगाई हुई है। इस टेंडर के लिए करीब एक साल से अधिकारियों द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन खुद की लेटलतीफी के चलते ये सिरे नहीं चढ़ पाया है। इससे पहले नगर परिषद दो बार शर्तों पर किसी भी फर्म के खरा न उतरने के कारण टेंडर रद्द भी कर चुकी है। तीसरी बार मई में टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अधिकारियों का यही कहना है कि दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य फिलहाल जारी है, उसके बाद ही यह टेंडर फाइनल हो पाएगा।
नप अधिकारियों द्वारा 15 दिन पहले भी एक सप्ताह में टेंडर फाइनल करने का दावा किया था, लेकिन फिर से ये टेंडर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बता दें कि शहर में अभी रोजाना जनरेट होने वाले करीब 70 टन कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन नगर परिषद द्वारा ही किया जा रहा है, जिससे नप पर करीब 65 लाख का आर्थिक बोझ है। टेंडर हो जाने पर नगर परिषद द्वारा कूड़ा कलेक्शन का सारा स्ट्रक्चर निजी फर्म को हैंडओवर कर दिया जाएगा। फर्म को नप कूड़े के वजन के हिसाब से निजी फर्म को भुगतान करेगी। इतना ही नहीं नगर परिषद अपने टिप्परों को भी फर्म को किराए पर चलाने के लिए देगी।
नगर परिषद की सिरदर्दी हो जाएगी खत्म
नगर परिषद की ओर से अभी तक शहर के कूड़े को डंपिंग साइट पर पर गिराया जा रहा है। फर्म को टेंडर जारी होने के बाद निजी फर्म सारे कूड़े को डोर-टू-डोर जाकर एकत्रित करेगी। एनजीटी के आदेशों के अनुसार इस कूड़े के निस्तारण करने की जिम्मेदारी इस फर्म की ही होगी। इससे डंपिंग साइट पर भी कूड़े के अंबार नहीं लगेगा।
दस्तावेजों के सत्यापन का चल रहा काम : बलबीर
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर रोहिल्ला ने कहा कि टेंडर के लिए आगे आई फर्मों के दस्तावेजों की जांच जारी है। जल्द ही यह टेंडर फर्म को जारी हो जाएगा।
कुरुक्षेत्र। शहर की 60 हजार इकाइयों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के टेंडर को नगर परिषद के अधिकारी टेक्निकल बीड खुलने के एक माह बाद भी फाइनल नहीं कर पाए हैं, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था डगमगाई हुई है। इस टेंडर के लिए करीब एक साल से अधिकारियों द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन खुद की लेटलतीफी के चलते ये सिरे नहीं चढ़ पाया है। इससे पहले नगर परिषद दो बार शर्तों पर किसी भी फर्म के खरा न उतरने के कारण टेंडर रद्द भी कर चुकी है। तीसरी बार मई में टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन अधिकारियों का यही कहना है कि दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य फिलहाल जारी है, उसके बाद ही यह टेंडर फाइनल हो पाएगा।
नप अधिकारियों द्वारा 15 दिन पहले भी एक सप्ताह में टेंडर फाइनल करने का दावा किया था, लेकिन फिर से ये टेंडर ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बता दें कि शहर में अभी रोजाना जनरेट होने वाले करीब 70 टन कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन नगर परिषद द्वारा ही किया जा रहा है, जिससे नप पर करीब 65 लाख का आर्थिक बोझ है। टेंडर हो जाने पर नगर परिषद द्वारा कूड़ा कलेक्शन का सारा स्ट्रक्चर निजी फर्म को हैंडओवर कर दिया जाएगा। फर्म को नप कूड़े के वजन के हिसाब से निजी फर्म को भुगतान करेगी। इतना ही नहीं नगर परिषद अपने टिप्परों को भी फर्म को किराए पर चलाने के लिए देगी।
नगर परिषद की सिरदर्दी हो जाएगी खत्म
नगर परिषद की ओर से अभी तक शहर के कूड़े को डंपिंग साइट पर पर गिराया जा रहा है। फर्म को टेंडर जारी होने के बाद निजी फर्म सारे कूड़े को डोर-टू-डोर जाकर एकत्रित करेगी। एनजीटी के आदेशों के अनुसार इस कूड़े के निस्तारण करने की जिम्मेदारी इस फर्म की ही होगी। इससे डंपिंग साइट पर भी कूड़े के अंबार नहीं लगेगा।
दस्तावेजों के सत्यापन का चल रहा काम : बलबीर
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर रोहिल्ला ने कहा कि टेंडर के लिए आगे आई फर्मों के दस्तावेजों की जांच जारी है। जल्द ही यह टेंडर फर्म को जारी हो जाएगा।
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