पीड़ित बुजुर्ग
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कुरुक्षेत्र में करीब 20 दिन पहले बुजुर्ग महिला को गाय द्वारा पटक पटक कर मार देने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि सड़क पर घूम रहे गोवंश ने एक और बुजुर्ग को निशाना बना लिया। उसे जोरदार टक्कर मारते हुए पटक दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें हाथ, आंख व टांग पर चोटें आई है। बुजुर्ग की पहचान पुराने शहरवासी आरके ध्वन के रूप में हुई है, जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सह कुलसचिव पद से सेवानिवृत है।
वे सब्जी लेने के लिए घर से बाहर निकले थे। तभी मुख्य बाजार में सड़क पर दौड़ रहे कई गोवंश में से एक ने उन्हें जोरदार टक्कर मारते हुए पटक दिया और फिर सभी गाेवंश वहां से दौड़ते हुए निकल गए। यह घटना देख आसपास के लोगों ने बुजुर्ग को उठाया तो परिजनों को भी सूचना दी। तत्काल ही परिजन भी पहुंचे तो उसे अस्पताल में उपचाराधीन कराया गया। यह घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई।
बुजुर्ग महिला को मारने वाली गाय के मालिक का आज तक पता नहीं
27 जुलाई को करीब 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुरदीप कौर को गाय ने पटक-पटक कर मार दिया था। इस घटना का रोष अभी तक भी नहीं थमा है। घटना के बाद कईं संगठन सड़कों पर भी आ गए थे। हालांकि प्रशासन ने दावा किया था कि अगले 15 दिनों तक सभी सड़कें गोवंश मुक्त कर दी जाएंगी तो वहीं संबंधित गाय के मालिक का भी पता लगाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन आज तक प्रशासन यह पता नहीं लगा पाया कि आखिर गोशाला में छोड़ी गई उस गाय का मालिक कौन है। उधर मृतक महिला के परिजनों में अभी भी गहरा रोष है। महिला के पति वरिंद्र सिंह का कहना है कि वे राज्यमंत्री से लेकर जिला उपायुक्त तक को गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
गोशालाएं फुल, अब गोवंश छोड़ना बना चुनौती
अधिकतर गोशालाओं में क्षमतानुसार गोवंश छोड़ा जा चुका है। अभी तक करीब 315 गोवंश ही गत 29 जुलाई से पकड़े जा सके हैं जबकि सड़कों पर 500 से ज्यादा माने जा रहे हैं। गोशाला संचालक जवाब देने लगे हैं, जिसके चलते अब ये गोवंश छोड़ना चुनौती बन गई है। 14 व 15 अगस्त को गोवंश को पकड़े जाने का अभियान बंद रहा।
उधर वाह फाउंडेशन के प्रतिनिधि एडवोकेट जसबीर सिंह का कहना है कि प्रशासन जैसे ही जगह मुहैया कराएगा तो गोवंश उसी समय वहां पहुंचाना शुरू कर दिया जाएगा। उधर तीन दिन पहले अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक में नई जगह तलाश करने को लेकर चर्चा हुई, लेकिन अभी तक जगह फाइनल नहीं हो सकी। अस्थाई तौर पर आयुष विश्वविद्यालय के फतुहुपुर में खाली परिसर में शैड डालकर व्यवस्था करने को लेकर भी चर्चा हुई तो कईं ग्राम पंचायतों से भी जगह को लेकर चर्चा जारी है।
अधिकारियों के पास नहीं कोई जवाब
15 दिन में गोवंश को सड़कों से हटाने का दावा कर चुके प्रशानिक अधिकारी व वाह फांउडेशन के प्रतिनिधियों के पास शहर में अभी भी सड़कों पर गोवंश की भरमार होने व लगातार हो रही घटनाओं को लेकर कोई जवाब नहीं है। नप ईओ अभय यादव का कहना है कि गोवंश को सड़कों से हटाने के लिए वाह फाउंडेशन को ठेका दे दिया गया है अब अगला कार्य फाउंडेशन का है। गोवंश के लिए जगह मुहैया करवाने का निर्णय पूरे प्रशासन द्वारा लिया जाना है। वहीं डीएमसी एवं अतिरिक्त उपायुक्त डॉ वैशाली शर्मा का कहना था कि वे अभी इस संबंध में कुछ कह नहीं सकती।
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