किसान बेटियों का कमाल, टॉपर रहकर जमाई धाक


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किसान की बेटियों का कमाल, टॉपर बन जमाई धाक
बोलीं, खेत में पिता को पसीना बहाते देखा है, इसलिए उन्हीं को मानते हैं रोल मॉडल, बिना ट्यूशन लगाए पाई सफलता
माई सिटी रिपोर्टर
करनाल। हरियाणा बोर्ड की कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में जिले के टॉप तीन स्थानों पर कब्जा जमाकर बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। ये तीनों किसान पिता की बेटियां हैं, जिन्होंने खेत में अपने पिता को पसीना बहाते देखा है। अपने पिता को रोल मॉडल मानते हुए इन्होंने भी समाज, मानवता और देश सेवा की ठानी है।
पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आई बेटियां आईएएस, आईपीएस और डॉक्टर बनना चाहती हैं। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने 12वीं की पढ़ाई के साथ ही आगे की तैयारी शुरू कर दी है। पहले तीनों स्थान को पाने वाली बेटियों की खासियत यह है कि इन्होंने बिना ट्यूशन लिए यह सफलता पाई है। रात और दिन घंटों पढ़ाई करके सफलता पाई है। पढ़ें अपने-अपने संकाय में प्रथम और जिले में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली बेटियों की सफलता की कहानी-
कृति दीनदयाल
संकाय : कला, 494 अंक
चाचा ने किया प्रेरित, आईएएस अफसर बनने का सपना
बस्तली निवासी कृति दीनदयाल को पढ़ने के लिए उसके चाचा फार्म कंपनी के मैनेजर राजेश ने प्रेरित किया। किसान कर्म सिंह और गृहिणी संतोष की बेटी का जिले में पहला और प्रदेश में तीसरा स्थान है। छात्रा ने बताया कि उसका आईएएस अफसर बनने का सपना है, ताकि वह लोगों की समस्या का समाधान कर सके। खेलों में भी वह कई पुरस्कार जीत चुकी है। रोजाना आठ घंटे तक पढ़ाई की। फिलहाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से बीए करेगी। सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी है।
आंचल
संकाय : कॉमर्स, 492 अंक
आईपीएस अफसर बनकर महिलाओं को दिलाएगी सुरक्षा
गांव डेरा मुंडीगढ़ी निवासी किसान पिता कुशल पाल और गृहिणी मां पुष्पा रानी की बेटी आंचल ने 11वीं तक मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई की है। उनके गांव में रात को बिजली कट लगते हैं, इसलिए बोर्ड कक्षा की पढ़ाई के लिए पिता ने इन्वर्टर लगवाया। वहीं, इस बेटी का महिला सुरक्षा के लिए आईपीएस अफसर बनने का सपना है। इसके लिए वह तैयारी कर रही है। छात्रा ने बताया कि वह महिला सुरक्षा, साइबर अपराध रोकने के लिए काम करना चाहती है। रोजाना रात आठ से दो बजे तक वह पढ़ाई करती थी। परिवार और शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला। छात्रा के बिजनेस स्टडी में 100, हिंदी में 99, अंग्रेजी और एकाउंटेंसी में 98 व अर्थशास्त्र में 97 अंक हैं।
खुशी
संकाय : विज्ञान, 490 अंक
इंग्लैंड में पढ़ाई कर बनना है डॉक्टर
टपरियो गांव में अपने नाना के घर रह रही खुशी का इंग्लैंड में पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का सपना है। कुरुक्षेत्र निवासी किसान बलदेव और गृहिणी कुसुम देवी की बेटी आईलेट्स कर रही है। उन्होंने बताया कि मेडिकल क्षेत्र के खराब हालात उन्हें डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। वह मानवता की सेवा करना चाहती है। बचपन से ही वह अपने नाना के घर रहती है। 2020 में 10वीं के परीक्षा परिणाम में भी वे जिले में तीसरे स्थान पर थी। छात्रा ने बताया कि बिना ट्यूशन वह केवल दिन में पढ़ाई करती थी, रात को पूरी नींद लेती थी। छात्रा के अंग्रेजी और कैमेस्ट्री में 99, भौतिकी में 98 व हिंदी और बायो में 97 अंक हैं।

किसान की बेटियों का कमाल, टॉपर बन जमाई धाक

बोलीं, खेत में पिता को पसीना बहाते देखा है, इसलिए उन्हीं को मानते हैं रोल मॉडल, बिना ट्यूशन लगाए पाई सफलता

माई सिटी रिपोर्टर

करनाल। हरियाणा बोर्ड की कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में जिले के टॉप तीन स्थानों पर कब्जा जमाकर बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। ये तीनों किसान पिता की बेटियां हैं, जिन्होंने खेत में अपने पिता को पसीना बहाते देखा है। अपने पिता को रोल मॉडल मानते हुए इन्होंने भी समाज, मानवता और देश सेवा की ठानी है।

पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आई बेटियां आईएएस, आईपीएस और डॉक्टर बनना चाहती हैं। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने 12वीं की पढ़ाई के साथ ही आगे की तैयारी शुरू कर दी है। पहले तीनों स्थान को पाने वाली बेटियों की खासियत यह है कि इन्होंने बिना ट्यूशन लिए यह सफलता पाई है। रात और दिन घंटों पढ़ाई करके सफलता पाई है। पढ़ें अपने-अपने संकाय में प्रथम और जिले में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाली बेटियों की सफलता की कहानी-

कृति दीनदयाल

संकाय : कला, 494 अंक

चाचा ने किया प्रेरित, आईएएस अफसर बनने का सपना

बस्तली निवासी कृति दीनदयाल को पढ़ने के लिए उसके चाचा फार्म कंपनी के मैनेजर राजेश ने प्रेरित किया। किसान कर्म सिंह और गृहिणी संतोष की बेटी का जिले में पहला और प्रदेश में तीसरा स्थान है। छात्रा ने बताया कि उसका आईएएस अफसर बनने का सपना है, ताकि वह लोगों की समस्या का समाधान कर सके। खेलों में भी वह कई पुरस्कार जीत चुकी है। रोजाना आठ घंटे तक पढ़ाई की। फिलहाल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से बीए करेगी। सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी है।

आंचल

संकाय : कॉमर्स, 492 अंक

आईपीएस अफसर बनकर महिलाओं को दिलाएगी सुरक्षा

गांव डेरा मुंडीगढ़ी निवासी किसान पिता कुशल पाल और गृहिणी मां पुष्पा रानी की बेटी आंचल ने 11वीं तक मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई की है। उनके गांव में रात को बिजली कट लगते हैं, इसलिए बोर्ड कक्षा की पढ़ाई के लिए पिता ने इन्वर्टर लगवाया। वहीं, इस बेटी का महिला सुरक्षा के लिए आईपीएस अफसर बनने का सपना है। इसके लिए वह तैयारी कर रही है। छात्रा ने बताया कि वह महिला सुरक्षा, साइबर अपराध रोकने के लिए काम करना चाहती है। रोजाना रात आठ से दो बजे तक वह पढ़ाई करती थी। परिवार और शिक्षकों का पूरा सहयोग मिला। छात्रा के बिजनेस स्टडी में 100, हिंदी में 99, अंग्रेजी और एकाउंटेंसी में 98 व अर्थशास्त्र में 97 अंक हैं।

खुशी

संकाय : विज्ञान, 490 अंक

इंग्लैंड में पढ़ाई कर बनना है डॉक्टर

टपरियो गांव में अपने नाना के घर रह रही खुशी का इंग्लैंड में पढ़ाई कर डॉक्टर बनने का सपना है। कुरुक्षेत्र निवासी किसान बलदेव और गृहिणी कुसुम देवी की बेटी आईलेट्स कर रही है। उन्होंने बताया कि मेडिकल क्षेत्र के खराब हालात उन्हें डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। वह मानवता की सेवा करना चाहती है। बचपन से ही वह अपने नाना के घर रहती है। 2020 में 10वीं के परीक्षा परिणाम में भी वे जिले में तीसरे स्थान पर थी। छात्रा ने बताया कि बिना ट्यूशन वह केवल दिन में पढ़ाई करती थी, रात को पूरी नींद लेती थी। छात्रा के अंग्रेजी और कैमेस्ट्री में 99, भौतिकी में 98 व हिंदी और बायो में 97 अंक हैं।

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