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जुलाना। मौसम की मार से खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को किसानों द्वारा वीरवार को तहसील गेट पर लगाया ताला शुक्रवार को खोल दिया गया, लेकिन किसानों ने साफ कह दिया कि मुआवजा मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।
शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता जुलाना बारहा के कार्यकारी प्रधान बसारू लाठर ने की। लाठर ने कहा कि जब तक किसानों के मुकदमें रद्द नहीं होते और मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। किसानों ने तहसील गेट का ताला खोल दिया, जिससे तहसील कार्यालय में काम भी चलता रहा है। सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। दो साल में अभी तक खराब फसलों का मुआवजा नहीं मिलना सरकार की नीति में खोट को दर्शाता है। यदि सरकार की नीति सही होती तो अब तक मुआवजा मिल जाना चाहिए था। शनिवार को यदि मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वह फिर से तहसील गेट पर ताला लगा देंगे। इस मौके पर वेदपाल लाठर, नरेंद्र ढ़ाडा, प्रदीप सिहाग, भूप लाठर, विजय, राजपाल, कुलवंत, पवन, कविता, राजू मकडौली, सुमित लाठर, सतीश पहलवान भी मौजूद रहे।
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धरना स्थल पर शुरू हुआ भंडारा
तहसील कार्यालय में किसानों की संख्या बढ़ने के बाद यहां धरना दे रहे लोगों का हौसला बढ़ गया। इसलिए धरना स्थल पर रागिनी कार्यक्रम के साथ-साथ भंडारा भी शुरू हो गया। इससे साफ है कि किसान अब आंदोलन को लंबा चलाने के मूड में हैं।
जुलाना। मौसम की मार से खराब हुई फसलों के मुआवजे की मांग को किसानों द्वारा वीरवार को तहसील गेट पर लगाया ताला शुक्रवार को खोल दिया गया, लेकिन किसानों ने साफ कह दिया कि मुआवजा मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।
शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता जुलाना बारहा के कार्यकारी प्रधान बसारू लाठर ने की। लाठर ने कहा कि जब तक किसानों के मुकदमें रद्द नहीं होते और मुआवजा नहीं मिल जाता, तब तक धरना जारी रहेगा। किसानों ने तहसील गेट का ताला खोल दिया, जिससे तहसील कार्यालय में काम भी चलता रहा है। सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। दो साल में अभी तक खराब फसलों का मुआवजा नहीं मिलना सरकार की नीति में खोट को दर्शाता है। यदि सरकार की नीति सही होती तो अब तक मुआवजा मिल जाना चाहिए था। शनिवार को यदि मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो वह फिर से तहसील गेट पर ताला लगा देंगे। इस मौके पर वेदपाल लाठर, नरेंद्र ढ़ाडा, प्रदीप सिहाग, भूप लाठर, विजय, राजपाल, कुलवंत, पवन, कविता, राजू मकडौली, सुमित लाठर, सतीश पहलवान भी मौजूद रहे।
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धरना स्थल पर शुरू हुआ भंडारा
तहसील कार्यालय में किसानों की संख्या बढ़ने के बाद यहां धरना दे रहे लोगों का हौसला बढ़ गया। इसलिए धरना स्थल पर रागिनी कार्यक्रम के साथ-साथ भंडारा भी शुरू हो गया। इससे साफ है कि किसान अब आंदोलन को लंबा चलाने के मूड में हैं।
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