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फतेहाबाद। शहर की समस्याओं को लेकर नगर परिषद कार्यालय में उपायुक्त द्वारा मार्च माह में खुला दरबार लगाया गया था। इसमें शहर में शामिल हुई नई कॉलोनियों में सफाई को लेकर मुद्दा उठा था। खुला दरबार में आई शिकायतों की समीक्षा को लेकर जवाबदेही से बचने के लिए नप अधिकारियों ने कागजों में छह कॉलोनियों में चार सफाई दरोगा नियुक्त कर दिए और उच्च अधिकारियों के सामने स्पष्टीकरण देने से बच गए लेकिन आज तक संबंधित छह कॉलोनियों में न तो सफाई दरोगा गया और न ही कोई कर्मचारी सफाई करने के लिए गया है। यहां तक कि डोर टू डोर कचरा उठान के लिए गाड़ी तक नहीं भेजी गई।
नगर परिषद की फाइलों में इन नई कॉलोनियों में अधिकारी सफाई भी करवा रहे है ंऔर डोर टू डोर कचरा उठान के लिए गाड़ी भी जा रही है। जबकि हकीकत ये है कि नप ने 25 वार्ड के बाद बढ़े दो नए वार्डों में सफाई को लेकर योजना ही नहीं बनाई है। जानकारी के अनुसार नगर परिषद सीमा करीब सात माह पहले बढ़ गई थी। सीमा बढ़ने के बाद हरनाम सिंह कॉलोनी, कालीदास कॉलोनी, हंस कॉलोनी, आजाद नगर, कीर्ति नगर और स्वामी नगर शामिल हुए। वार्डबंदी के बाद नप में वार्डों की संख्या भी बढ़कर 27 हो गई है। लेकिन नप अधिकारियों ने इन कॉलोनियों में सफाई को लेकर योजना तक नहीं बनाई है। शहर सीमा बढ़ने से पहले की कॉलोनियों में ही सफाई हो रही है।
शहर की कॉलोनियों में ये लगाए गए सफाई दरोगा
कॉलोनी सफाई दरोगा
हरनाम सिंह कॉलोनी ईश्वरदत्त शर्मा
कालीदास कॉलोनी ईश्वरदत्त शर्मा
हंस कॉलोनी हीरालाल कार्यवाहक सफाई दरोगा
आजाद नगर पवन कुमार, सफाई दरोगा
कीर्ति नगर पवन कुमार, सफाई दरोगा
स्वामी नगर रमेश कुमार, सफाई दरोगा
98 हजार जनसंख्या पर 170 कर्मचारी, 30 अफसरों की कोठियों में
नगर परिषद के पास फिलहाल 170 सफाई कर्मचारी है जबकि जनसंख्या करीब 98 हजार है। इन 170 कर्मचारियों में से करीब 30 कर्मचारी अफसरों की कोठियों पर काम कर रहे हैं। 12 से 15 कर्मचारियों की ड्यूटी अन्य कामों में लगाई है। रोजाना करीब 15 से 20 कर्मचारी छुट्टी पर होते हैं। ऐसे में 100 कर्मचारी ही पूरे शहर में सफाई व्यवस्था संभाल रहे हैं।
कोट
नप सीमा में शामिल हुई नई कॉलोनियों में सफाई दरोगा की ड्यूटी लगाई गई थी। यहां पर कर्मचारी जा रहे हैं, लेकिन अब चुनाव के चलते कर्मचारी व्यस्त हैं। अगर कहीं नहीं जा रहे हैं तो वीरवार से भेजे जाएंगे।
-मुकेश शर्मा, सीएसआई, नगर परिषद
फतेहाबाद। शहर की समस्याओं को लेकर नगर परिषद कार्यालय में उपायुक्त द्वारा मार्च माह में खुला दरबार लगाया गया था। इसमें शहर में शामिल हुई नई कॉलोनियों में सफाई को लेकर मुद्दा उठा था। खुला दरबार में आई शिकायतों की समीक्षा को लेकर जवाबदेही से बचने के लिए नप अधिकारियों ने कागजों में छह कॉलोनियों में चार सफाई दरोगा नियुक्त कर दिए और उच्च अधिकारियों के सामने स्पष्टीकरण देने से बच गए लेकिन आज तक संबंधित छह कॉलोनियों में न तो सफाई दरोगा गया और न ही कोई कर्मचारी सफाई करने के लिए गया है। यहां तक कि डोर टू डोर कचरा उठान के लिए गाड़ी तक नहीं भेजी गई।
नगर परिषद की फाइलों में इन नई कॉलोनियों में अधिकारी सफाई भी करवा रहे है ंऔर डोर टू डोर कचरा उठान के लिए गाड़ी भी जा रही है। जबकि हकीकत ये है कि नप ने 25 वार्ड के बाद बढ़े दो नए वार्डों में सफाई को लेकर योजना ही नहीं बनाई है। जानकारी के अनुसार नगर परिषद सीमा करीब सात माह पहले बढ़ गई थी। सीमा बढ़ने के बाद हरनाम सिंह कॉलोनी, कालीदास कॉलोनी, हंस कॉलोनी, आजाद नगर, कीर्ति नगर और स्वामी नगर शामिल हुए। वार्डबंदी के बाद नप में वार्डों की संख्या भी बढ़कर 27 हो गई है। लेकिन नप अधिकारियों ने इन कॉलोनियों में सफाई को लेकर योजना तक नहीं बनाई है। शहर सीमा बढ़ने से पहले की कॉलोनियों में ही सफाई हो रही है।
शहर की कॉलोनियों में ये लगाए गए सफाई दरोगा
कॉलोनी सफाई दरोगा
हरनाम सिंह कॉलोनी ईश्वरदत्त शर्मा
कालीदास कॉलोनी ईश्वरदत्त शर्मा
हंस कॉलोनी हीरालाल कार्यवाहक सफाई दरोगा
आजाद नगर पवन कुमार, सफाई दरोगा
कीर्ति नगर पवन कुमार, सफाई दरोगा
स्वामी नगर रमेश कुमार, सफाई दरोगा
98 हजार जनसंख्या पर 170 कर्मचारी, 30 अफसरों की कोठियों में
नगर परिषद के पास फिलहाल 170 सफाई कर्मचारी है जबकि जनसंख्या करीब 98 हजार है। इन 170 कर्मचारियों में से करीब 30 कर्मचारी अफसरों की कोठियों पर काम कर रहे हैं। 12 से 15 कर्मचारियों की ड्यूटी अन्य कामों में लगाई है। रोजाना करीब 15 से 20 कर्मचारी छुट्टी पर होते हैं। ऐसे में 100 कर्मचारी ही पूरे शहर में सफाई व्यवस्था संभाल रहे हैं।
कोट
नप सीमा में शामिल हुई नई कॉलोनियों में सफाई दरोगा की ड्यूटी लगाई गई थी। यहां पर कर्मचारी जा रहे हैं, लेकिन अब चुनाव के चलते कर्मचारी व्यस्त हैं। अगर कहीं नहीं जा रहे हैं तो वीरवार से भेजे जाएंगे।
-मुकेश शर्मा, सीएसआई, नगर परिषद
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