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फतेहाबाद। नगर निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मैदान में उतरे उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद होने में मात्र नौ दिन शेष बचे हैं। ऐसे में शनिवार से चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा। राज्यसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही विधायक अब प्रचार में जुटेंगे। हालांकि, दो दिन विधायक दुड़ाराम के शहर से बाहर होने के कारण भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी स्पीड बढ़ा ली है। फतेहाबाद में एक निर्दलीय प्रत्याशी को कांग्रेस ने जबकि टोहाना में इनेलो ने समर्थन दिया है। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रत्याशियों की चुनौती और बढ़ गई है।
गौरतलब है कि शहर में 19 जून को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान शुरू होगा। मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान थम जाएगा। 22 जून को मतगणना होगी। प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र खिंची मतदाताओं से आसमानी चुनावी वादे कर रहे हैं। जो मतदाताओं के गले नहीं उतर रहे। भाजपा प्रत्याशी फतेहाबाद शहर को चंडीगढ़ जैसा बनाने की बात कर रहे हैं। मगर धरातल पर नगर परिषद में संसाधनों का टोटा, उनके दावों से कोसों दूर है। हालात ऐसे हैं कि शहर में न तो पर्याप्त सफाईकर्मी है और न ही कचरा ढोने के लिए गाड़ियां। ऐसे में मतदाताओं में चर्चाएं हैं कि अगर भाजपा प्रत्याशी को जीत भी मिली तो बिना संसाधन कैसे शहर को चंडीगढ़ बना पाएंगे।
पांच दिन और चुनाव प्रचार में नहीं आ सकेंगी सांसद सुनीता दुग्गल
अभी तक जिले में निकाय चुनावों में सांसद सुनीता दुग्गल की एंट्री नहीं हुई है। अभी भी पांच दिन और वह चुनाव प्रचार से दूर रहेंगी। सांसद की टीम के अनुसार 12 जून को रोहतक में होने वाले प्रदेश स्तरीय संत कबीर जयंती समारोह में सुनीता दुग्गल अध्यक्षता करेंगी। इस समारोह के लिए वह लोगों को निमंत्रण देने में व्यस्त है। इसके बाद 14 जून को सिरसा में जिला स्तरीय समारोह में भाग लेंगी। इन सभी कार्यक्रमों को निपटाने के बाद सांसद चुनाव प्रचार में आएंगी।
जो काम पुलिस नहीं कर सकी, वो निर्दलीय प्रत्याशी करने का दंभ भर रहे
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान हवाई दावे करने में निर्दलीय प्रत्याशी भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस का समर्थन पाने वाले निर्दलीय उम्मीदवार दंभ भर रहे हैं कि शहर से नशा खत्म कर देंगे। मतदाताओं में उनके दावों को लेकर भी मखौल उड़ रहा है कि जो काम पुलिस सालों से नहीं कर सकी है, वह चेयरमैन कैसे कर देंगे।
अभय चौटाला प्रचार में आए तभी नजर आएगी इनेलो
शहर में हालत ऐसी है कि इनेलो प्रत्याशी संकल्प कायत का प्रचार अभियान जोर नहीं पकड़ पा रहा है। खुद इनेलो के कार्यकर्ता मान रहे हैं कि जब तक अभय सिंह चौटाला प्रचार के लिए नहीं आएंगे, तब तक चुनाव नहीं उठेगा। ऐसे में इनेलो को अभय चौटाला के दौरे का इंतजार है।
बिखरता जा रहा जजपा का वोटबैंक
शहर का जजपा का वोट बैंक भी भाजपा की तरफ जाता नहीं दिख रहा है। जजपा के कार्यकर्ता भी भाजपा की बजाय इनेलो के पक्ष में शिफ्ट होते दिखाई दे रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि इनेलो के जनसंपर्क अभियान में वो लोग मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जो कुछ समय पहले तक शहर में जजपा के प्रमुख चेहरे होते थे। दूसरी वजह जजपा के प्रमुख नेताओं का अभी तक मैदान में नहीं आना भी है।
कोट
चुनाव प्रचार में दावे तो सभी करते हैं। मगर दावे ऐसे करने चाहिए, जिन्हें बाद में हकीकत में बदला जा सके। झूठे दावे करने से उम्मीदवारों को बचना चाहिए।
-मास्टर राजपाल मित्ताथल, ब्लॉक प्रधान, सर्व कर्मचारी संघ
कोट
शहर को विकास की बहुत जरूरत है। मतदाताओं को रिझाने के लिए लुभावने वादों की बजाय उम्मीदवार शहर को विकसित करने का रोडमैप जनता के समक्ष रखें।
-मदनगोपाल नारंग, सचिव, वरिष्ठ नागरिक परिषद
फतेहाबाद। नगर निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। मैदान में उतरे उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद होने में मात्र नौ दिन शेष बचे हैं। ऐसे में शनिवार से चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा। राज्यसभा चुनाव संपन्न होने के साथ ही विधायक अब प्रचार में जुटेंगे। हालांकि, दो दिन विधायक दुड़ाराम के शहर से बाहर होने के कारण भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे रहे निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपनी स्पीड बढ़ा ली है। फतेहाबाद में एक निर्दलीय प्रत्याशी को कांग्रेस ने जबकि टोहाना में इनेलो ने समर्थन दिया है। इससे सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रत्याशियों की चुनौती और बढ़ गई है।
गौरतलब है कि शहर में 19 जून को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान शुरू होगा। मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार अभियान थम जाएगा। 22 जून को मतगणना होगी। प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र खिंची मतदाताओं से आसमानी चुनावी वादे कर रहे हैं। जो मतदाताओं के गले नहीं उतर रहे। भाजपा प्रत्याशी फतेहाबाद शहर को चंडीगढ़ जैसा बनाने की बात कर रहे हैं। मगर धरातल पर नगर परिषद में संसाधनों का टोटा, उनके दावों से कोसों दूर है। हालात ऐसे हैं कि शहर में न तो पर्याप्त सफाईकर्मी है और न ही कचरा ढोने के लिए गाड़ियां। ऐसे में मतदाताओं में चर्चाएं हैं कि अगर भाजपा प्रत्याशी को जीत भी मिली तो बिना संसाधन कैसे शहर को चंडीगढ़ बना पाएंगे।
पांच दिन और चुनाव प्रचार में नहीं आ सकेंगी सांसद सुनीता दुग्गल
अभी तक जिले में निकाय चुनावों में सांसद सुनीता दुग्गल की एंट्री नहीं हुई है। अभी भी पांच दिन और वह चुनाव प्रचार से दूर रहेंगी। सांसद की टीम के अनुसार 12 जून को रोहतक में होने वाले प्रदेश स्तरीय संत कबीर जयंती समारोह में सुनीता दुग्गल अध्यक्षता करेंगी। इस समारोह के लिए वह लोगों को निमंत्रण देने में व्यस्त है। इसके बाद 14 जून को सिरसा में जिला स्तरीय समारोह में भाग लेंगी। इन सभी कार्यक्रमों को निपटाने के बाद सांसद चुनाव प्रचार में आएंगी।
जो काम पुलिस नहीं कर सकी, वो निर्दलीय प्रत्याशी करने का दंभ भर रहे
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान हवाई दावे करने में निर्दलीय प्रत्याशी भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस का समर्थन पाने वाले निर्दलीय उम्मीदवार दंभ भर रहे हैं कि शहर से नशा खत्म कर देंगे। मतदाताओं में उनके दावों को लेकर भी मखौल उड़ रहा है कि जो काम पुलिस सालों से नहीं कर सकी है, वह चेयरमैन कैसे कर देंगे।
अभय चौटाला प्रचार में आए तभी नजर आएगी इनेलो
शहर में हालत ऐसी है कि इनेलो प्रत्याशी संकल्प कायत का प्रचार अभियान जोर नहीं पकड़ पा रहा है। खुद इनेलो के कार्यकर्ता मान रहे हैं कि जब तक अभय सिंह चौटाला प्रचार के लिए नहीं आएंगे, तब तक चुनाव नहीं उठेगा। ऐसे में इनेलो को अभय चौटाला के दौरे का इंतजार है।
बिखरता जा रहा जजपा का वोटबैंक
शहर का जजपा का वोट बैंक भी भाजपा की तरफ जाता नहीं दिख रहा है। जजपा के कार्यकर्ता भी भाजपा की बजाय इनेलो के पक्ष में शिफ्ट होते दिखाई दे रहे हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि इनेलो के जनसंपर्क अभियान में वो लोग मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जो कुछ समय पहले तक शहर में जजपा के प्रमुख चेहरे होते थे। दूसरी वजह जजपा के प्रमुख नेताओं का अभी तक मैदान में नहीं आना भी है।
कोट
चुनाव प्रचार में दावे तो सभी करते हैं। मगर दावे ऐसे करने चाहिए, जिन्हें बाद में हकीकत में बदला जा सके। झूठे दावे करने से उम्मीदवारों को बचना चाहिए।
-मास्टर राजपाल मित्ताथल, ब्लॉक प्रधान, सर्व कर्मचारी संघ
कोट
शहर को विकास की बहुत जरूरत है। मतदाताओं को रिझाने के लिए लुभावने वादों की बजाय उम्मीदवार शहर को विकसित करने का रोडमैप जनता के समक्ष रखें।
-मदनगोपाल नारंग, सचिव, वरिष्ठ नागरिक परिषद
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