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फतेहाबाद। निकाय चुनाव में उतरे कुछ उम्मीदवार फेसबुक पर मिल रहे समर्थन को ही जीत का आधार मानकर चल रहे हैं। चेयरमैन से लेकर पार्षद पद तक के अधिकांश प्रत्याशियों ने फेसबुक पर पेज बनाकर धुआंधार प्रचार शुरू कर दिया है। सुबह दिन की शुरुआत से लेकर देर रात्रि तक की अपडेट फेसबुक के माध्यम से साझा हो रही है। 44 डिग्री तापमान में गली-गली छानने की बजाय एसी कमरों में बैठकर फेसबुक पर कमेंट और शेयर बढ़ाने में ही कुछ प्रत्याशियों का दिन व्यतीत हो रहा है। इस स्थिति को देखकर शहर में चर्चाएं हो रही हैं कि कहीं यह फेसबुकिया समर्थन लुटिया न डूबो दें।
सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नजर
हालांकि, सोशल मीडिया पर भी मॉनिटरिंग के लिए चुनाव आयोग ने टीम लगाई हुई है। किस प्रत्याशी के कितने पेज बने हुए हैं, और उनसे किस तरह का प्रचार हो रहा है, इसकी भी नियमित डिटेल ली जा रही है। सोशल मीडिया के विज्ञापनों की भी गणना होगी, जो बाद में प्रत्याशी के खर्च में जोड़ी जाएंगी।
जिनका शहर में वोट नहीं, वो भी भर रहे जीत का दम
कुछ प्रत्याशी चुनाव फतेहाबाद में लड़ रहे हैं, लेकिन उनके सपोर्टर दूसरे शहरों में भी हैं। ऐसे में जिनका शहर में वोट तक नहीं है, वो भी फेसबुक पर अपने चहेते उम्मीदवारों की जीत का दम भरने में लगे हैं। हालांकि, दोपहर के समय फेसबुकिया प्रचार अधिक जोर पकड़ता है।
वार्डों से लेकर गली-मोहल्ले तक के बने व्हाट्सएप ग्रुप
इसके अलावा प्रत्याशियों द्वारा वार्डों से लेकर गली-मोहल्ले तक के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। इन ग्रुपों में सारा दिन चुनावी प्रतिक्रियाएं चलती हैं। कुछ ऐसे ग्रुप भी हैं, जिनमें अलग-अलग प्रत्याशी भी शामिल हैं। व्हाट्सएप की रणभूमि में भी एक-दूसरे की जीत के लिए प्रत्याशियों के समर्थक शब्दबाण चलाते नजर आते हैं।
कोट
चुनाव आयोग की हर तरह से पूरी निगरानी रहती है। सोशल मीडिया के जरिये किए जाने वाले प्रचार की भी मॉनिटरिंग हो रही है।
-कुलभूषण बंसल, रिटर्निंग ऑफिसर
फतेहाबाद। निकाय चुनाव में उतरे कुछ उम्मीदवार फेसबुक पर मिल रहे समर्थन को ही जीत का आधार मानकर चल रहे हैं। चेयरमैन से लेकर पार्षद पद तक के अधिकांश प्रत्याशियों ने फेसबुक पर पेज बनाकर धुआंधार प्रचार शुरू कर दिया है। सुबह दिन की शुरुआत से लेकर देर रात्रि तक की अपडेट फेसबुक के माध्यम से साझा हो रही है। 44 डिग्री तापमान में गली-गली छानने की बजाय एसी कमरों में बैठकर फेसबुक पर कमेंट और शेयर बढ़ाने में ही कुछ प्रत्याशियों का दिन व्यतीत हो रहा है। इस स्थिति को देखकर शहर में चर्चाएं हो रही हैं कि कहीं यह फेसबुकिया समर्थन लुटिया न डूबो दें।
सोशल मीडिया पर भी चुनाव आयोग की कड़ी नजर
हालांकि, सोशल मीडिया पर भी मॉनिटरिंग के लिए चुनाव आयोग ने टीम लगाई हुई है। किस प्रत्याशी के कितने पेज बने हुए हैं, और उनसे किस तरह का प्रचार हो रहा है, इसकी भी नियमित डिटेल ली जा रही है। सोशल मीडिया के विज्ञापनों की भी गणना होगी, जो बाद में प्रत्याशी के खर्च में जोड़ी जाएंगी।
जिनका शहर में वोट नहीं, वो भी भर रहे जीत का दम
कुछ प्रत्याशी चुनाव फतेहाबाद में लड़ रहे हैं, लेकिन उनके सपोर्टर दूसरे शहरों में भी हैं। ऐसे में जिनका शहर में वोट तक नहीं है, वो भी फेसबुक पर अपने चहेते उम्मीदवारों की जीत का दम भरने में लगे हैं। हालांकि, दोपहर के समय फेसबुकिया प्रचार अधिक जोर पकड़ता है।
वार्डों से लेकर गली-मोहल्ले तक के बने व्हाट्सएप ग्रुप
इसके अलावा प्रत्याशियों द्वारा वार्डों से लेकर गली-मोहल्ले तक के व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हुए हैं। इन ग्रुपों में सारा दिन चुनावी प्रतिक्रियाएं चलती हैं। कुछ ऐसे ग्रुप भी हैं, जिनमें अलग-अलग प्रत्याशी भी शामिल हैं। व्हाट्सएप की रणभूमि में भी एक-दूसरे की जीत के लिए प्रत्याशियों के समर्थक शब्दबाण चलाते नजर आते हैं।
कोट
चुनाव आयोग की हर तरह से पूरी निगरानी रहती है। सोशल मीडिया के जरिये किए जाने वाले प्रचार की भी मॉनिटरिंग हो रही है।
-कुलभूषण बंसल, रिटर्निंग ऑफिसर
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