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भानू भारद्वाज
करनाल। राजा कर्ण की धनुर्विद्या से प्रेरित होकर कर्णनगरी की रिद्धि ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत आयोजित हुए तीरंदाजी मुकाबले के फाइनल में स्वर्ण पदक जीत लिया। इस मुकाबले में रिद्धि ने हरियाणा की तमन्ना को हराया। लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही रिद्धि देश और प्रदेश के लिए पदक जीत रही है। उसने यह कारनामा 14 वर्ष की उम्र से शुरू कर दिया था।
रिद्धि के पिता ने बताया कि वह शुरुआती दिनों में बेटी को कभी-कभी शहर के कर्ण ताल स्थित कर्ण की तीर चलाते हुए लगी प्रतिमा के सामने ले जाया करते थे। इससे प्रेरित होकर उसमें तीरंदाजी सीखने का जुनून शुरू हुआ। अब पेरिस में होने वाले विश्व कप प्री में रिद्धि हिस्सा लेने को तैयार है।
पिता मनोज फोर ने आगे बताया कि वह जब शूटिंग रेंज में उतरती है तो बेफिक्र होकर खेलती है। कभी वह शूटिंग में जाना चाहती थी, लेकिन शहर के सेक्टर 12 में राहगीरी के दौरान होने वाले तीरंदाजी इवेंट से उसने खेलना शुरू किया, जोकि आम लोगों के समक्ष होती थी। वहां से तीरंदाजी की शुरूआत हुई और वह बेहतर प्रदर्शन करती गई।
प्रात: चार बजे लगाती थी दौड़
पिता कहते हैं कि वह रिद्धि को सुबह चार बजे उठाते थे और दौड़ के लिए ले जाते थे। रिद्धि ने कभी मना नहीं किया। उसी का नतीजा आज सबके सामने है। रिद्धि अपना आदर्श अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज तरुणदीप राय को मानती है और उनसे भी समय-समय पर प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। रिद्धि पेंटिंग करने की शौकीन है। हालांकि खाना बनाने के नाम पर केबल मैगी ही बना पाती है। बेटी की सबसे बड़ी ताकत हर किसी को सम्मान देना है। ब्यूरो
कॉलोनी में बांटी मिठाई
रिद्धि के खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीरंदाजी इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने पर उसके कॉलेज गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्राचार्य डा. गुरिंदर सिंह, खेल विभाग के इंचार्ज लेफ्टिनेंट डा. देवी भूषण सहित सभी शिक्षकों ने खुशी जताई। जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ और खेल प्रशिक्षकों ने भी बधाई दी। वहीं, रिद्धि के परिवार और कॉलोनी में भी खुशी का माहौल है। कॉलोनी में लोगों ने रिद्धि की इस कामयाबी पर मिठाई बांटी। ब्यूरो
खेलो इंडिया में खेले चार मैच
पहले मैच में गोवा के खिलाड़ी को 06-02 से, दूसरे मैच में मध्य प्रदेश के खिलाड़ी को 06-00 से, तीसरे मैच में झारखंड के खिलाड़ी को 06-00 से, वहीं फाइनल मैच में हरियाणा की ही खिलाड़ी तमन्ना को 06-04 से हराकर रिद्धि ने स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। ये मैच ग्रुप ए और बी के तहत हुए।
भानू भारद्वाज
करनाल। राजा कर्ण की धनुर्विद्या से प्रेरित होकर कर्णनगरी की रिद्धि ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत आयोजित हुए तीरंदाजी मुकाबले के फाइनल में स्वर्ण पदक जीत लिया। इस मुकाबले में रिद्धि ने हरियाणा की तमन्ना को हराया। लगातार श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही रिद्धि देश और प्रदेश के लिए पदक जीत रही है। उसने यह कारनामा 14 वर्ष की उम्र से शुरू कर दिया था।
रिद्धि के पिता ने बताया कि वह शुरुआती दिनों में बेटी को कभी-कभी शहर के कर्ण ताल स्थित कर्ण की तीर चलाते हुए लगी प्रतिमा के सामने ले जाया करते थे। इससे प्रेरित होकर उसमें तीरंदाजी सीखने का जुनून शुरू हुआ। अब पेरिस में होने वाले विश्व कप प्री में रिद्धि हिस्सा लेने को तैयार है।
पिता मनोज फोर ने आगे बताया कि वह जब शूटिंग रेंज में उतरती है तो बेफिक्र होकर खेलती है। कभी वह शूटिंग में जाना चाहती थी, लेकिन शहर के सेक्टर 12 में राहगीरी के दौरान होने वाले तीरंदाजी इवेंट से उसने खेलना शुरू किया, जोकि आम लोगों के समक्ष होती थी। वहां से तीरंदाजी की शुरूआत हुई और वह बेहतर प्रदर्शन करती गई।
प्रात: चार बजे लगाती थी दौड़
पिता कहते हैं कि वह रिद्धि को सुबह चार बजे उठाते थे और दौड़ के लिए ले जाते थे। रिद्धि ने कभी मना नहीं किया। उसी का नतीजा आज सबके सामने है। रिद्धि अपना आदर्श अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज तरुणदीप राय को मानती है और उनसे भी समय-समय पर प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं। रिद्धि पेंटिंग करने की शौकीन है। हालांकि खाना बनाने के नाम पर केबल मैगी ही बना पाती है। बेटी की सबसे बड़ी ताकत हर किसी को सम्मान देना है। ब्यूरो
कॉलोनी में बांटी मिठाई
रिद्धि के खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तीरंदाजी इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने पर उसके कॉलेज गुरु नानक खालसा कॉलेज के प्राचार्य डा. गुरिंदर सिंह, खेल विभाग के इंचार्ज लेफ्टिनेंट डा. देवी भूषण सहित सभी शिक्षकों ने खुशी जताई। जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ और खेल प्रशिक्षकों ने भी बधाई दी। वहीं, रिद्धि के परिवार और कॉलोनी में भी खुशी का माहौल है। कॉलोनी में लोगों ने रिद्धि की इस कामयाबी पर मिठाई बांटी। ब्यूरो
खेलो इंडिया में खेले चार मैच
पहले मैच में गोवा के खिलाड़ी को 06-02 से, दूसरे मैच में मध्य प्रदेश के खिलाड़ी को 06-00 से, तीसरे मैच में झारखंड के खिलाड़ी को 06-00 से, वहीं फाइनल मैच में हरियाणा की ही खिलाड़ी तमन्ना को 06-04 से हराकर रिद्धि ने स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। ये मैच ग्रुप ए और बी के तहत हुए।
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