कम सिक्योरिटी वाले फाइनेंस कंपनी के कार्यालयों को बनाते थे लूट के लिए निशाना


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भिवानी। कम सिक्योरिटी वाले फाइनेंस कंपनी के कार्यालयों में लूटपाट की वारदात को अंजाम देने वाले ढिचाऊ गैंग के चार गुर्गों को भिवानी सीआईए द्वितीय की टीम रिमांड पर लेकर पूछताछ में जुटी है। अब तक पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस गैंग के आरोपी सिवानी और महेंद्रगढ़ में दो फाइनेंस कंपनियों के कार्यालयों में नकदी लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं वहीं एक आरोपी पर हत्या, हत्या प्रयास व लूट के 29 मुकदमे दर्ज हैं तो दूसरे पर सात केस दर्ज हैं। आरोपियों ने सिवानी में फाइनेंस कंपनी कार्यालय से एक लाख 80 हजार व महेंद्रगढ़ फाइनेंस कंपनी के ब्रांच से 14 लाख रुपये की लूट की वारदात की थी।
सीआईए द्वितीय के इंचार्ज रवींद्र कुमार ने बताया कि सिवानी क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी में गन प्वाइंट पर कर्मचारियों से एक लाख 80 हजार की लूट की थी। आरोपी तिजोरी के साथ साथ टैबलेट और मोबाइल फोन भी लूटकर ले गए थे। पुलिस को शिकायतकर्ता उत्तरप्रदेश निवासी बिट्टू ने बताया था कि भारत फाइनेंसियल एल्कोजन लिमिटेड के राजगढ़ रोड स्थित कार्यालय में आरोपियों ने गन प्वाइंट पर लूट की थी। इस संबंध में पुलिस ने केस दर्ज किया था। इस मामले में सीआईए ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान अनिल व प्रवीण उर्फ बाबू वासी गोपाल नगर नजफगढ़ दिल्ली व संदीप वासी कुतुबपुर हिसार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी प्रवीण को न्यायालय में पेश कर पांच दिन व आरोपी संदीप को चार दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। चौथे आरोपी संतोष वासी ढाणी कुतुबपुर हांसी को भी गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने एक जनवरी 2021 को महेंद्रगढ़ भारत फाइनेंस लिमिटेड की ब्रांच से करीब 14 लाख की लूट की वारदात कबूली है। सीआईए इंचार्ज रवींद्र कुमार ने बताया कि आरोपी अनिल वासी नजफगढ़ पर लूट, हत्या प्रयास व हत्या के सात केस दर्ज हैं। वहीं आरोपी प्रवीण उर्फ बाबू पर लूट, हत्या प्रयास व हत्या के 29 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ में जुटी है। जबकि वारदात में प्रयोग किए गए हथियार, गाड़ी व लूटी गई रकम बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापामारी की जा रही है। सीआईए इंचार्ज रवींद्र ने बताया कि ढिचाऊ गैंग के ये सदस्य पहले रेकी करते थे और फिर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। ये फाइनेंस कंपनियों में कम सिक्योरिटी वाले कार्यालयों को ही अपना निशाना बनाते थे, जहां पिस्टल प्वाइंट पर कर्मचारियों से लूटपाट आसान होती थी।

भिवानी। कम सिक्योरिटी वाले फाइनेंस कंपनी के कार्यालयों में लूटपाट की वारदात को अंजाम देने वाले ढिचाऊ गैंग के चार गुर्गों को भिवानी सीआईए द्वितीय की टीम रिमांड पर लेकर पूछताछ में जुटी है। अब तक पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इस गैंग के आरोपी सिवानी और महेंद्रगढ़ में दो फाइनेंस कंपनियों के कार्यालयों में नकदी लूट की वारदात को अंजाम दे चुके हैं वहीं एक आरोपी पर हत्या, हत्या प्रयास व लूट के 29 मुकदमे दर्ज हैं तो दूसरे पर सात केस दर्ज हैं। आरोपियों ने सिवानी में फाइनेंस कंपनी कार्यालय से एक लाख 80 हजार व महेंद्रगढ़ फाइनेंस कंपनी के ब्रांच से 14 लाख रुपये की लूट की वारदात की थी।

सीआईए द्वितीय के इंचार्ज रवींद्र कुमार ने बताया कि सिवानी क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी में गन प्वाइंट पर कर्मचारियों से एक लाख 80 हजार की लूट की थी। आरोपी तिजोरी के साथ साथ टैबलेट और मोबाइल फोन भी लूटकर ले गए थे। पुलिस को शिकायतकर्ता उत्तरप्रदेश निवासी बिट्टू ने बताया था कि भारत फाइनेंसियल एल्कोजन लिमिटेड के राजगढ़ रोड स्थित कार्यालय में आरोपियों ने गन प्वाइंट पर लूट की थी। इस संबंध में पुलिस ने केस दर्ज किया था। इस मामले में सीआईए ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों की पहचान अनिल व प्रवीण उर्फ बाबू वासी गोपाल नगर नजफगढ़ दिल्ली व संदीप वासी कुतुबपुर हिसार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी प्रवीण को न्यायालय में पेश कर पांच दिन व आरोपी संदीप को चार दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। चौथे आरोपी संतोष वासी ढाणी कुतुबपुर हांसी को भी गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने एक जनवरी 2021 को महेंद्रगढ़ भारत फाइनेंस लिमिटेड की ब्रांच से करीब 14 लाख की लूट की वारदात कबूली है। सीआईए इंचार्ज रवींद्र कुमार ने बताया कि आरोपी अनिल वासी नजफगढ़ पर लूट, हत्या प्रयास व हत्या के सात केस दर्ज हैं। वहीं आरोपी प्रवीण उर्फ बाबू पर लूट, हत्या प्रयास व हत्या के 29 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ में जुटी है। जबकि वारदात में प्रयोग किए गए हथियार, गाड़ी व लूटी गई रकम बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी छापामारी की जा रही है। सीआईए इंचार्ज रवींद्र ने बताया कि ढिचाऊ गैंग के ये सदस्य पहले रेकी करते थे और फिर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। ये फाइनेंस कंपनियों में कम सिक्योरिटी वाले कार्यालयों को ही अपना निशाना बनाते थे, जहां पिस्टल प्वाइंट पर कर्मचारियों से लूटपाट आसान होती थी।

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