कथावाचक और सन्यासी का अंतर समझना जरूरी


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संवाद न्यूज एजेंसी
इस्माईलाबाद। जगतगुरु पंचानंद गिरी ने रविवार को कहा कि सनातन धर्म को बचाने के लिए प्रत्येक सनातनी को जागरूक होने की जरूरत है। लोगों को कथावाचक और सन्यासी के बीच अंतर का समझना जरूरी है। देश पर कोई संकट आया तो सन्यासी देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाता आया है। आज भी संत और सन्यासी सनातन धर्म की रक्षा की तैयार खडे़ हैं। वे सोनू शर्मा नैसी के प्रतिष्ठान पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज पंजाब में हालात कुछ ठीक नहीं है। पहले गैंगस्टर भावनाओं में आकर काम करते थे, लेकिन आज गैंगस्टर पैसे के लिए काम करने लगे हैं। इससे स्थिति बिगड़ चुकी है। गैंगस्टरों के पास ऐसे ऐसे हथियार उपलब्ध है जो देश की सेना के पास भी नहीं है। ऐसा होना समाज के लिए ठीक नहीं है। उन्होेंने कहा कि मूसेवाला हत्याकांड में जिन हथियारों का प्रयोग हुआ वह विदेशी हैं। ऐसे हथियार पंजाब कैसे पहुंचे. यह बड़े खतरे का संकेत है। पंजाब में हिंदू-सिख भाईचारा कायम है, मगर कुछ शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देकर माहौल खराब कर रहे हैं।
ज्ञानवापी मामले में कहा कि मुस्लिम शासकों से पहले वहां पर शिव मंदिर था। मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर वहां पर मस्जिद बनवा दी थी। आज भी वहां पर शिवलिंग व नंदी जी स्थापित है और दीवारों पर हिंदू धर्म कलाकृतियां साफ दिखाई देती हैं। उन्होंने कहा कि लोग कथावाचक साधुओं की बातों में आकर गलत रास्ते पर चल रहे हैं। पुराने समय से ही सन्यासी समाज की रक्षा करते आ रहे हैं। उनके आश्रमों में ही बड़े बड़े मामले सुलझा करते थे। राजा-महाराजाओं को भी जंग के मैदान में नागा सन्यासी ही युद्ध जीतकर दिया करते थे। इस मौके पर पंडित गगी, सोनू शर्मा, भगवानदास मेहता, रिंकू शर्मा, अशोक कुमार, अनूप, बिट्टू, बलदेव शर्मा, दर्शन लाल, राजवीर सहित अन्य मौजूद रहे ।

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इस्माईलाबाद। जगतगुरु पंचानंद गिरी ने रविवार को कहा कि सनातन धर्म को बचाने के लिए प्रत्येक सनातनी को जागरूक होने की जरूरत है। लोगों को कथावाचक और सन्यासी के बीच अंतर का समझना जरूरी है। देश पर कोई संकट आया तो सन्यासी देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाता आया है। आज भी संत और सन्यासी सनातन धर्म की रक्षा की तैयार खडे़ हैं। वे सोनू शर्मा नैसी के प्रतिष्ठान पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज पंजाब में हालात कुछ ठीक नहीं है। पहले गैंगस्टर भावनाओं में आकर काम करते थे, लेकिन आज गैंगस्टर पैसे के लिए काम करने लगे हैं। इससे स्थिति बिगड़ चुकी है। गैंगस्टरों के पास ऐसे ऐसे हथियार उपलब्ध है जो देश की सेना के पास भी नहीं है। ऐसा होना समाज के लिए ठीक नहीं है। उन्होेंने कहा कि मूसेवाला हत्याकांड में जिन हथियारों का प्रयोग हुआ वह विदेशी हैं। ऐसे हथियार पंजाब कैसे पहुंचे. यह बड़े खतरे का संकेत है। पंजाब में हिंदू-सिख भाईचारा कायम है, मगर कुछ शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा देकर माहौल खराब कर रहे हैं।

ज्ञानवापी मामले में कहा कि मुस्लिम शासकों से पहले वहां पर शिव मंदिर था। मुस्लिम शासकों ने मंदिर तोड़कर वहां पर मस्जिद बनवा दी थी। आज भी वहां पर शिवलिंग व नंदी जी स्थापित है और दीवारों पर हिंदू धर्म कलाकृतियां साफ दिखाई देती हैं। उन्होंने कहा कि लोग कथावाचक साधुओं की बातों में आकर गलत रास्ते पर चल रहे हैं। पुराने समय से ही सन्यासी समाज की रक्षा करते आ रहे हैं। उनके आश्रमों में ही बड़े बड़े मामले सुलझा करते थे। राजा-महाराजाओं को भी जंग के मैदान में नागा सन्यासी ही युद्ध जीतकर दिया करते थे। इस मौके पर पंडित गगी, सोनू शर्मा, भगवानदास मेहता, रिंकू शर्मा, अशोक कुमार, अनूप, बिट्टू, बलदेव शर्मा, दर्शन लाल, राजवीर सहित अन्य मौजूद रहे ।

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