ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल। फ्यूचर फैक्ट्री में हर दिन 2000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर बनते हैं।
ओला इलेक्ट्रिक का IPO आज से ओपन हो गया है। ये भारत में ईवी इंडस्ट्री का पहला IPO है। इसका प्राइस बैंड ₹72-₹76 तय किया गया है। इस IPO से पहले दैनिक भास्कर की टीम ने ओला की गीगा फैक्ट्री और फ्यूचर फैक्ट्री विजिट की।
इस दौरान कंपनी के CEO भाविश अग्रवाल ने कहा- ‘अगले साल की शुरुआत तक हमारे स्कूटरों में खुद के सेल होंगे। हम ईवी की कीमत कम करना चाहते हैं। इसके लिए हमने कम कीमत और हाई परफॉर्मेंस वाला लीथियम-आयन सेल डेवलप किया है।’
ओला के CEO भाविश अग्रवाल ने बेंगलुरु स्थित अपने हेडक्वार्टर में अपने फ्यूचर प्लान बताते हुए।
सवाल 1: ओला के सेल का इस्तेमाल कब तक शुरू होगा, अभी इसका क्या स्टेटस है?
जवाब: ओला दो तरह के सेल बनाने पर काम कर रही है। इनमें एक NMC2170 और दूसरा 4680 सेल है। 4680 सेल अभी शुरुआती टेस्टिंग फेज में है, जिसे कंपनी ने ‘भारत सेल’ नाम दिया है। वहीं NMC2170 सेल की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है। कंपनी अगले साल से इसे अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों में इस्तेमाल करेगी।
भाविश अग्रवाल ने कहा कि यह सेल भारतीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम में बदलाव ला सकता है। यह लीथियम सेल का 5G है और ये ईवी इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर साबित होगा। हमारे पास एडवांस टेक्नोलॉजी है जो ग्लोबल लेवल पर सिर्फ कुछ ही कंपनियों के पास है।
सवाल 2: सॉलिड स्टेट बैटरी को लेकर क्या प्लानिंग है?
जवाब: हम इस मामले में अपने बैटरी इनोवेशन सेंटर में एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। सॉलिड स्टेट बैटरियां जहां एक तरफ एनर्जी डेंसिटी बढ़ाती हैं, वहीं इसकी मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट कम होती है और यह ज्यादा सेफ भी है। यह टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया में नई है और हम भी इसमें जोर-शोर से लगे हुए हैं।
सवाल 3: क्या ओला की फैक्ट्री में बनाए जाने वाले सेल का इस्तेमाल अन्य स्कूटरों में भी होगा?
जवाब: गीगा फैक्ट्री में तैयार सेल आने वाले समय में ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में तो लगेंगे ही, साथ ही प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ने पर उसे बेचा भी जा सकता है। इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में मेड-इन-इंडिया सेल लगाने से इसके दाम में भी कुछ और कमी आएगी। हालांकि,भाविश ने ये नहीं बताया कि इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की कीमत में कितनी कमी आएगी।
सवाल 4: सेल बनाने के लिए ओला ने कितना निवेश किया है, प्रोडक्शन कैपेसिटी कितनी है?
जवाब: बड़े पैमाने पर सेल बनाने के लिए तमिलनाडु स्थित ओला गीगाफैक्ट्री में काफी सारी मशीनें लगी हैं। यहां कैथोड, ऐनोड और इलेक्ट्रोलाइट समेत कई जरूरी चीजों की मदद से सेल बनाए जा रहे हैं। इसके लिए करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
ओला गीगाफैक्ट्री में फेज वाइज काम किया जा रहा है। पहले फेज में यहां 1.5 गीगावॉट-ऑवर (GWh) की कैपेसिटी से सेल का प्रोडक्शन किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे 5GWh और फिर 20GWh तक बढ़ाया जाएगा।
ओला की फ्यूचर फैक्ट्री में 80% महिला कर्मचारी काम करती हैं।
सवाल 5: सरकार लंबे समय से PLI स्कीम चला रही है, ओला को इसका कितना फायदा मिला?
सरकार की PLI स्कीम से फायदा मिल रहा है, जिसमें एक इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ा है और दूसरा लीथियम आयन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग को लेकर है। ओला इलेक्ट्रिक को सरकार से 20GWh लीथियम आयन सेल प्रोडक्शन की PLI मिली है। गीगाफैक्ट्री में फेज-1 में ट्रायल प्रोडक्शन शुरू हो चुका है और अगले महीने फेज-1B शुरू हो सकता है।
30 से 40% तक सस्ते हो सकते हैं ओला के ई-स्कूटर्स
एक्सपर्ट्स की मानें, तो ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में खुद के सेल इस्तेमाल करती है तो इनकी कीमत 30 से 40% कम हो सकती है क्योंकि अभी इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी ही सबसे महंगा पार्ट होता है। मौजूदा समय में कंपनी सेल दक्षिण कोरिया और चीन से खरीद रही है।
बेंगलुरु स्थित ओला बैटरी इनोवेशन सेंटर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम चल रहा है। वहां बने प्रोटोटाइप से आने वाले समय में बड़े पैमाने पर सेल बनाए जाएंगे। इससे सेल को बाहर से इम्पोर्ट नहीं करना पड़ेगा और कंपनी अपने स्कूटर की कीमत कम रख पाएगी।
बैटरी की कीमत ईवी मैन्युफैक्चरर्स के लिए सबसे बड़ी चुनौती
अन्य इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स के लिए भी बैटरी की कीमत चुनौती बनी हुई है क्योंकि कंपनियां खुद बैटरी मैन्युफैक्चरिंग नहीं करती हैं या फिर कम मात्रा में करती हैं। अब भी कोर मैन्युफैक्चरर्स के पास ही बैटरी मैन्युफैक्चरिंग मार्केट का ज्यादा बड़ा हिस्सा मौजूद है।
अगर ओला इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बैटरी बनाना शुरू कर देती है तो ये ईवी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा अचीवमेंट होगा। हालांकि ओला को भारत में अन्य कंपनियों से चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
अमारा राजा: 9,500 करोड़ रुपए निवेश
- भारत में बैटरी बनाने के मामले में ये कंपनी लीडर मानी जाती है। ये सालों से यहां लेड एसिड बैटरी बना रहे हैं। कंपनी ने हाल ही में चीन की गोशन हाईटेक कंपनी के सब ब्रांड गोशन इनोबोट बैटरीज (Gotion InoBot Batteries) से डील साइन की है।
- इस पार्टनरशिप के तहत भारत में एक गीगाफैक्ट्री लगाई जाएगी। ये फैक्ट्री तेलंगाना में लगाई जाएगी। GIB अमारा राजा एडवांस्ड सेल टेक्नोलॉजीज को लीथियम ऑयन सेल बनाने के लिए अपनी लीथियम ऑयरन फॉस्फेट टेक्नोलॉजी का लाइसेंस देगी।
- शुरुआत में इस फैक्ट्री की सेल बनाने की कैपेसिटी 2GWh/साल की होगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 16GWh/साल किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट में अमारा राजा 9,500 करोड़ रुपए निवेश करेगी। 2025 तक ये फैक्ट्री तैयार हो जाएगी।
- अमारा राजा ने एक अन्य कंपनी से भी पार्टनरशिप की है, जिसके तहत वह 2170 सेल बनाएगी। इसके अलावा एक्साइड एनर्जी सॉल्यूशंस ने कार निर्माता हुंडई और किआ मोटर के साथ लिथियम-आयरन-फॉस्फेट (LFP) सेल्स बनाने के लिए पार्टनरशिप की है।
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ओला इलेक्ट्रिक का IPO ओपन हुआ:फाउंडर भाविश अग्रवाल ने कहा- अगले साल EV की कीमतें घटेंगी, कंपनी स्कूटर में अपनी बनाई बैटरी लगाएगी