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हिसार। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों की मांगें लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है। मांगों को लेकर वीरवार को एनएचएम के 683 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों के हड़ताल से जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में डायल 108 एंबुलेंस सेवा, ओपीडी, डिलिवरी, आयुष सेवाएं सहित अन्य कई स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं।
वहीं, एनएचएम स्टाफ के हड़ताल पर होने से प्रधानमंत्री का सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम नहीं हो पाया है। क्योंकि यह कार्यक्रम हर सरकारी अस्पताल में हर महीने की 9 तारीख को होता है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम के तहत विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं का हेल्थ चेकअप किया जाता है। अब यह हेल्थ चेकअप शुक्रवार को किया जाएगा।
वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की कुल 34 एंबुलेंस में से सिर्फ 12 एबुलेंस ही चल पाई, इन 12 एंबुलेंस को नियमित एंबुलेंस चालकों ने चलाया। वीरवार को एनएचएम की स्टाफ नर्स, एएनएम, मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस चालक, इएमटी, आयूष डॉक्टर, फार्मासिस्ट, आयूष मेडिकल ऑफिसर, टीबीएलटी, मेडिकल सुपरवाइजर, पैरा मेडिकल व अन्य एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
एनएचएम कर्मचारी बोले-2018 के बाद नहीं हुई मांग पूरी
स्वास्थय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा पिछले 20 वर्षों से ज्यादा समय से स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। परंतु सरकार हमेशा से इन कर्मचारियों की अनदेखी करती आई है। 2018 में सरकार ने सेवा नियम लागू करके कर्मचारियों को थोड़ा लाभ दिया परंतु उसके बाद से कर्मचारियों की कोई भी मांग पूरी नहीं करी गई।
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री सुनील ने बताया के विभिन्न सरकारी संस्थाओं में कार्यरत 683 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए अन्यथा भविष्य में यह कर्मचारी सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन करेंगे। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष जगत बिसला, उप प्रधान पूनम, आरटीएस 108 प्रधान रोहतास, कोविड यूनियन के प्रधान विकास उपप्रधान ज्योति आदि मौजूद रहे।
ये हैं एनएचएम कर्मचारियों की मुख्य मांगें
– 7वां वेतनमान दिए जाने की घोषणा को लागू किया जाए व ग्रेड पे संशोधन किया जाए।
– कोरोना काल में किए गए कार्य के एवज में 5000 रुपये प्रोत्साहन राशि का दी जाए।
– एनएचएम में कार्यरत विभिन्न कैडर के कर्मियों को मेडिकल कैश लेस सेवा दी जाए।
– कोरोना के समय लगाए गए करोना योद्धाओं को नौकरी पर वापस ज्वाइन किया जाए।
हिसार। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों की मांगें लंबे समय से पूरी नहीं हो रही है। मांगों को लेकर वीरवार को एनएचएम के 683 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों के हड़ताल से जिलेभर के सरकारी अस्पतालों में डायल 108 एंबुलेंस सेवा, ओपीडी, डिलिवरी, आयुष सेवाएं सहित अन्य कई स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं।
वहीं, एनएचएम स्टाफ के हड़ताल पर होने से प्रधानमंत्री का सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम नहीं हो पाया है। क्योंकि यह कार्यक्रम हर सरकारी अस्पताल में हर महीने की 9 तारीख को होता है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस कार्यक्रम के तहत विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं का हेल्थ चेकअप किया जाता है। अब यह हेल्थ चेकअप शुक्रवार को किया जाएगा।
वीरवार को स्वास्थ्य विभाग की कुल 34 एंबुलेंस में से सिर्फ 12 एबुलेंस ही चल पाई, इन 12 एंबुलेंस को नियमित एंबुलेंस चालकों ने चलाया। वीरवार को एनएचएम की स्टाफ नर्स, एएनएम, मेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस चालक, इएमटी, आयूष डॉक्टर, फार्मासिस्ट, आयूष मेडिकल ऑफिसर, टीबीएलटी, मेडिकल सुपरवाइजर, पैरा मेडिकल व अन्य एनएचएम के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
एनएचएम कर्मचारी बोले-2018 के बाद नहीं हुई मांग पूरी
स्वास्थय कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि एनएचएम के कर्मचारियों द्वारा पिछले 20 वर्षों से ज्यादा समय से स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। परंतु सरकार हमेशा से इन कर्मचारियों की अनदेखी करती आई है। 2018 में सरकार ने सेवा नियम लागू करके कर्मचारियों को थोड़ा लाभ दिया परंतु उसके बाद से कर्मचारियों की कोई भी मांग पूरी नहीं करी गई।
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री सुनील ने बताया के विभिन्न सरकारी संस्थाओं में कार्यरत 683 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को जल्दी से जल्दी पूरा किया जाए अन्यथा भविष्य में यह कर्मचारी सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन करेंगे। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष जगत बिसला, उप प्रधान पूनम, आरटीएस 108 प्रधान रोहतास, कोविड यूनियन के प्रधान विकास उपप्रधान ज्योति आदि मौजूद रहे।
ये हैं एनएचएम कर्मचारियों की मुख्य मांगें
– 7वां वेतनमान दिए जाने की घोषणा को लागू किया जाए व ग्रेड पे संशोधन किया जाए।
– कोरोना काल में किए गए कार्य के एवज में 5000 रुपये प्रोत्साहन राशि का दी जाए।
– एनएचएम में कार्यरत विभिन्न कैडर के कर्मियों को मेडिकल कैश लेस सेवा दी जाए।
– कोरोना के समय लगाए गए करोना योद्धाओं को नौकरी पर वापस ज्वाइन किया जाए।
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