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फतेहाबाद। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी वीरवार को हड़ताल पर रहे। हड़ताल में सुबह, शाम व रात्रि तीनों शिफ्टों के कर्मचारियों ने भाग लिया और कामकाज ठप रखा। हड़ताल के चलते अस्पताल में आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बता दें कि 39 फीसदी एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण करीब आठ एंबुलेंस नहीं चली और अन्य एंबुलेंसों पर रोडवेज चालक भेजे गए। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत आयोजित कैंप भी वीरवार को प्रभावित हुआ। रजिस्ट्रेशन के लिए स्टाफ नर्स की जगह अप्रेंटिस कर्मचारी लगाए गए। कर्मचारियों की हड़ताल से इमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम व न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भी कामकाज प्रभावित रहा। मुख्य तौर पर एंबुलेंस चालक, ईएमटी और स्टाफ नर्स हड़ताल पर थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 405 में से 159 कर्मचारी हड़ताल पर रहे है।
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर भी दिखी फूट
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल में भी फूट देखने को मिली है। हड़ताल को लेकर एनएचएम के तमाम कर्मचारी शामिल नहीं हुए। वीरवार को हुई हड़ताल व धरने की अध्यक्षता स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने की। जबकि एनएचएम कर्मचारी यूनियन के सदस्य वीरवार को हुई हड़ताल से दूर दिखे।
ये कर्मचारी रहे हड़ताल पर
एनएचएम कर्मचारी कुल मैनपॉवर ड्यूटी पर हड़ताल में शामिल
सीएमओ कार्यालय 24 19 5
आयुष 14 14 0
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद 49 29 20
अस्पताल टोहाना 21 6 15
अर्बन पीएचसी टोहाना 11 0 11
अस्पताल रतिया 64 45 19
अस्पताल भूना 47 47 0
सीएचसी भट्टूकलां 44 26 18
सीएचसी जाखल 44 42 2
सीएचसी बड़ोपल 20 11 9
आरटीएस 67 7 60
सातवें पे कमीशन का पत्र जारी करने की रखी मांग
हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारियों ने नागरिक अस्पताल के बाहर धरना दिया और नारेबाजी कर सरकार ने उनकी लंबित मांगों को तुरंत पूरा करते हुए लागू करने की मांग की। धरने की अध्यक्षता स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार टोहाना ने भाग लिया। इस दौरान डॉ. विष्णु, जितेंद्र भदौरिया, सुरेश तंवर, बलराज, संदीप, जितेंद्र, शिव, पिंकी, सुशील, कपिल, सतबीर, हरजिंद्र कौर, रेखा, सुनीता सहित सैकड़ों एनएचएम कर्मचारी मौजूद रहे। धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर संघ द्वारा लगातार तीन वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है। मिशन निदेशक के साथ हुई बातचीत में कई मांगों पर सहमति बनी थी परंतु धरातल पर अभी तक किसी भी मांग को पूरा करने को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने मांग की कि सीएम की घोषणा अनुसार जल्द सातवें पे कमीशन का पत्र जल्द जारी हो। वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। सरकार द्वारा घोषित 5 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का जल्द भुगतान हो। एनएचएम कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए व कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। चिकित्सा अधिकारियों को सेवा नियमों का लाभ देते हुए प्रारंभिक वेतन 80 हजार किया जाए। गेस्ट अध्यापकों की तर्ज सेवा सुरक्षा प्रदान हो। वर्ष 2017 व 2019 में हड़ताल के दौरान काटे गए वेतन का भुगतान किया जाए व तमिलनाडू व मणिपुर की तर्ज पर रेगुलर पॉलिसी बनाई जाए। कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 20 लाख सहायता राशि व आश्रित को नौकरी दी जाए।
कोट
एनएचएम के 405 कर्मचारी हैं इनमें से 246 ड्यूटी पर थे जबकि 159 हड़ताल में शामिल हुए हैं। इस संबंध में मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।
-डॉ. सुनीता सोखी, उप सिविल सर्जन
फतेहाबाद। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारी वीरवार को हड़ताल पर रहे। हड़ताल में सुबह, शाम व रात्रि तीनों शिफ्टों के कर्मचारियों ने भाग लिया और कामकाज ठप रखा। हड़ताल के चलते अस्पताल में आए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बता दें कि 39 फीसदी एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण करीब आठ एंबुलेंस नहीं चली और अन्य एंबुलेंसों पर रोडवेज चालक भेजे गए। प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत आयोजित कैंप भी वीरवार को प्रभावित हुआ। रजिस्ट्रेशन के लिए स्टाफ नर्स की जगह अप्रेंटिस कर्मचारी लगाए गए। कर्मचारियों की हड़ताल से इमरजेंसी वार्ड, लेबर रूम व न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भी कामकाज प्रभावित रहा। मुख्य तौर पर एंबुलेंस चालक, ईएमटी और स्टाफ नर्स हड़ताल पर थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 405 में से 159 कर्मचारी हड़ताल पर रहे है।
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर भी दिखी फूट
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल में भी फूट देखने को मिली है। हड़ताल को लेकर एनएचएम के तमाम कर्मचारी शामिल नहीं हुए। वीरवार को हुई हड़ताल व धरने की अध्यक्षता स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने की। जबकि एनएचएम कर्मचारी यूनियन के सदस्य वीरवार को हुई हड़ताल से दूर दिखे।
ये कर्मचारी रहे हड़ताल पर
एनएचएम कर्मचारी कुल मैनपॉवर ड्यूटी पर हड़ताल में शामिल
सीएमओ कार्यालय 24 19 5
आयुष 14 14 0
नागरिक अस्पताल फतेहाबाद 49 29 20
अस्पताल टोहाना 21 6 15
अर्बन पीएचसी टोहाना 11 0 11
अस्पताल रतिया 64 45 19
अस्पताल भूना 47 47 0
सीएचसी भट्टूकलां 44 26 18
सीएचसी जाखल 44 42 2
सीएचसी बड़ोपल 20 11 9
आरटीएस 67 7 60
सातवें पे कमीशन का पत्र जारी करने की रखी मांग
हड़ताल पर गए एनएचएम कर्मचारियों ने नागरिक अस्पताल के बाहर धरना दिया और नारेबाजी कर सरकार ने उनकी लंबित मांगों को तुरंत पूरा करते हुए लागू करने की मांग की। धरने की अध्यक्षता स्वास्थ्य कर्मचारी संघ हरियाणा संबंधित भारतीय मजदूर संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार टोहाना ने भाग लिया। इस दौरान डॉ. विष्णु, जितेंद्र भदौरिया, सुरेश तंवर, बलराज, संदीप, जितेंद्र, शिव, पिंकी, सुशील, कपिल, सतबीर, हरजिंद्र कौर, रेखा, सुनीता सहित सैकड़ों एनएचएम कर्मचारी मौजूद रहे। धरने को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि एनएचएम कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर संघ द्वारा लगातार तीन वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है। मिशन निदेशक के साथ हुई बातचीत में कई मांगों पर सहमति बनी थी परंतु धरातल पर अभी तक किसी भी मांग को पूरा करने को लेकर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन शर्मा ने मांग की कि सीएम की घोषणा अनुसार जल्द सातवें पे कमीशन का पत्र जल्द जारी हो। वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। सरकार द्वारा घोषित 5 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि का जल्द भुगतान हो। एनएचएम कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए व कैशलेस मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। चिकित्सा अधिकारियों को सेवा नियमों का लाभ देते हुए प्रारंभिक वेतन 80 हजार किया जाए। गेस्ट अध्यापकों की तर्ज सेवा सुरक्षा प्रदान हो। वर्ष 2017 व 2019 में हड़ताल के दौरान काटे गए वेतन का भुगतान किया जाए व तमिलनाडू व मणिपुर की तर्ज पर रेगुलर पॉलिसी बनाई जाए। कर्मचारी की आकस्मिक मृत्यु पर परिवार को 20 लाख सहायता राशि व आश्रित को नौकरी दी जाए।
कोट
एनएचएम के 405 कर्मचारी हैं इनमें से 246 ड्यूटी पर थे जबकि 159 हड़ताल में शामिल हुए हैं। इस संबंध में मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है।
-डॉ. सुनीता सोखी, उप सिविल सर्जन
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