एटीएम कार्ड की तरह स्मार्ट बस पास देने की तैयारी, लगेगा जीरो बैलेंस टिकट


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गगन तलवार
करनाल। हरियाणा रोडवेज ने एटीएम कार्ड जैसे स्मार्ट बस पास देने की तैयारी शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत बस में बैठे हर यात्री को टिकट लेना होगा। चाहे वह पासधारक हो या नहीं। सामान्य सवारी को उसके सफर के अनुसार भुगतान करके टिकट मिलेगा, जबकि पासधारक को परिचालक जीरो बैलेंस का टिकट देगा।
इसके लिए रोडवेज के प्रत्येक बस परिचालक को ईटीएम (इलेक्ट्रानिक टिकटिंग मशीन) दी जाएगी। इस मशीन से पास स्कैन कर जीरो बैलेंस का टिकट बनाया जाएगा। इस डिजिटल टिकट सिस्टम से व्यवस्था में जहां पारदर्शिता आएगी। वहीं फर्जी पास, बिना टिकट के सफर करने और पास के नाजायज इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी। परियोजना पर काम कर रही कंपनी के ट्रेनर मनोज राणा के अनुसार एक दिन में पासधारक अधिकतम तीन चक्कर लगा सकेगा। यदि पास से संबंधित मार्ग पर चार चक्कर लगाए तो पास ब्लैक लिस्ट हो जाएगा। इसके बाद उसे सामान्य सवारी की तरह टिकट लेना पडे़गा और भविष्य में पास भी काम नहीं करेगा। अगले दो माह में इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने की विभाग की योजना है। वर्तमान में पासधारकों को विभाग की ओर से कागज के पास बनाकर दिए जाते हैं। जिसे कंडक्टर को केवल दिखाने मात्र से ही सफर किया जा सकता है, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पास को स्कैन करके कंडक्टर को पासधारक का भी टिकट बनाना होगा। ब्यूरो
170 मार्गों पर चल रही 2916 बसें
प्रदेश में रोडवेज के बेड़े में 3380 बसें हैं। इनमें से एक समय में 2916 बसें ही रूट पर रहती हैं। रोडवेज के प्रत्येक डिपो में कुल 170 से ज्यादा मार्ग हैं। जहां पर बसों से लाखों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं। प्रदेश में विद्यार्थियों के मिलाकर करीब चार लाख से ज्यादा के पास बने हैं। करनाल में 25 हजार विद्यार्थी पास से रोजाना सफर करते हैं।
समय और चक्कर का रहेगा हिसाब
ईटीएम मशीन के माध्यम से विभाग के पास प्रत्येक पासधारक के सफर का डिजिटल रिकॉर्ड होगा। किस समय तक वह बस में था, कब उसका टिकट कटा। बस में कितनी बार सफर किया। महीने में कितने दिन सफर किया, पास के स्कैन होने से सब रिकार्ड मशीन के माध्यम से रोडवेज के सॉफ्टवेयर में दर्ज होगा। इससे पास का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। न ही कोई कंडक्टर पासधारक को सफर करने से मना कर सकेगा।
ऐसे विद्यार्थी और दैनिक यात्रियों के बने हैं पास
प्रदेश में स्कूल, कॉलेज और आईटीआई सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और दैनिक यात्रियों के पास बने हैं। जो छात्र 60 किलोमीटर की दूरी से आते हैं, उनके बस पास कम किराये पर बनते हैं। जबकि 150 किलोमीटर की दूरी से आने वाली छात्राओं के लिए बस पास निशुल्क है। दैनिक यात्री पूरे हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ के लिए 40 टिकट का भुगतान करके एक माह के लिए पास बनवा सकते हैं। इसमें यात्री को आना-जाना मिलाकर 20 टिकट की छूट मिलती है।
भविष्य में स्मार्ट बस पास बनाए जाएंगे। ईटीएम को लागू करने के लिए परिचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद बसों में डिजिटल टिकट प्रणाली शुरू होगी। मशीन से टिकट कटेगी और यात्री ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे।
– कुलदीप सिंह, महाप्रबंधक, रोडवेज करनाल

गगन तलवार

करनाल। हरियाणा रोडवेज ने एटीएम कार्ड जैसे स्मार्ट बस पास देने की तैयारी शुरू कर दी है। नई व्यवस्था के तहत बस में बैठे हर यात्री को टिकट लेना होगा। चाहे वह पासधारक हो या नहीं। सामान्य सवारी को उसके सफर के अनुसार भुगतान करके टिकट मिलेगा, जबकि पासधारक को परिचालक जीरो बैलेंस का टिकट देगा।

इसके लिए रोडवेज के प्रत्येक बस परिचालक को ईटीएम (इलेक्ट्रानिक टिकटिंग मशीन) दी जाएगी। इस मशीन से पास स्कैन कर जीरो बैलेंस का टिकट बनाया जाएगा। इस डिजिटल टिकट सिस्टम से व्यवस्था में जहां पारदर्शिता आएगी। वहीं फर्जी पास, बिना टिकट के सफर करने और पास के नाजायज इस्तेमाल पर भी रोक लगेगी। परियोजना पर काम कर रही कंपनी के ट्रेनर मनोज राणा के अनुसार एक दिन में पासधारक अधिकतम तीन चक्कर लगा सकेगा। यदि पास से संबंधित मार्ग पर चार चक्कर लगाए तो पास ब्लैक लिस्ट हो जाएगा। इसके बाद उसे सामान्य सवारी की तरह टिकट लेना पडे़गा और भविष्य में पास भी काम नहीं करेगा। अगले दो माह में इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने की विभाग की योजना है। वर्तमान में पासधारकों को विभाग की ओर से कागज के पास बनाकर दिए जाते हैं। जिसे कंडक्टर को केवल दिखाने मात्र से ही सफर किया जा सकता है, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पास को स्कैन करके कंडक्टर को पासधारक का भी टिकट बनाना होगा। ब्यूरो

170 मार्गों पर चल रही 2916 बसें

प्रदेश में रोडवेज के बेड़े में 3380 बसें हैं। इनमें से एक समय में 2916 बसें ही रूट पर रहती हैं। रोडवेज के प्रत्येक डिपो में कुल 170 से ज्यादा मार्ग हैं। जहां पर बसों से लाखों की संख्या में यात्री रोजाना सफर करते हैं। प्रदेश में विद्यार्थियों के मिलाकर करीब चार लाख से ज्यादा के पास बने हैं। करनाल में 25 हजार विद्यार्थी पास से रोजाना सफर करते हैं।

समय और चक्कर का रहेगा हिसाब

ईटीएम मशीन के माध्यम से विभाग के पास प्रत्येक पासधारक के सफर का डिजिटल रिकॉर्ड होगा। किस समय तक वह बस में था, कब उसका टिकट कटा। बस में कितनी बार सफर किया। महीने में कितने दिन सफर किया, पास के स्कैन होने से सब रिकार्ड मशीन के माध्यम से रोडवेज के सॉफ्टवेयर में दर्ज होगा। इससे पास का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। न ही कोई कंडक्टर पासधारक को सफर करने से मना कर सकेगा।

ऐसे विद्यार्थी और दैनिक यात्रियों के बने हैं पास

प्रदेश में स्कूल, कॉलेज और आईटीआई सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और दैनिक यात्रियों के पास बने हैं। जो छात्र 60 किलोमीटर की दूरी से आते हैं, उनके बस पास कम किराये पर बनते हैं। जबकि 150 किलोमीटर की दूरी से आने वाली छात्राओं के लिए बस पास निशुल्क है। दैनिक यात्री पूरे हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ के लिए 40 टिकट का भुगतान करके एक माह के लिए पास बनवा सकते हैं। इसमें यात्री को आना-जाना मिलाकर 20 टिकट की छूट मिलती है।

भविष्य में स्मार्ट बस पास बनाए जाएंगे। ईटीएम को लागू करने के लिए परिचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद बसों में डिजिटल टिकट प्रणाली शुरू होगी। मशीन से टिकट कटेगी और यात्री ऑनलाइन भुगतान भी कर सकेंगे।

– कुलदीप सिंह, महाप्रबंधक, रोडवेज करनाल

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