एक दूसरे के धर्म का सम्मान करने से ही बंद हो सकते हैं ऐसे दंगे


ख़बर सुनें

देश में लगातार सांप्रदायिक माहौल बिगड़ रहा है। जहां एक ओर दंगे भड़क रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक-दूसरे धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके माहौल खराब करने का नेता व राजनेता प्रयास कर रहे हैं। यह हालात तब है जब समुदाय विशेष आमने-सामने तक आ गए हैं। इसी कारण देश के विभिन्न राज्यों में समुदाय विशेष के बीच टकराव, पथराव, आगजनी और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें मदद करने वाले तक घायल हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए आम लोगों और राजनेताओं को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। इसी विषय को उठाते हुए अमर उजाला ने लोगों के विचार जाने कि किस तरह सांप्रदायिक एकता का माहौल फिर से कायम किया जाए, कैसे इन परिस्थितियों पर काबू पाया जाए।
एक दूसरे के धर्म पर पहले टिप्पणी करना और फिर उसे दंगों का रूप देना किसी भी स्थिति में सही नहीं है। इससे जहां देश की तरक्की में रुकावट आती है, वहीं बहुत से लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है। इसीलिए सभी को ऐसे दंगों से बचना चाहिए।
– रजत माथुर।
हम सब है भाई-भाई का नारा ऐसे हालातों में पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। पहले एक जगह और अब कई जगहों पर दंगे फैलते जा रहे हैं। ऐसे दंगों से किसी को कोई लाभ नहीं होता है, बस नुकसान ही होता है। हम सभी को एक दुसरे के साथ मिलकर ही रहना चाहिए।
– पंडित कन्हैया लाल
सभी को ऐसे दंगों से बचना चाहिए। जब कोई भी ऐसे दंगों से दूर रहेगा तो दंगा बढ़ेगा ही नहीं। वहीं कई बार ऐसे दंगों में मासूम लोग भेंट चढ़ जाते है। किसी को जेल भी जाना पड़ता है, जिससे पूरा परिवार बिखर जाता है, तो ऐसे दंगों से दूर रहना ही बेहतर होता है। सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
-शोभा धीमान
सभी को एक दूसरे के भावनाओं और धर्म का सम्मान करना चाहिए। वहीं विभिन्न पार्टी से जुड़े लोगों को भी सोच समझ अपने विचार व्यक्त करने चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति पैदा ही न हो और सभी मिलजुल कर रहें।
– असीम गोयल।
सभी धर्मों में एक दूसरे का आदर करना सिखाया जाता है। परंतु कुछ लोग अपने लाभ के लिए ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं कि इससे भावनाएं आहत होती है और बात दंगों तक पहुंच जाती है। सभी को समझना चाहिए कि हमें ऐसी बातों और दंगों से दूर रहना है, ताकि किसी को भी कोई नुकसान न हो।
– आचार्य चैतन्य महाराज
धर्म बड़ा होता है परंतु उससे बड़ी इंसानियत होती है। ऐसे में किसी को भी ऐसे दंगे नहीं फैलाने चाहिए। सभी धर्म में एक ही समान बात कही गई है कि एक दूसरों को सम्मान करों, आदर करो और किसी को दिल न दुखाओ, परंतु उसके बाद भी देश में ऐसी स्थिति पैदा होना चिंताजनक बात है।
– महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज

देश में लगातार सांप्रदायिक माहौल बिगड़ रहा है। जहां एक ओर दंगे भड़क रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक-दूसरे धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके माहौल खराब करने का नेता व राजनेता प्रयास कर रहे हैं। यह हालात तब है जब समुदाय विशेष आमने-सामने तक आ गए हैं। इसी कारण देश के विभिन्न राज्यों में समुदाय विशेष के बीच टकराव, पथराव, आगजनी और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें मदद करने वाले तक घायल हो रहे हैं। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए आम लोगों और राजनेताओं को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। इसी विषय को उठाते हुए अमर उजाला ने लोगों के विचार जाने कि किस तरह सांप्रदायिक एकता का माहौल फिर से कायम किया जाए, कैसे इन परिस्थितियों पर काबू पाया जाए।

एक दूसरे के धर्म पर पहले टिप्पणी करना और फिर उसे दंगों का रूप देना किसी भी स्थिति में सही नहीं है। इससे जहां देश की तरक्की में रुकावट आती है, वहीं बहुत से लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है। इसीलिए सभी को ऐसे दंगों से बचना चाहिए।

– रजत माथुर।

हम सब है भाई-भाई का नारा ऐसे हालातों में पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। पहले एक जगह और अब कई जगहों पर दंगे फैलते जा रहे हैं। ऐसे दंगों से किसी को कोई लाभ नहीं होता है, बस नुकसान ही होता है। हम सभी को एक दुसरे के साथ मिलकर ही रहना चाहिए।

– पंडित कन्हैया लाल

सभी को ऐसे दंगों से बचना चाहिए। जब कोई भी ऐसे दंगों से दूर रहेगा तो दंगा बढ़ेगा ही नहीं। वहीं कई बार ऐसे दंगों में मासूम लोग भेंट चढ़ जाते है। किसी को जेल भी जाना पड़ता है, जिससे पूरा परिवार बिखर जाता है, तो ऐसे दंगों से दूर रहना ही बेहतर होता है। सभी को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।

-शोभा धीमान

सभी को एक दूसरे के भावनाओं और धर्म का सम्मान करना चाहिए। वहीं विभिन्न पार्टी से जुड़े लोगों को भी सोच समझ अपने विचार व्यक्त करने चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति पैदा ही न हो और सभी मिलजुल कर रहें।

– असीम गोयल।

सभी धर्मों में एक दूसरे का आदर करना सिखाया जाता है। परंतु कुछ लोग अपने लाभ के लिए ऐसी स्थिति पैदा कर देते हैं कि इससे भावनाएं आहत होती है और बात दंगों तक पहुंच जाती है। सभी को समझना चाहिए कि हमें ऐसी बातों और दंगों से दूर रहना है, ताकि किसी को भी कोई नुकसान न हो।

– आचार्य चैतन्य महाराज

धर्म बड़ा होता है परंतु उससे बड़ी इंसानियत होती है। ऐसे में किसी को भी ऐसे दंगे नहीं फैलाने चाहिए। सभी धर्म में एक ही समान बात कही गई है कि एक दूसरों को सम्मान करों, आदर करो और किसी को दिल न दुखाओ, परंतु उसके बाद भी देश में ऐसी स्थिति पैदा होना चिंताजनक बात है।

– महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज

.


What do you think?

चेंज ऑफ ड्राप्स संस्था जगा रही स्लम एरिया के बच्चों में शिक्षा की अलख

सीएम से मिलेंगे विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ