in

एंकर, एक्टर…21 साल की उम्र में मिला BJP का साथ, कौन हैं रेणु भाटिया, जिसने महमूदाबाद की बकियाबुन उधेड़ी Haryana News & Updates

एंकर, एक्टर…21 साल की उम्र में मिला BJP का साथ, कौन हैं रेणु भाटिया, जिसने महमूदाबाद की बकियाबुन उधेड़ी Haryana News & Updates

[ad_1]

चंडीगढ़: हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया आजकल काफी सुर्खियों में छाई हुई हैं. उन्होंने हाल ही में अशोक यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उनकी एक पोस्ट के लिए समन भेजा था. इसके बाद पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई, जिसके चलते रविवार को महमूदाबाद की गिरफ्तारी हुई. इस पर रेनू भाटिया ने कहा कि वह सिर्फ अपना काम कर रही हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है. आइए आपको बताते हैं रेनू भाटिया कौन हैं?

भाजपा की बेनजीर
रेनू भाटिया भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक मजबूत नेता हैं. वह सुषमा स्वराज को अपनी आदर्श मानती हैं और उन्हें ‘मेरी प्रिय नेता’ कहती हैं. रेनू का बीजेपी से जुड़ाव करीब चार दशकों पुराना है. वह महज 21 साल की उम्र में बीजेपी से जुड़ी थीं और आज वह पार्टी की बेनजीर कही जाती हैं. यह नाम उन्हें एक डॉक्यूमेंट्री के दौरान मिला था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की भूमिका निभाई थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रेनू ने बताया, ‘बीजेपी में मेरा 36वां साल है, और मुझे खुशी होगी अगर मुझे पार्टी से विधायक या सांसद पद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का मौका मिले.’

राजनीतिक जीवन और पार्टी से जुड़ाव
रेनू भाटिया फरीदाबाद की रहने वाली हैं और उन्होंने 2 बार पार्षद और उपमेयर के रूप में भी काम किया है. वह फरीदाबाद के सांसद कृष्ण अल गुर्जर की करीबी विश्वासपात्र मानी जाती हैं. साथ ही, वह केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल की भी सहयोगी हैं. उनका राजनीतिक जीवन काफी समृद्ध और सक्रिय रहा है, जिसमें उन्होंने पार्टी के लिए कई अहम काम किए हैं.

बला की थी खूबसूरत, शाही थे शौक, 12वीं से ही करने लगी थी काम, नहीं हुई चाहत पूरी तो बन गई गद्दार

बचपन यहां बीता
रेनू भाटिया का जन्म श्रीनगर में हुआ था. वह पंजाबी कश्मीरी परिवार से हैं. उनका घर डल गेट के पास था. रेनू ने बताया कि कश्मीर में कश्मीरी पंडितों पर जो अत्याचार हुए, वह उन्होंने खुद देखा है. वह उन परिवारों से आती हैं जो 1947 और 1948 में मारे गए थे, साथ ही 90 के दशक में कश्मीर में उन्हें परेशान किया गया. इसलिए जब भी कश्मीर में कोई घटना होती है, वह उन्हें गहरे तौर पर प्रभावित करती है.

पत्रकार भी रह चुकी हैं
रेनू भाटिया ने दूरदर्शन में एंकर के रूप में भी काम किया था. यह उनके जीवन का एक अहम अनुभव था. उन्होंने 1992 में कुछ समय के लिए दूरदर्शन में एंकर के तौर पर सेवा दी और इस दौरान वह समाज के कई मुद्दों पर प्रकाश डालती थीं.

हैंडसम था जीजा, खूबसूरत थी साली, दोनों में हो गया प्यार, फिर दोनों हो गए फुर्र, अब फूट-फूटकर रो रहा पति

राजनीति में प्रवेश और महिला मुद्दों पर काम
रेनू भाटिया का राजनीति में आने का कारण सिर्फ उनका परिवार नहीं था, बल्कि महिलाओं की समस्याओं को सामने लाना था. उन्होंने कहा, महिलाओं ने मुझसे उम्मीद जताई कि मैं उनके मुद्दे उठाऊं. यही कारण था कि मुझे राजनीति में कदम रखना पड़ा. वह कई सालों तक भाजपा की प्रवक्ता के रूप में भी काम करती रही हैं. हालांकि उनके परिवार में कोई और व्यक्ति राजनीति में नहीं था.

रेनू भाटिया का कहना है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी कार्रवाई के बाद कुछ लोगों से आलोचनाएं सुनीं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रोफेसर महमूदाबाद की पोस्ट को लेकर उन्होंने जो कदम उठाया, वह महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनके अधिकारों का हिस्सा था. उनका मानना है कि महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में उनका काम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना है, और इसके लिए उन्हें कोई भी कदम उठाने का पूरा अधिकार है.

[ad_2]

शरीर को अंदर से साफ करने के लिए रोज खाएं ये चीजें, एकदम फिट रहेंगे आप Health Updates

शरीर को अंदर से साफ करने के लिए रोज खाएं ये चीजें, एकदम फिट रहेंगे आप Health Updates

Deepfake और Revenge Porn पर सख्त एक्शन: ट्रंप ने किए TAKE IT DOWN Act पर साइन, जानें क्या है ये Today Tech News

Deepfake और Revenge Porn पर सख्त एक्शन: ट्रंप ने किए TAKE IT DOWN Act पर साइन, जानें क्या है ये Today Tech News