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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू।
तेल अवीव: इजरायल की सेना ने रविवार को गाजा पट्टी में ‘व्यापक’ स्तर पर नया जमीनी सैन्य अभियान शुरू करने का ऐलान किया, जिसके बाद दुनिया में हलचल मच गई। गाजा में मानवीय सहायता को करीब 3 महीने तक रोके जाने के इजरायल के कदम से भी दुनिया के कई देश खफा दिखे। मामला यहां तक बढ़ गया कि इजरायल के दोस्त माने जाने वाले ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने गाजा और वेस्ट बैंक में उसके एक्शन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल के खिलाफ इन देशों की कार्रवाई में प्रतिबंध भी शामिल हो सकते हैं।

तीनों देशों ने इजरायल से की ये मांगें
सोमवार को तीनों देशों के एक संयुक्त बयान में इजरायल के उस फैसले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें लगभग 3 महीने की नाकेबंदी के बाद गाजा में बहुत कम मात्रा में मानवीय सहायता की इजाजत दी गई। बयान में इसे पूरी तरह नाकाफी बताया गया। तीनों देशों ने इजरायल से गाजा में अपनी नई सैन्य कार्रवाइयों को तुरंत रोकने और मानवीय सहायता को बिना देरी के अंदर आने देने की मांग की। यह बयान इजरायल और संयुक्त राष्ट्र द्वारा गाजा में कुछ सहायता ट्रकों के प्रवेश की खबर के बाद आया। संयुक्त राष्ट्र के मानवीय प्रमुख ने इस सहायता को ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ बताया है।
ब्रिटेन और फ्रांस की पहली बड़ी चेतावनी
ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने अपने बयान में कहा कि वे हमेशा इजरायल के आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा के हक में रहे हैं, लेकिन हाल-फिलहाल की घटनाओं को उन्होंने सही नहीं बताया है। यह 19 महीने से जारी जंग में ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से पहली बड़ी चेतावनी है। बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को माना था कि उन्होंने गाजा को सहायता बहाल करने का निर्णय सहयोगियों के दबाव के कारण लिया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि गाजा में जो सहायता दी जाएगी वह ‘न्यूनतम’ होगी।
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इजरायल से बुरी तरह खफा हुए उसके ये 3 ‘दोस्त’, गाजा के हालात को लेकर दी कड़ी चेतावनी