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ईरान और इजराइल के बीच 13 अप्रैल को भी टकराव हुआ था।
हमास चीफ इस्माइल हानियेह की मौत के बाद से ईरान और इजराइल में तनाव बढ़ गया है। इस बीच ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और राष्ट्रपति मसूद पजशकियान में हमले के तरीके को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।
ब्रिटिश मीडिया द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरानी सेना इजराइल पर सीधा हमला करना चाहती है। IRGC राजधानी तेल अवीव और इजराइल के दूसरे शहरों में मिलिट्री बेस को निशाना बनाना चाहती है। वहीं ईरान के नए राष्ट्रपति पजशकियान मिडिल ईस्ट के दूसरे देश जैसे अजरबैजान और इराकी कुर्दिस्तान में मौजूद इजराइल के बेस और मोसाद के ठिकानों पर अटैक करना चाहते हैं।
इसके अलावा पजशकियान ने लेबनान के संगठन हिजबुल्लाह को बेहतर हथियार देने और इजराइल पर हमले में उसे सपोर्ट करने का भी प्रस्ताव रखा है। दरअसल, पजशकियान को डर है कि इजराइल पर सीधा हमला करने से ईरान को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान ने 30 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उन्होंने IRGC समर्थित सईद जलीली को हराया था।
पजशकियान को कमजोर दिखाने की कोशिश कर रही ईरानी सेना
राष्ट्रपति के सहयोगी ने बताया, “पजशकियान ने कहा कि हम खुशकिस्मत थे जब इजराइल ने पिछली बार हमारे खिलाफ जंग नहीं छेड़ी थी। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इस बार भी ऐसा ही होगा।” पजशकियान के सहयोगी ने टेलीग्राफ को बताया कि IRGC राष्ट्रपति को कमजोर दिखाने के लिए उनका विरोध कर रही है।
दरअसल पजशकियान ने राष्ट्रपति चुनाव में सईद जलीली को हराकर जीत दर्ज की थी। जलीली को IRGC का समर्थन हासिल था। इजराइल पर हमला कैसे होगा इसका आखिरी फैसला सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई करेंगे।
सेना बोली- खामेनेई ने इजराइल को कड़ी सजा देने को कहा, आदेश पूरा करेंगे
दूसरी तरफ IRGC ने कहा कि सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इजराइल को कड़ी सजा देने की बात कही थी। हम उनके इस आदेश को जरूर पूरा करेंगे। 30 जुलाई को ईरान के राष्ट्रपति पजशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे हमास के पॉलिटिकल चीफ हानियेह की मौत हो गई थी। वह IRGC के ही गेस्ट हाउस में ठहरा था।
इससे पहले ईरान और इजराइल के बीच अप्रैल में तनाव हुआ था। दरअसल, 1 अप्रैल को इजराइल ने सीरिया में ईरान के दूतावास के पास हमला किया था। इसमें एक टॉप कमांडर समेत कई अधिकारी मारे गए थे। इजराइल के इस कार्रवाई के जवाब में 12 दिन बाद 13 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर 300 मिसाइलों और ड्रोन्स से अटैक किया था। इस हमले के 6 दिन बाद इजराइल ने ईरान में एयरस्ट्राइक की थी।
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अमेरिका ने बढ़ते तनाव को देखते हुए मिडिल ईस्ट में और हथियार तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने बताया कि अमेरिका इलाके में एक फाइटर जेट स्क्वॉड्रन और एक एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करेगा। इनका लक्ष्य ईरान की तरफ से इजराइल पर हमले की स्थित में उसकी रक्षा करना होगा। पूरी खबर पढ़ें…
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