उल्लेखनीय है कि थर्मोकॉल बनाने वाले इस कारखाने में शनिवार को भीषण आग लग गई थी जिस पर काबू पाने के लिये पांच शहरों के 19 दमकल वाहनों ने कई फेरे लगाये।
पुलिस के अनुसार कारखाने के अंदर इंडियन आयल की पाइप लाइन को एक वाल्व के माध्यम से भूमिगत पाइप लाइन डालकर जोडा गया था, जिससे कच्चे तेल की चोरी की जा रही थी। पुलिस के अनुसार इसमें पंखें और रोशनी की व्यवस्था भी थी। पुलिस ने बताया कि कारखाने में लगी आग को बुझाने के दौरान मामला उजागर हुआ।
थानाधिकारी बुदद्धि प्रकाश ने बताया, ‘‘शनिवार तड़के तीन बजे लगी आग पर दिन में तीन बजे तक काबू नहीं पाया जा सका। बाद में हमें पता चला कि कारखाने से कच्चे तेल का रिसाव हो रहा है। चूंकि पाइप लाइन कारखाने से 100 मीटर की दूरी से जा रही है, हमें कारखाने में पाइप लाइन से कच्चा तेल चुराने का संदेंह हुआ जिसके चलते आग लगी थी।’’
उन्होंने बताया कि कारखाने की दीवारों को तोडा गया तब पता लगा कि कारखाने के अंदर पाइप लाइन से कच्चा तेल निकला जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब शाम को इंडियन आयल कंपनी की कच्चे तेल की मुख्य पाइप लाइन की सप्लाई को रोका गया तब आग पर काबू पाया जा सका।
उन्होंने बताया, ‘‘यह स्पष्ट है कि कारखाने का उपयोग कच्चे तेल की चोरी और ट्रकों में परिवहन के लिए किया गया था। कारखाने में मौजूद एक ट्रक और कई ड्रम आग की चपेट में आ गये थे।’’
उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों का कहना कि कारखाने में चार-पांच मजदूर काम करते थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि आग में कोई मजदूर कारखाने में फंसा था या आग लगने पर वो भाग गये।
उन्होंने बताया कि थर्मोकॉल और अन्य कच्चे माल के कई बैग कारखाने के बाहर फेंक दिए गए थे ताकि यह आभास हो सके कि कारखाने में थर्मोकॉल के उत्पादों का निमार्ण किया जा रहा था, लेकिन यह कच्चे तेल की चोरी करने के लिए एक दिखावा था। उन्होंने बताया कि कारखाना एक खेत में स्थित है और अभी तक कारखाने के मालिक की पहचान नहीं हो सकी है।
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