Maharashtra Politics: संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने ऐलान किया है कि वह 25 जुलाई से महाराष्ट्र में आरक्षण बचाओ यात्रा निकालने जा रहे हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद राज्य में मिल रहे एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का बचाव करना है और एससी-एसटी समुदाय की स्कॉलरशिप की राशि को दोगुना करवाना है। यह यात्रा पश्चिमी महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और पश्चिमी विदर्भ से होकर गुजरेगी।
प्रकाश अंबेडकर के इस ऐलान से राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार की मुशिकलें बढ़ सकती हैं क्योंकि एक तरफ मराठा ओबीसी आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ ओबीसी समुदाय अपने हितों की रक्षा करने के लिए आवाज उठा रहा है। इस बीच प्रकाश अंबेडकर का आंदोलन आग में घी की तरह काम कर सकता है। अंबेडकर ने उन इलाकों ने अपनी यात्रा निकालने का ऐलान किया है, जहां हालिया लोकसभा चुनावों में महायुति को झटके लगे हैं।
यह यात्रा 25 जुलाई को दादर चैत्यभूमि से शुरू होगी, जो कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, उस्मानाबाद, बीड, लातूर, नांदेड़, यवतमाल, अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, जालना होते हुए 8 अगस्त को छत्रपति संभाजीनगर में समाप्त होगी।
प्रकाश अंबेडकर ने ऐसे समय इस आंदोलन का ऐलान किया है, जब कुछ ही महीनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बड़ी बात यह है कि अंबेडकर ने एनडीए की कमजोर कड़ी को अपना हथियार बनाया है। यानी जिन-जिन इलाकों में लोकसभा चुनावों में एनडीए का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है, वहां अंबेडकर ओबीसी और एससी-एसटी मतदाताओं को उनके खिलाफ करने की कवायद में जुटे हैं।
बता दें कि मराठा आरक्षण के लिए जारांगे पाटिल ने अपना आंदोलन शुरू कर दिया है। मराठा समुदाय के प्रदर्शन के बीच महाराष्ट्र में ध्रुवीकरण बढ़ता जा रहा है। ओबीसी नेता मराठों की इस मांग का विरोध कर रहे हैं। इन परिस्थितियों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री शंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। हालांकि, उस बैठक में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे समूह के मराठा नेता मौजूद नहीं थे। ऐसे में प्रकाश अंबेडकर ने पूछा है कि उस बैठक में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका रही? अंबेडकर का कहना है कि जब तक एनसीपी, कांग्रेस, बीजेपी और उद्धव ठाकरे ग्रुप के अमीर मराठे आगे नहीं आएंगे, तब तक कोई समाधान नहीं निकल सकेगा।
इधर, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कहा कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण मिलना चाहिए या नहीं के मुद्दे पर शरद पवार और कांग्रेस नेताओं का रुख स्पष्ट नहीं है। नागपुर हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बावनकुले ने कहा कि मराठा आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए शरद पवार से मिलने का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल का कदम उचित था और इसका उद्देश्य सामाजिक सद्भाव बनाए रखना था। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों व शिक्षा में आरक्षण की मांग पर सभी राजनीतिक दल और राज्य विधानमंडल मराठा समुदाय के साथ हैं।
आरक्षण पर हाथ जला चुके NDA को नई टेंशन, अब महाराष्ट्र में नए आंदोलन की आहट