अग्निपथ विरोध: सबका सैनिक समिति बोली- मंत्री-अधिकारियों के बच्चों को सेना में भर्ती करें, शहीद हुए तो देंगे एक करोड़


ख़बर सुनें

अग्निपथ योजना का विरोध बढ़ता जा रहा है। हरियाणा के झज्जर में सबका सैनिक समिति ने इसका विरोध किया है। समिति के पदाधिकारियों ने इस संबंध में राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन देकर साफ कहा कि या तो इसे रद्द किया जाएग अन्यथा मंत्री और अधिकारियों के बच्चे भी सेना में अग्निवीर के रुप में भर्ती किए जाएं। यदि वे शहीद होते हैं तो सरकार के अलावा सबका सैनिक समिति भी उन्हें एक करोड़ देकर सम्मानित करेगी। 

इस  संबंध में सबका सैनिक संघंर्ष समिति के पदाधिकारी लघु सचिवालय पहुंचे। सूबेदार जगदीश चंद खोरड़ा की अध्यक्षता में राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र उपायुक्त का सौंपा। इस दौरान महासचिव कपिल फौजी सिलानी ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना को वापस ले यदि ऐसा नहीं करती तो सभी मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चों को छूट देकर उनके 17 से 42 साल के बच्चों को सेना में अग्निवीरों के रूप में भर्ती किया जाए।

यदि मंत्री अधिकारी का बच्चा शहीद होगा तो सरकार की ओर से एक करोड़ मिलेगा, साथ ही सबका सैनिक समिति भी उनके परिजनों को एक करोड़ देकर सम्मानित करेगी, ताकि नेताओं और अधिकारियों को अपने बच्चे की शहादत पर गर्व हो।

कैप्टन राजेंद्र सुहाग ने कहा सेना में अग्निपथ योजना में सिर्फ 4 साल की भर्ती करके सरकार ने देश प्रेमियों के  साथ विश्वास घात किया है। बलबीर गुलिया ने कहा कि सरकार पेंशन बजट बचाने के चक्कर में देश की सुरक्षा को दांव पर लगा रही है। कहा कि सेना में तकरीबन 33 प्रतिशत जवान अधिकारियों के घरों में घरेलू नौकर के रुप में काम कर रहे हैं। आगे से केवल ऐसे ही अग्निवीरों को स्थायी किया जाएगा। 

हवलदार धर्मपाल अहलावत ने कहा केंद्र सरकार ने यह बात स्पष्ट नहीं की है कि किस नौकरी में तरजीह युवाओं को दी जाएगी। जगबीर नेहरा ने केंद्र सरकार से पूछा कि पूर्व सैनिकों के लिए भी रिजर्वेशन है लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत को ही नौकरी मिलती है तो लाखों की गिनती में 4 साल बाद निकाले जाने वाले अग्निवीरों को नौकरी देने के लिए क्या केंद्र सरकार दूसरे देशों से अनुबंध करेगी। अर्ध सैनिक बलों तथा राज्य पुलिस में पहले भी पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाती थी लेकिन फिर भी पेंशन पर आए 10 प्रतिशत जवानों को को ही नौकरी मिलती थी और 90 प्रतिशत बेरोजगार होते है।

रामकिशन फौजी छपार ने कहा कि तीनों सेनाओं के जनरल संतुष्ट क्यों हैं इसको समझना पड़ेगा। इससे पहले तीनों सेनाओं के मुखिया 7 वें पे कमीशन के 2.57 के फार्मूले को नामंजूर कर चुके हैं लेकिन जब केंद्र सरकार ने अधिकारियों के लिए अलग से 2.81 तक का फार्मूला जवानों से भेदभाव वाला देने की योजना बताई तो तीनों सेना मुखियाओं ने 24 घंटे के अंदर पे कमीशन भी मंजूर कर लिया और साइन भी कर दिए। अगर देश की सेना को कमजोर करने वाली अग्निपथ योजना पर जल्द ही कोई अच्छा फैसला नही लिया गया तो मजबूरन देश हित में इसके खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का फैसला लेना पड़ेगा। 

इस मौके पर सार्जेंट विष्णु पंडित, ईश्वर फौजी, कृष्ण अहलावत, सूबेदार रामफूल सुहाग, हवलदार बलवंत अहलावत, हवलदार नरेश सिंह, सूबेदार साहबसिंह, हवलदार राजबीर सिंह, सूबेदार जगदीश खोएड़ा, कैप्टन राजेंद्र सुहाग, हवलदार खजान सिंह गुलिया, रामकिशन फौजी छपार, सूबेदार बलबीर गुलिया, आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

विस्तार

अग्निपथ योजना का विरोध बढ़ता जा रहा है। हरियाणा के झज्जर में सबका सैनिक समिति ने इसका विरोध किया है। समिति के पदाधिकारियों ने इस संबंध में राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन देकर साफ कहा कि या तो इसे रद्द किया जाएग अन्यथा मंत्री और अधिकारियों के बच्चे भी सेना में अग्निवीर के रुप में भर्ती किए जाएं। यदि वे शहीद होते हैं तो सरकार के अलावा सबका सैनिक समिति भी उन्हें एक करोड़ देकर सम्मानित करेगी। 

इस  संबंध में सबका सैनिक संघंर्ष समिति के पदाधिकारी लघु सचिवालय पहुंचे। सूबेदार जगदीश चंद खोरड़ा की अध्यक्षता में राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र उपायुक्त का सौंपा। इस दौरान महासचिव कपिल फौजी सिलानी ने कहा कि सरकार अग्निपथ योजना को वापस ले यदि ऐसा नहीं करती तो सभी मंत्रियों और अधिकारियों के बच्चों को छूट देकर उनके 17 से 42 साल के बच्चों को सेना में अग्निवीरों के रूप में भर्ती किया जाए।

यदि मंत्री अधिकारी का बच्चा शहीद होगा तो सरकार की ओर से एक करोड़ मिलेगा, साथ ही सबका सैनिक समिति भी उनके परिजनों को एक करोड़ देकर सम्मानित करेगी, ताकि नेताओं और अधिकारियों को अपने बच्चे की शहादत पर गर्व हो।

कैप्टन राजेंद्र सुहाग ने कहा सेना में अग्निपथ योजना में सिर्फ 4 साल की भर्ती करके सरकार ने देश प्रेमियों के  साथ विश्वास घात किया है। बलबीर गुलिया ने कहा कि सरकार पेंशन बजट बचाने के चक्कर में देश की सुरक्षा को दांव पर लगा रही है। कहा कि सेना में तकरीबन 33 प्रतिशत जवान अधिकारियों के घरों में घरेलू नौकर के रुप में काम कर रहे हैं। आगे से केवल ऐसे ही अग्निवीरों को स्थायी किया जाएगा। 

हवलदार धर्मपाल अहलावत ने कहा केंद्र सरकार ने यह बात स्पष्ट नहीं की है कि किस नौकरी में तरजीह युवाओं को दी जाएगी। जगबीर नेहरा ने केंद्र सरकार से पूछा कि पूर्व सैनिकों के लिए भी रिजर्वेशन है लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत को ही नौकरी मिलती है तो लाखों की गिनती में 4 साल बाद निकाले जाने वाले अग्निवीरों को नौकरी देने के लिए क्या केंद्र सरकार दूसरे देशों से अनुबंध करेगी। अर्ध सैनिक बलों तथा राज्य पुलिस में पहले भी पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाती थी लेकिन फिर भी पेंशन पर आए 10 प्रतिशत जवानों को को ही नौकरी मिलती थी और 90 प्रतिशत बेरोजगार होते है।

रामकिशन फौजी छपार ने कहा कि तीनों सेनाओं के जनरल संतुष्ट क्यों हैं इसको समझना पड़ेगा। इससे पहले तीनों सेनाओं के मुखिया 7 वें पे कमीशन के 2.57 के फार्मूले को नामंजूर कर चुके हैं लेकिन जब केंद्र सरकार ने अधिकारियों के लिए अलग से 2.81 तक का फार्मूला जवानों से भेदभाव वाला देने की योजना बताई तो तीनों सेना मुखियाओं ने 24 घंटे के अंदर पे कमीशन भी मंजूर कर लिया और साइन भी कर दिए। अगर देश की सेना को कमजोर करने वाली अग्निपथ योजना पर जल्द ही कोई अच्छा फैसला नही लिया गया तो मजबूरन देश हित में इसके खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने का फैसला लेना पड़ेगा। 

इस मौके पर सार्जेंट विष्णु पंडित, ईश्वर फौजी, कृष्ण अहलावत, सूबेदार रामफूल सुहाग, हवलदार बलवंत अहलावत, हवलदार नरेश सिंह, सूबेदार साहबसिंह, हवलदार राजबीर सिंह, सूबेदार जगदीश खोएड़ा, कैप्टन राजेंद्र सुहाग, हवलदार खजान सिंह गुलिया, रामकिशन फौजी छपार, सूबेदार बलबीर गुलिया, आदि पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

.


What do you think?

वन विभाग के मजदूरों का मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी

किशोरी को बहला फुसलाकर होटल में ले जाकर दुष्कर्म करने का आरोपी गिरफ्तार