अग्निपथ योजना के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान


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संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला। सेक्टर 12 स्थित जाट भवन के समीप एकत्रित होने के बाद किसान प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और जिला खजाना अधिकारी रामनिवास खर्ब को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान संगठनों ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान किया था। जिला मुख्यालय के अलावा तहसील व खंड स्तर पर भी प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए गए हैं। भाकियू टिकैत ग्रुप, भाकियू सर छोटूराम व भारतीय किसान नौजवान यूनियन के पदाधिकारी प्रदर्शन में शामिल हुए।
भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने इस योजना को जवान विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी करार दिया। उन्होंनेे कहा कि केंद्र सरकार ‘जय जवान-जय किसान’ के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है। अग्निपथ को देश के भविष्य से खिलवाड़ बताते हुए कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों से खिलवाड़ है।
भाकियू नेता बहादुर सिंह मेहला ने कहा कि अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है। अब सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है, जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था। प्रदर्शनकारियों में गुरनाम संधू, अमृतपाल बुग्गा, बलवान, सुरेंद्र सांगवान, श्याम सिंह मान, सुरेंद्र धुम्मन, जोशपाल गिल, मेहताब कादियान, बाबा तखविंद्र सिंह दरड़, यशपाल राणा, सतबीर मंढाण, छत्रपाल सिंधड़, समय सिंह संधू, कुलदीप संधू, सुनील पुनिया व दिलावर डबकौली के अलावा अन्य किसान मौजूद रहे।

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करनाल। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने शुक्रवार को अग्निपथ योजना के खिलाफ शहर में रोष मार्च निकाला। सेक्टर 12 स्थित जाट भवन के समीप एकत्रित होने के बाद किसान प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और जिला खजाना अधिकारी रामनिवास खर्ब को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान संगठनों ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का एलान किया था। जिला मुख्यालय के अलावा तहसील व खंड स्तर पर भी प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए गए हैं। भाकियू टिकैत ग्रुप, भाकियू सर छोटूराम व भारतीय किसान नौजवान यूनियन के पदाधिकारी प्रदर्शन में शामिल हुए।

भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने इस योजना को जवान विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी करार दिया। उन्होंनेे कहा कि केंद्र सरकार ‘जय जवान-जय किसान’ के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है। अग्निपथ को देश के भविष्य से खिलवाड़ बताते हुए कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों से खिलवाड़ है।

भाकियू नेता बहादुर सिंह मेहला ने कहा कि अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है। अब सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है, जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था। प्रदर्शनकारियों में गुरनाम संधू, अमृतपाल बुग्गा, बलवान, सुरेंद्र सांगवान, श्याम सिंह मान, सुरेंद्र धुम्मन, जोशपाल गिल, मेहताब कादियान, बाबा तखविंद्र सिंह दरड़, यशपाल राणा, सतबीर मंढाण, छत्रपाल सिंधड़, समय सिंह संधू, कुलदीप संधू, सुनील पुनिया व दिलावर डबकौली के अलावा अन्य किसान मौजूद रहे।

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