अग्निपथ पर आक्रोश में युवा, दिल्ली-जयपुर हाईवे को सात घंटे जाम रखा


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गुरुग्राम/पटौदी। केंद्र सरकार की ओर से दो दिन पहले सेना में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की घोषणा से क्षेत्र के युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा। आक्रोशित युवाओं ने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली-जयपुर हाईवे को सात घंटे जाम रखा। जाम का प्रमुख केंद्र बिलासपुर चौक रहा। यहां बड़ी संख्या में युुवा प्रदर्शन करने पहुंचे थे। बिलासपुर से रेवाड़ी की ओर धारूहेड़ा तक 13 किमी लंबी वाहनों की लाइन लग गई।
जाम की सूचना के बाद रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली की ओर आने वाले वाहनों को धारूहेड़ा से ही पटौदी की ओर डायवर्ट कर दिया। रेवाड़ी-गुरुग्राम बॉर्डर पर रेवाड़ी और गुरुग्राम पुलिस ने मिलकर मोर्चा संभाला और कापड़ीवास मोड़ पर वाहनों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाने पड़े। यहां से भी वाहनों को पटौदी के रास्ते मानेसर और गुरुग्राम निकाला गया। भारी वाहनों को आकेड़ा-भिवाड़ी-तावडू होते सोहना से गुरुग्राम का विकल्प दिया गया।
गुरुग्राम-दिल्ली की ओर से रेवाड़ी-जयपुर जाने वाले वाहनों को मानेसर (वाटिका नेक्सट चौक) और पचगांव से पटौदी की ओर डायवर्ट किया गया। इस दौरान पटौदी की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर वाहनों का दबाव बढ़ा तो वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम के हालात बन गए। हालत जब एकदम बेकाबू हो गए तो गुरुग्राम पुलिस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से वाहन चालकों को जाम की सूचना देते हुए पटौदी के अलावा दूसरे वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी। शाम चार बजे के बाद प्रदर्शनकारियों के हाईवे से हटने के बाद पुलिस को यातायात सुचारु करने में मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस के आने के बाद युवा अधिक उग्र हो गए
सुबह 8:30 तक बिलासपुर चौक पर युवाओं का एक जत्था चहलकदमी करता दिखा, लेकिन हाईवे पर सब सामान्य था। 8:40 के बाद चौक पर युवाओं की भीड़ बढ़ने लगी और प्रदर्शन शुरू हो गया। थोड़ी देर में ही बड़ी संख्या में युवा हाईवे पर बैठ गए और वाहनों के पहिए रोक दिए। चौक से 50 मीटर दूर स्थिति बिलासपुर थाने में जैसे ही हाईवे जाम की सूचना पहुंची तो पुलिस मौके पर आई और जाम लगा रहे युवकों को हटाने का प्रयास किया। पुलिस के आने के बाद युवा अधिक उग्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। जाम के कारण जयपुर की ओर वाहनों की लाइन बढ़ने लगी और चौक पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस जब कुछ समझ पाती, हाईवे पर जाम बेकाबू हो चले थे। युवाओं का आक्रोश बढ़ता देख आसपास के थानों से पुलिस बल बुलाया गया। सूचना पर पटौदी, हेलीमंडी, मानेसर, तावडू, धारूहेड़ा पुलिस पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची। इस बीच पटौदी एसीपी हरेंद्र सिंह, एसीपी मानेसर सुरेश कुमार ने युवाओं को खूब समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद ही एडीसी विश्राम कुमार मीणा मौके पर पहुंचे और युवाओं से संवाद किया। उन्होंने युवाओं से जाम खोलने की गुजारिश की लेकिन वे नहीं माने। एडीसी ने सरकार तक उनकी बात पहुंचाने की भी बात कही, लेकिन युवा तत्काल किसी नतीजे पर पहुंचने पर अड़े रहे। पुलिस ने वाहनों का रूट डायवर्ट कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। शाम चार बजे एडीसी मीणा प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर बिलासपुर चौक पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से 21 दिन का समय मांगा। तब प्रदर्शनकारी भी भीषण गर्मी से परेशान हो चुके थे। शाम 4:10 बजे चौक पर वाहनों ने रेंगना शुरू किया।
गर्मी में परेशान रहे लोग
वाहनों के दबाव के कारण चारों ओर की सड़कों पर वाहनों का जमावड़ा लग गया। सवारी वाहनों में फंसे लोग भीषण गर्मी में परेशान रहे। बसों और दूसरे डग्गामार वाहनों में गर्मी से बच्चे बिलबिलाते रहे। लोग वाहनों से उतर कर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरे विकल्पों को तलाशते रहे। जयपुर से दिल्ली लौट रहे आस्ट्रेलिया के निवासी टॉम ने पहली बार जाम देखा। करीब 55 साल के टॉम ने कहा कि यह उनके जीवन में पहला अनुभव है। उसने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदर्शन ऐसा भी होता है?
युवा बाले-मंजूर नहीं अग्निपथ
जाम लगा रहे धारूहेड़ा के प्रदीप, बिस्सर के जय गुर्जर, पटौदी के हर्ष, जोनियावास के रोहित और महेश, बोहड़ा कलां के प्रदीप, गुढा के संजय ने कहा कि उन्हें किसी भी सूरत में अग्निपथ योजना मंजूर नहीं है। मोदी सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। भर्ती की तैयारी में जुटे जिन युवाओं की उम्र निकल गई है उन्हें उस उम्र में छूट देकर मौका देना चाहिए। ऐसे फैसले की बजाय मोदी सरकार युवाओं को बेरोजगार करने पर तुली है।
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
पूर्व सैनिक और कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए यह गलत फैसला है, इसे तत्काल वापिस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना युवाओं के लिए पेशा नहीं बल्कि जुनून और जीवन है। अहीरवाल से हर हर साल सैकड़ों परिवार अपने बेटों को देश की सेवा के लिए भेजते हैं। यह योजना उनके जुनून को कम करेगी। उन्होंने कहा कि सेना में चार लाख से अधिक पद खाली हैं और छोटे अनुबंध के आधार पर युवाओं को उनकी क्षतिपूर्ति करना अस्वीकार्य है।

गुरुग्राम/पटौदी। केंद्र सरकार की ओर से दो दिन पहले सेना में अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की घोषणा से क्षेत्र के युवाओं का आक्रोश सड़कों पर दिखा। आक्रोशित युवाओं ने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली-जयपुर हाईवे को सात घंटे जाम रखा। जाम का प्रमुख केंद्र बिलासपुर चौक रहा। यहां बड़ी संख्या में युुवा प्रदर्शन करने पहुंचे थे। बिलासपुर से रेवाड़ी की ओर धारूहेड़ा तक 13 किमी लंबी वाहनों की लाइन लग गई।

जाम की सूचना के बाद रेवाड़ी पुलिस ने दिल्ली की ओर आने वाले वाहनों को धारूहेड़ा से ही पटौदी की ओर डायवर्ट कर दिया। रेवाड़ी-गुरुग्राम बॉर्डर पर रेवाड़ी और गुरुग्राम पुलिस ने मिलकर मोर्चा संभाला और कापड़ीवास मोड़ पर वाहनों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बैरिकेड लगाने पड़े। यहां से भी वाहनों को पटौदी के रास्ते मानेसर और गुरुग्राम निकाला गया। भारी वाहनों को आकेड़ा-भिवाड़ी-तावडू होते सोहना से गुरुग्राम का विकल्प दिया गया।

गुरुग्राम-दिल्ली की ओर से रेवाड़ी-जयपुर जाने वाले वाहनों को मानेसर (वाटिका नेक्सट चौक) और पचगांव से पटौदी की ओर डायवर्ट किया गया। इस दौरान पटौदी की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर वाहनों का दबाव बढ़ा तो वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम के हालात बन गए। हालत जब एकदम बेकाबू हो गए तो गुरुग्राम पुलिस ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से वाहन चालकों को जाम की सूचना देते हुए पटौदी के अलावा दूसरे वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी। शाम चार बजे के बाद प्रदर्शनकारियों के हाईवे से हटने के बाद पुलिस को यातायात सुचारु करने में मशक्कत करनी पड़ी।

पुलिस के आने के बाद युवा अधिक उग्र हो गए

सुबह 8:30 तक बिलासपुर चौक पर युवाओं का एक जत्था चहलकदमी करता दिखा, लेकिन हाईवे पर सब सामान्य था। 8:40 के बाद चौक पर युवाओं की भीड़ बढ़ने लगी और प्रदर्शन शुरू हो गया। थोड़ी देर में ही बड़ी संख्या में युवा हाईवे पर बैठ गए और वाहनों के पहिए रोक दिए। चौक से 50 मीटर दूर स्थिति बिलासपुर थाने में जैसे ही हाईवे जाम की सूचना पहुंची तो पुलिस मौके पर आई और जाम लगा रहे युवकों को हटाने का प्रयास किया। पुलिस के आने के बाद युवा अधिक उग्र हो गए और नारेबाजी करने लगे। जाम के कारण जयपुर की ओर वाहनों की लाइन बढ़ने लगी और चौक पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस जब कुछ समझ पाती, हाईवे पर जाम बेकाबू हो चले थे। युवाओं का आक्रोश बढ़ता देख आसपास के थानों से पुलिस बल बुलाया गया। सूचना पर पटौदी, हेलीमंडी, मानेसर, तावडू, धारूहेड़ा पुलिस पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंची। इस बीच पटौदी एसीपी हरेंद्र सिंह, एसीपी मानेसर सुरेश कुमार ने युवाओं को खूब समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद ही एडीसी विश्राम कुमार मीणा मौके पर पहुंचे और युवाओं से संवाद किया। उन्होंने युवाओं से जाम खोलने की गुजारिश की लेकिन वे नहीं माने। एडीसी ने सरकार तक उनकी बात पहुंचाने की भी बात कही, लेकिन युवा तत्काल किसी नतीजे पर पहुंचने पर अड़े रहे। पुलिस ने वाहनों का रूट डायवर्ट कर अपनी जिम्मेदारी निभाई। शाम चार बजे एडीसी मीणा प्रशासन के उच्चाधिकारियों से बातचीत कर बिलासपुर चौक पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से 21 दिन का समय मांगा। तब प्रदर्शनकारी भी भीषण गर्मी से परेशान हो चुके थे। शाम 4:10 बजे चौक पर वाहनों ने रेंगना शुरू किया।

गर्मी में परेशान रहे लोग

वाहनों के दबाव के कारण चारों ओर की सड़कों पर वाहनों का जमावड़ा लग गया। सवारी वाहनों में फंसे लोग भीषण गर्मी में परेशान रहे। बसों और दूसरे डग्गामार वाहनों में गर्मी से बच्चे बिलबिलाते रहे। लोग वाहनों से उतर कर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरे विकल्पों को तलाशते रहे। जयपुर से दिल्ली लौट रहे आस्ट्रेलिया के निवासी टॉम ने पहली बार जाम देखा। करीब 55 साल के टॉम ने कहा कि यह उनके जीवन में पहला अनुभव है। उसने हैरानी जताते हुए कहा कि प्रदर्शन ऐसा भी होता है?

युवा बाले-मंजूर नहीं अग्निपथ

जाम लगा रहे धारूहेड़ा के प्रदीप, बिस्सर के जय गुर्जर, पटौदी के हर्ष, जोनियावास के रोहित और महेश, बोहड़ा कलां के प्रदीप, गुढा के संजय ने कहा कि उन्हें किसी भी सूरत में अग्निपथ योजना मंजूर नहीं है। मोदी सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। भर्ती की तैयारी में जुटे जिन युवाओं की उम्र निकल गई है उन्हें उस उम्र में छूट देकर मौका देना चाहिए। ऐसे फैसले की बजाय मोदी सरकार युवाओं को बेरोजगार करने पर तुली है।

कांग्रेस ने भी साधा निशाना

पूर्व सैनिक और कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि सेना में भर्ती के लिए यह गलत फैसला है, इसे तत्काल वापिस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना युवाओं के लिए पेशा नहीं बल्कि जुनून और जीवन है। अहीरवाल से हर हर साल सैकड़ों परिवार अपने बेटों को देश की सेवा के लिए भेजते हैं। यह योजना उनके जुनून को कम करेगी। उन्होंने कहा कि सेना में चार लाख से अधिक पद खाली हैं और छोटे अनुबंध के आधार पर युवाओं को उनकी क्षतिपूर्ति करना अस्वीकार्य है।

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