उन्होंने कहा,‘हमें लगता है कि किसान आंदोलन में जो सरकार की किरकिरी हुई उसका बदला लेने के लिए पहले किसान और अब जवान… सेना को भी टूरिज्म बना दिया। क्योंकि सबसे अधिक किसान के बेटे सेना में नौकरी के लिए जाते हैं।’ बेनीवाल ने कहा,‘जिस तरह किसान आंदोलन में प्रधानमंत्री को झुकाया था … इस मामले में भी केंद्र सरकार को चेतावनी देता हूं कि वह समय रहते इस योजना को वापस ले, नहीं तो 2024 में प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के सत्ता में वापस आने का सपना देश के जवान चूर कर देंगे।’
उन्होंने कहा कि एक दर्जन से अधिक राज्यों में केंद्र के संविदा आधारित सेना में भर्ती के निर्णय के विरोध में आंदोलन हो रहा है,समय रहते केंद्र को अपने इस फैसले को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘केंद्र सरकार ने पहले किसान को छेड़ा अब उस जवान को छेड़ा, जिस जवान के दम पर प्रधानमंत्री मोदी सत्ता के शिखर पर बैठे और दो बार प्रधानमंत्री बनने का उनका सपना पूरा हुआ’
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का योजना लाने का निर्णय गलत है, इससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा,‘ मोदी जब 2014 में सत्ता में आए तो लोगों को बड़ी उम्मीदें थी कि कम से कम हमारे सेना के जवान शहीद नहीं होगें। मैं तो यह कहना चाहूंगा कि संप्रग के कार्यकाल में देश की जवानों की जो शहादत होती थी, उससे अधिक किसान के बेटे पिछले आठ साल में शहीद हुए हैं।’
उन्होंने कहा,‘…विपक्ष को तो खत्म कर दिया क्योंकि विपक्ष में कोई है ही नहीं। इसलिए आराम से अकेले ही फुटबाल खेल रहे हैं और गोल पर गोल दागे जा रहे हैं। अब सेना बची है, तो सेना में चार साल बाद जो आएगा वह अडाणी अंबानी के यहां उनके सुरक्षा गार्ड की नौकरी करेगा।’ इसके साथ ही सांसद ने कहा,‘मैं नौजवानों से अपील करूंगा कि वे हिंसा का रास्ता अख्तियार न करें। हमें लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ना है और दिल्ली केंद्र की सरकार को झुकाना है।’
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