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बाइंडिंग करने पर मजदूरी नहीं मिलने पर एक बुजुर्ग जन्म एवं मृत्यु ऑफिस के विरोध में निगम के बाहर धरने पर बैठ गए। बुजुर्ग का बिल निगम में पास नहीं होने के कारण 2 महीने से उनकी 12 हजार रुपये की रकम रुकी हुई थी। जैसे ही यह मामला मेयर शैलजा सचदेवा के संज्ञान में आया तो उन्होंने बुजुर्ग को सफाई शाखा में बुलाया। वह सफाई शाखा में बैठकर समस्याएं सुन रही थी। साथ ही संबंधित ब्रांच के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया।
उन्होंने निगम अधिकारियों को बुजुर्ग को 12 हजार का भुगतान करने के निर्देश दिए गए। 5 मिनट में ही मेयर ने उनका भुगतान करवाया। बुजुर्ग को पैसे मिलते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए और वह रोने लग गए। मेयर ने बुजुर्ग को चुप करवाते हुए उनकी मेहनत को लेकर सरहाना की।
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